सूडान में सांप्रदायिक झड़पों के बाद हज़ारों विस्थापित

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यों के समन्वय कार्यालय (OCHA) ने मंगलवार को सूडान के सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि देश के पश्चिम दार्फ़ूर प्रांत में सांप्रदायिक झड़पों के बाद लगभग 40 हज़ार लोगों को विस्थापित होना पड़ा है.
ओसीएचए के प्रवक्ता जेन्स लाएर्के ने जिनीवा में संवाददाताओं से कहा, "28 दिसंबर के बाद से पश्चिम दार्फ़ूर प्रांत की राजधानी एल जेनेना के आसपास विभिन्न समुदायों के बीच हुई हिंसा में कम से कम 54 लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए. लगभग 40 हज़ार लोग विस्थापित हो गए हैं."
📍Our latest update on the situation and humanitarian response in West Darfur, Sudan, where violence has displaced 40,000 people.https://t.co/13cMEq8LaV
UNOCHA
प्रवक्ता ने कहा कि उनके मानवीय सहकर्मी विस्थापन के आंकड़ों को जांचने की कोशिश कर रहे हैं.
इसके अलावा आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के शिविरों पर हमले होने और घरों को जलाए जाने की भी खबरें आई हैं.
मानवीय सहायता साझेदार स्थिति की बारीक़ी से निगरानी कर रहे हैं और वो सुरक्षा स्थिति अनुकूल होने पर तुरंत इस बारे में जानकारी जुटाने में लग जाते हैं.
संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक सरकार व उसकी सहायक सेना और विद्रोही समूह के बीच 2003 में शुरू हुए दार्फ़ूर संघर्ष के दौरान लगभग तीन लाख लोग मारे गए हैं और लगभग 27 लाख लोग अपने घरों से भागने पर मजबूर हुए हैं.
नौ साल पहले पूर्व राष्ट्रपति अल-बशीर को जनसंहार सहित युद्ध अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था.
जेन्स लाएर्के ने कहा, "हज़ारों लोग चाड के गांवों में शरण लेने के लिए सीमा पार कर गए थे."
उन्होंने बताया कि पश्चिमी दार्फ़ूर में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों ने स्कूलों और सरकारी भवनों में शरण ली जिनकी मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र और साझेदार संगठन राहत कार्यों में सरकार का सहयोग कर रहे थे.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) के प्रवक्ता आंद्रेज़ माहेसिक ने कहा कि राहत टीमों ने कम से कम तीन हज़ार 700 ऐसे लोगों की पहचान की है जिन्होंने पश्चिमी दार्फ़ूर से लगी चाड की सीमा पार की थी. इनमें 2000 से अधिक महिलाएं और पांच से कम उम्र के लगऊभग 500 बच्चे शामिल हैं.
उन्होंने बताया, “परिस्थितियां विकट थीं और अधिकांश शरणार्थी खुले स्थानों में ही रह रहे थे; भोजन और पानी की तत्काल आवश्यकता थी.”
ओसीएचए के अनुसार, आश्रय, भोजन, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और खाद्य पदार्थों के अलावा अन्य सामग्री जुटाना सबसे बड़ी प्राथमिकताएं हैं.
उधर सुरक्षा चिंताओं के बीच, दार्फ़ूर में अफ्रीकी संघ-यूएन हाइब्रिड ऑपरेशन (UNAMID) ने 32 सहायताकर्मियों को मध्य दार्फ़ूर के ज़ालिंगेई शहर भेजने में मदद की है.
अंत में ओसीएचए के प्रवक्ता ने बताया, "फिलहाल प्रभावित क्षेत्र में स्थिति शांत थी और हालात स्थिर होते नज़र आ रहे थे."