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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख वेनेज़ुएला की स्थिति पर चिंतित

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बोलिवियाई गणतंत्र वेनेजुएला (बीच में) का झंडा। (फाइल चित्र).
UN Photo/Loey Felipe
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बोलिवियाई गणतंत्र वेनेजुएला (बीच में) का झंडा। (फाइल चित्र).

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख वेनेज़ुएला की स्थिति पर चिंतित

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा है कि वेनेज़ुएला के राजनैतिक संकट में आए नवीनतम मोड़ से "मुद्दे पर तत्काल संवाद की स्थिति हासिल करना बहुत कठिन हो जाएगा."

तेल संपन्न दक्षिण अमेरिकी देश वेनेज़ुएला में दो प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रपतियों के अलावा अब दो नेता नेशनल असेंबली के स्पीकर होने का भी दावा कर रहे हैं. 

रविवार को ताज़ा मोड़ तब आया जब नए अध्यक्ष के मतदान के दौरान, विपक्षी नेता युआन गुआदो को राजधानी काराकस में नेशनल असेंबली की इमारत में प्रवेश करने से रोक दिया गया.

नेशनल असेंबली के नेता युआन गुआदो ने जनवरी 2019 में ख़ुद को अंतरिम राष्ट्रपति भी घोषित किया था. उन्हें ये भी उम्मीद थी कि वार्षिक नियुक्ति वाले स्पीकर के पद पर वो फिर से चुन लिए जाएंगे.

उनके पूर्व सहयोगी लुई पार्रा ने एक तरफ़ ख़ुद को स्पीकर घोषित किया था, वहीं उसी दिन विपक्षी सदस्यों ने एक अख़बार के कार्यालय में आयोजित एक अलग सत्र में युआन गुआदो को फिर से स्पीकर चुना था.

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता द्वारा सोमवार शाम जारी एक बयान के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख, एंतोनियो गुटेरेश "चिंता के साथ" घटनाक्रम पर नज़र रखे हुए हैं.

बयान में कहा गया कि इस घटनाक्रम ने "तत्काल ज़रूरी बातचीत को और भी अधिक कठिन बना दिया है."

महासचिव ने सभी पक्षों से तनाव कम करने के लिए तत्काल क़दम उठाने और इस राजनैतिक संकट का शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान निकालने का आहवान किया.

राजनैतिक संकट के साथ-साथ आर्थिक मंदी की स्थिति 46 लाख से अधिक नागरिकों को वेनेज़ुएला छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है.

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी, यूएनएचसीआर और अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 ये संख्या 65 लाख तक पहुंच सकती है.

दोनों एजेंसियों ने नवंबर में वेनेज़ुएला के शरणार्थियों और लैटिन अमेरिका व कैरेबियन में प्रवासियों की बढ़ती ज़रूरतें पूरी करने और उनकी मेज़बानी करने वाले समुदायों की मदद के लिए 1 अरब 35 करोड़ डॉलर सहायता राशि जुटाने की अपील की है.