सीरिया के इदलिब में हालात आम लोगों के लिए एक 'दुस्वपन'

सीरिया के दक्षिणी इदलिब इलाक़े में हिंसक संघर्ष में तेज़ी आने से 15 दिसंबर से अब तक तीन लाख आम नागरिकों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है. सीरिया में संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय मानवीय सहायता उपसमन्यवयक मार्क कट्स ने हालात पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि हिंसा प्रभावितों के लिए वहां रहना एक दुस्वपन बन गया है.
इदलिब में हालात एक ऐसे समय में बिगड़ रहे हैं जब सर्दी के मौसम में तापमान गिरने से उन लोगों के स्वास्थ्य के लिए ख़तरा पैदा रहा है जिनके पास पर्याप्त संख्या में गर्म कपड़े नहीं हैं.
मार्क कट्स ने एक बयान जारी करके कहा, “मैं पश्चिमोत्तर सीरिया के इदलिब में लगातार बिगड़ती मानवीय स्थिति से बेहद चिंतित हूं जहां तीस लाख से ज़्यादा आम लोग एक युद्धक्षेत्र में फंसे हुए हैं – इनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं.”
"I am alarmed at the deteriorating humanitarian situation in Idleb, northwest Syria, where over three million civilians remain trapped in a war zone – the vast majority of them women and children."Full statement by @MarkCutts: https://t.co/CETA1jERgg
OCHA_Syria
कट्स ने स्थानीय जनता की दिक्क़तों को बयान करते हुए कहा, “इदलिब में कम से कम 13 स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों को सुरक्षा हालात के कारण बंद करना पड़ा है.”
उन्होंने बताया कि रविवार को अरीहा में हवाई बमबारी के बाद कम से कम 9 आम लोगों के मारे जाने और 20 अन्य के घायल होने की रिपोर्टें मिली थी.
इस बमबारी में दो स्कूलों और एक मस्जिद सहित कई अन्य इमारतों को नुक़सान पहुंचा था.
“यह महज़ एक बानगी है कि इदलिब में आम जनता को किस तरह रोज़ दुस्वपन का सामना करना पड़ रहा है.”
इससे पहले ही इस तरह की कई घटनाएं हाल के दिनों में हो चुकी हैं और हवाई बमबारी और गोलाबारी अब कई गांवों और क़स्बों में लगभग रोज़मर्रा की बात हो गई है.
कई लोगों को टेन्टों और अस्थाई रूप से शिविरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
मानवीय राहत मामलों में समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNOCHA) के अधिकारी ने बताया कि सीरिया के अन्य इलाक़ों से विस्थापित लोगों ने इदलिब में शरण ली हुई थी, लेकिन विस्थापन की ताज़ा घटनाओं की वजह से घनी आबादी वाले गवर्नरेट इदलिब में पहले से ही बदहाल हालात अब और ज़्यादा ख़राब हो गए हैं.
वर्ष 2019 में दक्षिण इदलिब में मई से अगस्त तक चार लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए और हवाई बमबारी व गोलाबारी में 1,300 नागरिकों की मौत हुई.
पिछले आठ महीनों के दौरान विद्रोहियों के क़ब्ज़े वाले इलाक़े में लड़ाई के कारण विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या सात लाख का आकंड़ा पार कर गई है.
“हमें हर दिन हिंसा में फंसे उन परिवारों के बारे में परेशन कर देने वाली रिपोर्टें मिलती हैं जो शरण और भीड़ भरे केंद्रों व शहरी इलाक़ों में ज़रूरी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं.”
अनेक लोगों ने स्कूलों, मस्जिदों और अन्य सार्वजनिक इमारतों में शरण ली हुई है.
बढ़ती ज़रूरतों के मद्देनज़र मानवीय राहत संगठनों को स्थिति संभालने में मुश्किलें पेश आ रही हैं और भोजन, शरण, स्वास्थ्य व अन्य ज़रूरी वस्तुओं की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.
संयुक्त राष्ट्र सभी पक्षों से निरन्तर अंतरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हिंसा को तुरंत रोकने का लगातार अनुरोध करता रहा है.