अन्य देशों से लीबिया में दख़ल नहीं देने की अपील

3 जनवरी को, त्रिपोली के पूर्व में सौग अल जुमआ इलाके के चार स्कूलों पर हमला हुआ, जिससे व्यापक क्षति हुई और लगभग 3000 छात्र प्रभावित हुए.
UN Libya
3 जनवरी को, त्रिपोली के पूर्व में सौग अल जुमआ इलाके के चार स्कूलों पर हमला हुआ, जिससे व्यापक क्षति हुई और लगभग 3000 छात्र प्रभावित हुए.

अन्य देशों से लीबिया में दख़ल नहीं देने की अपील

शांति और सुरक्षा

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी ने सभी देशों को सख़्त संदेश दिया है कि वो देश के मौजूदा संकट में हस्तक्षेप करना बंद करें. लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के सहायता मिशन (UNSMIL) के प्रमुख, ग़स्सान सलामे ने सुरक्षा परिषद की गोपनीय बैठक के बाद सोमवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ये संदेश दिया.

लीबिया के पश्चिमी हिस्से में स्थित राजधानी त्रिपोली में पिछले सप्ताह सैन्य अकादमी पर हुए ड्रोन हमले में अनेक कैडेटों की मौत के बाद ये बैठक आयोजित की गई.  ग़ौरतलब है कि राजधानी संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सरकार का केंद्र है.

लीबिया की राष्ट्रीय सेना (एलएनए) ने अप्रैल 2019 के बाद से त्रिपोली का घेराव किया हुआ है. एलएनए का पूर्वी क्षेत्र में सक्रिय प्रतिद्वंद्वी प्रशासन के साथ गठबंधन है.

ग़स्सान सलामे के अनुसार सैन्य अकादमी पर हुआ हमला हाल ही में बढ़ते हवाई हमलों का ही एक हिस्सा है और ये संभवतः "एलएनए का समर्थन करने वाले किसी देश" द्वारा किया गया था.

उन्होंने अन्य देशों से "लीबिया में हस्तक्षेप" न करने की पुकार लगाई. लीबिया लंबे समय से गुटीय संघर्ष में बढ़ते विदेशी हस्तक्षेप का सामना  कर रहा है.

ध्यान रहे कि लीबिया देश 2011 में पूर्व तानाशाह मुअम्मर ग़दाफ़ी के पतन के बाद से ही संकट की स्थिति से गुज़र रहा है.

ग़स्सान सलामे ने कहा, “मैंने जो कुछ सुरक्षा परिषद से कहा और जो इन देशों से कहा, वो बहुत स्पष्ट है: लीबिया से बाहर रहें. लीबिया में पर्याप्त हथियार हैं; उन्हें अतिरिक्त हथियारों की ज़रूरत नहीं है. लीबिया में पर्याप्त लड़ाके हैं, इसलिए भाड़े के सैनिकों को भेजना बंद करें, जैसे कि अभी सैकड़ों, शायद हज़ारों की संख्या में देश में आ रहे हैं.”

“लीबिया में हथियारों पर प्रतिबंध को लेकर एक प्रस्ताव मौजूद है. इस प्रस्ताव के लिए मतदान करने वाले देशों को इसे लागू करने की आवश्यकता है. यदि हर कोई हथियारों के इस प्रतिबंध का उल्लंघन करता है, तो यह एक समस्या है. लेकिन अगर इसके पक्ष में वोट करने वाले पक्ष ही इसका उल्लंघन करेंगे, तो यह और भी बड़ी समस्या होगी.”

लीबिया में निराशाजनक स्थिति

संयुक्त राष्ट्र के दूत ने लीबिया में मौजूदा स्थिति को "विशेष रूप से कठिन" और "निराशाजनक" क़रार दिया.

आम लोग इसकी बड़ी क़ीमत चुका रहे हैं, दर्जनों स्कूल बंद हैं, स्वास्थ्य सुविधाओं पर हमले हो रहा हैं और हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं. 

ग़स्सान सलामे ने ज़ोर देकर कहा कि इस संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं है और ये संभावित रूप से नाज़ुक पड़ोसी देशों पर प्रभाव डाल सकता है.

उन्होंने कहा, "लीबिया केवल एक तेल की कहानी नहीं है. लीबिया केवल एक गैस कहानी नहीं है. लीबिया केवल एक भू-राजनैतिक कहानी भर नहीं है: ये एक मानवीय कहानी भी है. लोग कष्ट भुगत रहे हैं और किसी अन्य कारण से नहीं बल्कि इसलिए कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पष्ट संदेश नहीं दिया जा रहा है - बस बहुत हुआ."

तीन-ट्रैक प्रक्रिया शुरू 

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मौजूदा अंधकारमय स्थिति का कोई समाधान निकालने के लिए दृढ़ संकल्पित है.

UNSMIL ने दोनों पक्षों को एक साथ लाकर, आर्थिक और वित्तीय स्थिति, सैन्य और सुरक्षा मामलों पर ध्यान केंद्रित करने और राजनीतिक संवाद के लिए एक तीन-स्तरीय प्रक्रिया शुरू की है.

उन्होंने बताया कि सोमवार को पहला चरण शुरू किया गया जिसमें दलों के प्रतिनिधियों ने ट्यूनिस में बैठक करके आर्थिक और वित्तीय मामलों पर चर्चा की.

उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि अगले दो हफ्तों में मैं सैन्य और सुरक्षा मुद्दों से संबंधित दूसरा चरण शुरू करने में सक्षम हो जाऊंगा: जिसमें युद्ध विराम, हथियारों पर प्रतिबंध, डीडीआर (निरस्त्रीकरण, फ़ौज हटाने और पुनःएकीकरण) प्रक्रिया, आतंकवाद का मुक़ाबला जैसे मुद्दे शामिल हैं.”

"मुझे उम्मीद है कि इस महीने के अंत से पहले हम जिनीवा में राजनैतिक संवाद शुरू कर पाएंगे."

ग़स्सान सलामे ने यह भी उम्मीद जताई कि आने वाले हफ्तों में बर्लिन में एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा ताकि ज़मीनी कोशिशों पर अंतरराष्ट्रीय "माहौल" बनाया जा सके.