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दिसम्बर में इदलिब से लगभग तीन लाख सीरियाई विस्थापित

तुर्की से लगी सीमा के पास किल्ली में, इदलिब के गवर्नरेट की बनाई अनौपचारिक बस्ती में ठंड से बचने के लिए बच्चे अपने विस्थापित परिवारों की मदद करते हुए.
UNICEF/Abdallah aad
तुर्की से लगी सीमा के पास किल्ली में, इदलिब के गवर्नरेट की बनाई अनौपचारिक बस्ती में ठंड से बचने के लिए बच्चे अपने विस्थापित परिवारों की मदद करते हुए.

दिसम्बर में इदलिब से लगभग तीन लाख सीरियाई विस्थापित

शान्ति और सुरक्षा

सीरिया में विद्रोहियों के क़ब्ज़े वाले आख़िरी क्षेत्र इदलिब प्रांत में फंसे तीस लाख आम लोगों की सुरक्षा के लिए चिंताओं के बीच, संयुक्त राष्ट्र में मानवीय और राजनैतिक मामलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को बंद दरवाज़े के पीछे सुरक्षा परिषद को सीरिया में हालात की जानकारी दी है.

देश के पश्चिमोत्तर में ज़मीन पर संघर्ष बढ़ने के बाद आपात राहत मामलों के समन्वयक, मार्क लोकॉक और राजनैतिक मामलों के लिए अवर महासचिव रोज़मेरी डीकार्लो ने बिगड़ते हालात की ख़ौफनाक तस्वीर पेश की.

संयुक्त राष्ट्र के उपप्रवक्ता फ़रहान हक़ ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों को बताया कि, "12 दिसंबर के बाद से दक्षिणी इदलिब से लगभग तीन लाख लोग विस्थापित हुए हैं. इनमें बच्चों और महिलाओं पर सबसे अधिक असर पड़ा है. विस्थापितों में आधे, यानी लगभग डेढ़ लाख बच्चे हैं."

उन्होंने बताया कि "आम नागरिक सुरक्षा के लिए उत्तर दिशा की ओर भाग रहे हैं जिससे शहर मरात एन-नुमान और उसके आसपास के इलाक़ों के लगभग खाली होने की सूचना है." 

इससे पहले अप्रैल 2019 से दिसंबर 2019 के शुरुआती दिनों तक चार लाख से अधिक महिलाएं, बच्चे और पुरुष पहले ही विस्थापित हो चुके हैं. इनमें से कुछ को तो कई बार घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है. 

इसी अवधि में, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक़ 1,330 से अधिक लोगों की मौत हुई है. 

फ़रहान हक़ ने बताया कि सर्दियों के प्रकोप से मानवीय स्थिति और गंभीर होती जा रही है. परिवार मूसलाधार बारिश को झेलते हुए भाग रहे हैं और रात में जमानेवाली ठंड पड़ रही हैं.

जिन लोगों ने उत्तरी इलाक़ों का रुख़ किया है, वे बारिश और ठंड की वजह से और भी बदतर स्थिति में हैं. इनमें बहुत से लोगों को कैंपों में, क्षतिग्रस्त इमारतों में, टेंटों में, पेड़ों के नीचे और खुले में रहना पड़ रहा है. 

उपप्रवक्ता के अनुसार मानवीय राहत एजेंसियों ने एक लाख 80 हज़ार से अधिक नए विस्थापितों को आपातकालीन भोजन और राहत मुहैया कराई है. 

हर रोज़ बदतर होती स्थिति 

सुरक्षा परिषद से मिलने से पहले फ्रांस के राजदूत निकोलस डी रिविएरे ने पत्रकारों को बताया कि ब्रिटेन और फ्रांस ने "वर्तमान स्थिति का जायज़ा लेने" के लिए ये सत्र बुलाने का आह्वान किया था.

उन्होंने कहा, "इदलिब में स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है."

फ्रांसीसी राजदूत ने कहा, "हम औपचारिक रूप से शासन और उसके सहयोगियों द्वारा की जा रही अंधाधुंध बमबारी की निंदा करते हैं, ख़ासतौर से स्कूल और अस्पताल जैसी नागरिक सुविधाओं पर. इसे तुरंत बंद करना होगा."

उन्होंने देश के पूर्वोत्तर और पश्चिमोत्तर, दोनों क्षेत्रों में मानवीय सहायता की सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करने की पुकार लगाई है.