लीबिया में सैन्य एकेडमी पर बमबारी की कड़ी निंदा, 30 की मौत

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNSMIL) ने राजधानी त्रिपोली की एक सैन्य एकेडमी पर बमबारी की कड़े शब्दों में निंदा की है. इस घटना में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हुए हैं. यह बमबारी शनिवार को राजधानी के दक्षिणी हिस्से में स्थित हदाबा एकेडमी में उस समय हुई जब कैडेट्स परेड ग्राउंड में एकत्र हो रहे थे.
कथित लीबियाई नेशनल आर्मी के स्वयंभू कमांडर ख़लीफ़ा हफ़्तार के वफ़ादार सैनिकों ने अप्रैल 2019 से त्रिपोली को अपने घेरे में लिया हुआ है और देश में अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार के सुरक्षा बलों के साथ लड़ाई जारी है.
हाल के हफ़्तों में हवाई हमलों और बमबारी में तेज़ी आई है जिसमें दिसंबर 2019 से अब तक कम से कम 11 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है.
शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने एक बयान जारी कर लीबिया में तत्काल युद्धविराम और राजनैतिक संवाद को फिर शुरू करने की अपील की थी. शनिवार को हुए इस हमले में अधिकांश हताहत देश के विभिन्न शहरों से आए कैडेट थे.
अपने बयान में यूएन महासचिव ने आगाह किया था कि विरोधी गुटों को किसी भी तरह का विदेशी समर्थन हिंसक संघर्ष को और गहरा करेगा जिससे शांतिपूर्ण ढंग से समाधान तलाशने के विकल्प और कम हो जाएंगे.
यूएन मिशन ने अरबी भाषा में एक ट्वीट के ज़रिए कहा कि सैन्य कार्रवाई के तेज़ होने से हालात ख़तरनाक हो गए हैं और लीबिया में स्थिति जटिल हो गई है. इससे राजनैतिक प्रक्रिया की ओर लौटने के अवसर ख़तरे में पड़ गए हैं.
साथ ही मिशन ने शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए हमले में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है.
मिशन के मुताबिक़ आम लोगों व नागरिक प्रतिष्ठानों पर अंधाधुंध बमबारी जारी है जिन्हें युद्ध अपराध के दायरे में रखा जा सकता है और इसके दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा चाहे इसमें कितना भी लंबा समय लगे.
हिंसा में निशाना बनने के कारण त्रिपोली के बाहरी इलाक़ों में स्थित 12 स्वास्थ्य केंद्रों को बंद करना पड़ा है और अन्य चार को आने वाले दिनों में बंद किया जा सकता है. अब तक 210 स्कूल भी बंद किए जा चुके हैं जिनके कारण एक लाख से ज़्यादा बच्चों को स्कूली शिक्षा नहीं मिल पा रही है.
यूएन मिशन ने पुकार लगाई है कि सभी आम नागरिकों और ज़रूरतमंदों को उनकी आवश्यकता की वस्तुओं और सेवाओं की तत्काल पूर्ति होनी चाहिए. इस बीच देश में विदेशी हस्तक्षेप की बढ़ती संभावनाओं पर भी चिंता जताई जा रही है. लीबिया के पूर्वी हिस्से में विरोधी गुट को कई देशों से समर्थन मिल रहा है जिनमें संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, जॉर्डन और रूस प्रमुख हैं.
ऐसे में गुरुवार को तुर्की की संसद ने एक बिल को पारित किया है जिसमें एकपक्षीय रूप से त्रिपोली में सरकार के समर्थन के लिए सैनिकों को भेजने की बात कही गई है.