अफ़ग़ानिस्तान: 'युद्ध के अंत से' ही बंधेगी ख़ुशहाल भविष्य की आशा

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMA) के प्रमुख तादामिची यामामोतो ने कहा है कि देश में युद्ध समाप्ति के बाद ही स्थानीय लोगों के समृद्ध भविष्य की कल्पना की जा सकती है. अफ़ग़ानिस्तान में हिंसक संघर्ष लंबे समय से जारी है और पिछले एक दशक में ही एक लाख से ज़्यादा लोग हताहत हुए हैं.
उन्होंने अपने बयान में कहा कि, “जैसाकि मैंने पिछले सप्ताह सुरक्षा परिषद को बताया, राष्ट्रपति चुनाव का चाहे जो भी नतीजा हो, नए प्रशासन के लिए शांति सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा होगा.”
"The United Nations remains committed to supporting an inclusive Afghan-led process that upholds the human rights of all citizens and leads to sustainable peace." – UN envoy Tadamichi Yamamoto on need for peace in #Afghanistan. Read the full statement: https://t.co/MtxnQ0oibe. pic.twitter.com/WCd81S8Qlc
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“मैं संयुक्त राष्ट्र की उस अपील को दोहराता हूं जिसमें सभी से शांति के लिए आवाज़ उठाने और सभी पक्षकारों से युद्ध समाप्ति के लिए खरे और ठोस क़दम उठाने की बात कही गई है. देश में हिंसक संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है.”
देश में जल, भूमि सहित अन्य प्राकृतिक संसाधनों पर लंबे समय से चले आ रहे विवादों के निपटारे के लिए यूएन मिशन स्थानीय समुदायों के साथ काम कर रहा है और ये प्रयास आने वाले में समय में भी जारी रहेंगे.
मिशन प्रमुख यामामोतो ने अफ़ग़ानिस्तान में टिकाऊ शांति व मानवाधिकारों की रक्षा के लिए वार्ता के संकल्प को रेखांकित किया है.
उन्होंने कहा कि महिलाओं व युवाओं को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि अफ़ग़ान नागरिकों के नेतृत्व में होने वाली शांति प्रक्रिया का वे अहम हिस्सा हैं.
“लेकिन युद्ध की समाप्ति के बाद ही अफ़ग़ानिस्तान में समृद्ध भविष्य के लिए वास्तविक उम्मीद बन पाएगी.”
“अफ़ग़ानिस्तान के लाखों आम नागरिकों – युवा व वृद्ध, महिला व पुरूष, लड़कियां व लड़के - की आशाएं और आकांक्षाएं उन कंधों पर टिकी हैं जो स्थाई राजनैतिक निपटारे के ज़रिए युद्ध का अंत करने के प्रयासों में जुटे हैं.”
यूएन मिशन प्रमुख ने दुख ज़ाहिर किया कि अफ़ग़ानिस्तान में जारी लड़ाई का ख़ामियाज़ा यहां की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.
“संयुक्त राष्ट्र सभी पक्षकारों से आग्रह करता है कि स्थाई राजनैतिक समाधान और युद्धविराम के रास्ते में हिंसा, विशेषकर आम लोगों को हानि पहुंचाने वाली हिंसा के स्तर को कम करने के रास्तों की तलाश करने की आवश्यकता है.”
तादामिची यामामोतो ने कहा कि हिंसा रूकने से एक ऐसा माहौल बनेगा जिससे अफ़ग़ान समुदाय के विभिन्न धड़ों में रचनात्मक वार्ता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.
यूएन मिशन के आंकड़ें दर्शाते हैं कि पिछले दस वर्षों में हिंसक संघर्ष में एक लाख से ज़्यादा आम लोग हताहत हुए हैं.