स्तन कैंसर के लिए किफ़ायती और असरदार दवाई

स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं के उपचार के लिए ट्रैस्टुज़ुमाब एक बेहद महत्वपूर्ण लेकिन महंगी दवाई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को बताया कि इस दवाई के एक किफ़ायती संस्करण को शुरुआती मंज़ूरी मिल गई है यानी अब कम आय वाले देशों के लिए भी उन्हें ख़रीद पाना और मरीज़ों तक पहुंचाना आसान हो सकेगा.
साल 2018 में स्तन कैंसर के 21 लाख मामले सामने आए. बीमारी के देर से पता चलने के कारण और किफ़ायती उपचार उपलब्ध नहीं होने के कारण 6 लाख 30 हज़ार महिलाओं की मौत हो गई.
WHO prequalifies first biosimilar medicine - trastuzumab - in a move that could make this expensive, life-saving breast cancer treatment more affordable and available to women globally https://t.co/wn1iYq5m22#WHOPrequalification pic.twitter.com/gHhPS85zxB
WHO
ट्रैस्टुज़ुमाब दवाई के एक चरण की क़ीमत आमतौर पर 20 हज़ार डॉलर होती है और महंगी होने के कारण यह दवाई कई महिलाओं व स्वास्थ्य प्रणालियों की पहुंच से बाहर है.
‘प्रीक्वालिफ़िकेशन’ यानी शुरुआती मंज़ूरी से तात्पर्य है कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा दवाई का आकलन करना और उसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पाना है. इसके बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसियों के लिए उन दवाईयों को ख़रीदना व उन्हें उपलब्ध कराना संभव हो पाता है.
यूएन एजेंसी का अनुमान है कि स्तन कैंसर के मामलों की संख्या वर्ष 2040 में 31 लाख तक पहुंच सकती है. कम और मध्य आय वाले देशों में इस बीमारी के पीड़ितों में सबसे ज़्यादा बढ़ोत्तरी होगी.
इस दवाई ने शुरुआती चरण वाले स्तन कैंसर और गंभीर हो चुके मामलों में अच्छा असर दिखाया है. दवा के बायोसिमिलर संस्करण को वैसे ही जैविक स्रोतों से मिलकर तैयार किया गया है और यह 65 फ़ीसदी सस्ती भी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने बताया, “स्वास्थ्य संगठन द्वारा बायोसिमिलर ट्रैस्टुज़ुमाब का प्रीक्वालिफ़िकेशन हर जगह महिलाओं के लिए अच्छी ख़बर है.”
बायोसिमिलर ट्रैस्टुज़ुमाब गुणवत्ता, सुरक्षा और असर के मामले में पहले से लाइसेंस प्राप्त दवाईयों जैसी ही है.
“कई संस्कृतियों में महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएँ हासिल करने में लैंगिक ग़ैर-बराबरी सहनी पड़ती है. ग़रीब देशों में बहुत से लोगों पर सही उपचार ना मिल पाने और दवाईयां महंगी होने का बोझ रहता है. स्तन कैंसर का असरदार और किफ़ायती उपचार सभी महिलाओं के लिए अधिकार होना चाहिए, ना कि सिर्फ़ कुछ महिलाओं का विशेषाधिकार.”
वैसे ट्रैस्टुज़ुमाब दवाई के अन्य बायोसिमिलर संस्करण पहले से उपलब्ध हैं लेकिन यह पहली बार है जब इसे यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने प्रीक्वालीफ़ाई किया है.
इस प्रक्रिया में दवाईयों और अन्य स्वास्थ्य उत्पादों की गुणवत्ता, सुरक्षा और उनके असर का ख़याल रखा जाता है. अगर प्रयोग सफल रहे तो फिर यूएन एजेंसी की वेबसाइट पर सूची में शामिल कर लिया जाता है.
कम आय वाले और अन्य देश इस सूचना का इस्तेमाल राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए दवाईयों का चयन और उनकी व्यवस्था करने में करते हैं.
ट्रैस्टुज़ुमाब को वर्ष 2015 में स्वास्थ्य संगठन की ज़रूरी दवाईयों की सूची में शामिल किया गया था.
स्तन कैंसर के लिए क़रीब 20 फ़ीसदी मामलों में इसे ज़रूरी उपचार माना गया है. स्तन कैंसर महिलाओं में कैंसर का सबसे आम रूप है.