भ्रष्टाचार: फ़ौलादी इरादों और असरदार कार्रवाई की दरकार

एक ऐसे समय जब टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए दुनिया ‘कार्रवाई के दशक’ की ओर क़दम बढ़ाने के लिए तैयार है, सोमवार को आबूधाबी में आयोजित भ्रष्टाचार-विरोधी सम्मेलन में इस समस्या से निपटने के लिए सभी देशों से एकजुट होने का आग्रह किया गया है ताकि महत्वपूर्ण संसाधनों को धन के ग़ैरक़ानूनी लेनदेन में नष्ट होने से रोका जा सके.
मादक पदार्थों एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के कार्यकारी निदेशक यूरी फ़ेदोतॉफ़ ने महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की ओर से कहा कि “आप एक बेहद गंभीर क्षण में ये मुलाक़ात कर रहे हैं.”
Corruption is the sinister enabler of some of the worst problems we face. Through anti-corruption action we can tackle some of the major challenges confronting the world today. My speech to 8th Conf of States Parties to @UN Convention against Corruption https://t.co/HCYzq0dA5O pic.twitter.com/CyGZp11mC1
YuryFedotov
विश्व की प्रमुख भ्रष्टाचार विरोधी शिखर वार्ता के आरंभ में भ्रष्टाचार से लड़ने और उसकी रोकथाम की पुकार लगाई गई ताकि टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल किए जा सकें.
“भ्रष्टाचारी कृत्यों के कारण ही अरबों डॉलर हर साल स्कूल, अस्पताओं और अन्य ज़रूरी सेवाओं व बुनियादी ढांचों तक नहीं पहुंच पाते.”
उन्होंने ध्यान दिलाया कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई असमानता घटाने, समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और जलवायु संकट से निपटने के लिए अहम है. साथ ही इससे उन तस्करों पर भी लगाम कस सकेगी जो लोगों का शोषण कर रहे हैं और प्राकृतिक संसाधन लूट रहे हैं.
यूरी फ़ेदोतॉफ़ ने ज़ोर देकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग बुनियादी ज़रूरत है. क़ानूनों और उन्हें अमल में लाए जाने में ढिलाई बरते जाने से वित्तीय संपदा ग़ैरक़ानूनी ढंग से देश की सीमा से बाहर चली जाती है और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है.
भ्रष्टाचार से समाजों के लिए ख़तरा पैदा होता है, बच्चों का भविष्य जोखिम में पड़ता है और पृथ्वी की सेहत भी प्रभावित होती है. “इससे सभी को लड़ना होगा, सभी की ख़ातिर.”
यूरी फ़ेदोतॉफ़ ने अपने भाषण में कहा कि भ्रष्टाचार की रोकथाम और उससे लड़ाई के ज़रिए ग़रीबी और असमानता को दूर करने व न्याय और क़ानून के राज को मज़बूत बनाने में मदद मिलती है.
साथ ही भ्रष्टाचार पर रोक लगाने से पनपने वाली अस्थिरता को शुरुआत में ही दबाया जा सकता है ताकि बाद में शांति बिगाड़ना संभव ना हो पाए.
उन्होंने माना कि मादक पदार्थों एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के कार्यकारी निदेशक के तौर पर वह पहली बार सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं.
अपने संबोधन को समाप्त करते हुए उन्होंने कहा, “हम एक नए दशक के कगार पर हैं, नई आशा के साथ कि मिलकर हम इस लड़ाई को जीत सकते हैं.”
यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय संधि एक अवसर प्रदान करती है जिससे सभी देशों में भ्रष्टाचार की चुनौती से पार पाने के लिए नए तरीक़ों और समाधानों पर सहमति बनाई जा सके.
186 सदस्य देशों के साथ ‘भ्रष्टाचार के विरुद्ध संधि’ एक ऐसा सार्वभौमिक भ्रष्टाचार-विरोधी औज़ार है जो क़ानूनी रूप से बाध्यकारी है.
यह संधि दिसंबर 2005 में लागू हुई थी और संयुक्त राष्ट्र के अधिकांश सदस्य देशों ने इस पर मुहर लगा दी है. वर्ष 2018 में इसे सहमति देने वाले देश समोआ, इक्वीटॉरियल गिनी और चाड थे.
इस संधि में भ्रष्टाचार के विभिन्न रूपों – रिश्वत, प्रभाव का ग़लत इस्तेमाल, पद के दुरुपयोग इत्यादि - सहित निजी क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार का भी ध्यान रखा गया है.
संधि के तहत सदस्य देशों पर भ्रष्टाचार की रोकथाम करने और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को आपराधिक क़रार देने, अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने, चुराई गई संपत्तियों की वापसी सुनिश्चित करने और तकनीकी सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान को संभव बनाना है.
हर दो साल बाद सदस्य देश इस संधि की समीक्षा, उसे अमल में लाने के बेहतर तरीक़ों और भ्रष्टाचार से निपटने के रास्तों की तलाश करने पर चर्चा के लिए मिलते हैं.
एक हफ़्ते तक चलने वाले इस आठवें सत्र में वर्ष 2021 में न्यूयॉर्क में होने वाले विशेष सत्र की तैयारियों का भी जायज़ा लिया जाएगा.