ईरान: प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल प्रयोग पर गहरी चिंता
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने ईरान में हाल ही में विरोध-प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में मौतें होने, हज़ारों लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने और मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों पर गहरी चिंता ज़ाहिर की है. उन्होंने ईरान सरकार से अपील की है कि जनता की अभिव्यक्ति की आज़ादी और उनके शांतिपूर्ण ढंग से एकत्र होने के अधिकार का सम्मान होना चाहिए.
पैट्रोल की क़ीमतें बढ़ने के विरोध में 15 नवंबर को प्रदर्शन शुरू हुए और अब तक देश भर में सात हज़ार लोग गिरफ़्तार किए जा चुके हैं.
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने हिरासत में लिए गए लोगों के साथ हुए दुर्व्यवहार, बुरी परिस्थितियों में रखे जाने और यथोचित सुनवाई के उनके अधिकार के हनन पर गहरी चिंता प्रकट की है. यह भी आशंका जताई गई है कि बंदियों पर ऐसे आरोपों के मुक़दमे चलाए जा सकते हैं जिनकी सज़ा मृत्युदंड हो.
सरकार का अनुमान है कि पांच दिनों तक चले प्रदर्शनों में शामिल प्रदर्शनकारियों की संख्या सवा लाख से दो लाख तक हो सकती है.
यूएन कार्यालय को मिली रिपोर्टों के अनुसार प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई में कम से कम 208 लोगों की मौत हुई है जिनमें 13 महिलाएं व 12 बच्चे हैं. अपुष्ट रिपोर्टों के मुताबिक़ मृतकों का आंकड़ा इससे दोगुना हो सकता है.
मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने कहा, “ऐसी परिस्थितियों में जब इतनी मौतों की रिपोर्टें मिल रही हों तो यह ज़रूरी है कि प्रशासन ज़्यादा पारदर्शिता के साथ काम करे."
"मानवाधिकार उल्लंघन के सभी मामलों की तत्परता से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए – इसमें प्रदर्शनकारियों की मौतें और हिरासत में उनके साथ बुरा बर्ताव शामिल है. और इसके ज़िम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय होनी चाहिए.”
सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर क़ाबू पाने के लिए पानी की तेज़ बौछारों, आंसूगैस, लाठीचार्ज और कुछ मामलों में निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई. रिपोर्टों के अनुसार प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने में बासीच मिलिशिया और ईरान के रेवॉल्यशनरी गार्ड्स शामिल थे.
“सत्यापित वीडियो फ़ुटेज दर्शाती है कि प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ भारी बल प्रयोग किया गया – एक शहर में सुरक्षा बलों के हथियारबंद सदस्यों ने स्थानीय न्याय विभाग की छत से प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाया जबकि दूसरे शहर में हैलीकॉप्टर से गोलियां चलाई गई.”
“ऐसी भी फ़ुटेज मिली है जिससे प्रतीत होता है कि भागते हुए प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों ने पीछे से गोलियां चलाई और कई लोगों के चेहरे और शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को निशाना बनाया गया – यानी जान से मारने के लिए गोली चलाना.”
ईरान में हालात पर रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों को भी डराए-धमकाए जाने की ख़बरें मिल रही हैं. देश से बाहर स्थित न्यूज़ चैनलों में काम कर रहे पत्रकारों के परिजनों को ख़ुफ़िया अधिकारियों द्वारा बुलाए जाने और गंभीर अंजाम भुगतने की चेतावनी मिलने की भी रिपोर्टें मिली हैं.
यूएन मानवाधिकार प्रमुख के मुताबिक़ ईरान में हालात की उभर रही तस्वीर बेहद परेशान करने वाली है.
उन्होंने हिरासत में लिए गए उन सभी प्रदर्शनकारियों को तत्काल रिहा किए जाने की मांग की है जिन्हें मनमाने ढंग से बिना उचित प्रक्रियाओं का पालन किए बग़ैर हिरासत में लिया गया, और ना ही जांच के दौरान उन्हें वकील चुनने का अधिकार दिया गया.
उन्होंने ईरान सरकार से अपील की है कि जनता की अभिव्यक्ति की आज़ादी और उनके शांतिपूर्ण ढंग से एकत्र होने के अधिकार का सम्मान होना चाहिए.
साथ ही बल प्रयोग करते समय संयम बरता जाना चाहिए और ऐसा करते समय अंतरराष्ट्रीय मानकों व दिशानिर्देशों को ध्यान में रखा जाना चाहिए.