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पूर्वी यूक्रेन में बच्चों की सुरक्षा के लिए राजनैतिक समाधान की दरकार

ग़ैर-सरकार के नियंत्रण वाले डोनेत्सक क्षेत्र में ओलेनिव्का बस्ती के एक घर में 11 और 6 वर्षीय दो बच्चे स्टोम में कोयला भरते हुए.
© UNICEF/Aleksey Filippov
ग़ैर-सरकार के नियंत्रण वाले डोनेत्सक क्षेत्र में ओलेनिव्का बस्ती के एक घर में 11 और 6 वर्षीय दो बच्चे स्टोम में कोयला भरते हुए.

पूर्वी यूक्रेन में बच्चों की सुरक्षा के लिए राजनैतिक समाधान की दरकार

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष - यूनीसेफ़ ने कहा है कि यूक्रेन के पूर्वी इलाक़े में लगभग 5 लाख बच्चे अपने शारीरिक व मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के लिए लगातार गंभीर ख़तरों का सामना कर रहे हैं. 

यूनीसेफ़ की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन का पूर्वी इलाक़ा बारूदी सुरंगों की मौजूदगी वाला दुनिया के बेहद ख़तरनाक़ इलाक़ों में से एक बन गया है.

जबकि पाँच साल से जारी इस संघर्ष में लड़कियों और लड़कों के अधिकारों की हिफ़ाज़त करने के इरादे से हाल ही में अनेक गतिविधियाँ हुई हैं.

ध्यान रहे कि फ़रवरी 2014 में रूस ने जब क्रिमिया इलाक़े को छीनने की कोशिश की थी तो यूक्रेन में राजनैतिक संकट ने हिंसक टकराव का रूप ले लिया था.

उसके बाद देश के पूर्वी इलाक़े में पृथकतावादियों और सरकारी सेनाओं के बीच खुला संघर्ष शुरू हो गया था. 

योरोप और मध्य एशिया के लिए यूनीसेफ़ की क्षेत्रीय निदेशक अफ़शाँ ख़ान के मुताबिक़ ये नितांत अनुचित है कि वहाँ बच्चे अब भी ऐसे स्कूलों में जाने को मजबूर हैं जहाँ गोलियों के निशान हैं और कहीं तो बम शेल्टर बनाए हुए हैं.

साथ ही ये बच्चे ऐसी बस्तियों में रहने को मज़बूर हैं जहाँ रुक-रुक कर बमबारी होती है और जगह-जगह बारूदी सुरंगें बिछाई हुई हैं.  

अफ़शाँ ख़ान ने हाल ही में यूक्रेन में रूस की सीमा से मिलने वाले इलाक़े का दौरा करके बच्चों और उनके परिवारों से मुलाक़ात की थी.

इस यात्रा के बाद उन्होंने कहा कि इस संकट का राजनैतिक समाधान अब बिना और देरी के निकाला जाना ज़रूरी है.

अफ़शाँ ख़ान ने कहा, "हम सभी पक्षों से पूर्वी यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने का आहवान करते हैं."

लगातार ख़तरे के पाँच वर्ष

यूनीसेफ़ की दूत ने अलबत्ता सरकार द्वारा स्कूलों को सुरक्षित बनाने वाले एक घोषणा-पत्र का स्वागत करते हुए इसे बच्चों को हमलों से बचाने और उनके स्कूलों को सेना बलों द्वारा इस्तेमाल करने से रोकने की दिशा में एक सकारात्मक क़दम क़रार दिया.

अफ़शाँ ख़ान ने ज़ोर देकर कहा कि पाँच साल से चल रहे संघर्ष ने संपर्क रेखा के दोनों तरफ़ के इलाक़ों में रहने वाले बच्चों के लिए जीवन बहुत भयावह बना दिया है.

अफ़शाँ ख़ान का कहना था, "पूर्वी यूक्रेन में जिन बच्चों से मैंने मुलाक़ात की उनमें भी मुझे अन्य सामान्य बच्चों की ही तरह उम्मीद और सपने भरे हुए नज़र आए, लेकिन इन बच्चों ने पाँच साल से जारी लगातार युद्ध की स्थिति में बहुत तकलीफ़ें उठाई हैं."

उन्होंने कहा कि यूनीसेफ़ और उसके साझेदार संगठन बच्चों को हिफ़ाज़त मुहैया कराने के लिए ज़रूरी उपाय करने और सुरक्षित स्कूल घोषणा पत्र को पूरी तरह से लागू करने के प्रयासों में भरपूर सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार हैं.

पूरे पूर्वी यूक्रेन इलाक़े में यूनीसेफ़ और उसके साझीदार संगठन लाखों बच्चों, युवाओं और उनकी देखभाल करने वालों को  मनोवैज्ञानिक सहायता और बारूदी सुरंगों का ख़तरा कम करने में मदद मुहैया कराते हैं. 

यूनीसेफ़ पूर्वी यूक्रेन इलाक़े में लड़ाई में ध्वस्त हो चुके स्कूलों की मरम्मत कराने और जल आपूर्ति व स्वच्छता सुविधाओं को बहाल करने  में भी मदद कर रहा है.

इसके बावजूद यूनीसेफ़ ने इस क्षेत्र में बच्चों और उनके परिवारों की मदद करने के वास्ते जो धनराशि जुटाने की जो आपदा अपील की थी, उसके जवाब में  वर्ष 2019 के आख़िरी महीने में पहुँचने तक सिर्फ़ 37 फ़ीसदी धनराशि ही प्राप्त हुई थी.