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आधुनिक जीवन में टीवी की है अहम भूमिका

ब्राज़ील में टीवी पर मैच देखता एक युवक.
Unsplash/Gustavo Ferreira
ब्राज़ील में टीवी पर मैच देखता एक युवक.

आधुनिक जीवन में टीवी की है अहम भूमिका

संस्कृति और शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र ने पिछले सात दशकों के दौरान प्रसारण की नई प्रणालियाँ व मानक विकसित करने के लिए अग्रणी भूमिका निभाई है जिससे टीवी देखने के अनुभव को लगातार  बेहतर बनाना संभव हो पाया है. गुरूवार को 'विश्व टेलीविज़न दिवस' पर इन्हीं प्रयासों और प्रसारण जगत में नई तकनीकों के योगदान पर चर्चा हो रही है.

विश्व टेलीविज़न दिवस हर वर्ष 21 नवंबर को मनाया जाता है जिसके ज़रिए सूचना, शिक्षा और मनोरंजन के अहम स्रोत के रूप में टीवी माध्यम की भूमिका के प्रति जागरूकता फैलाई जाती है.

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संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1996 में एक प्रस्ताव पारित कर विश्व टीवी दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी. टीवी को समकालीन जगत में संचार और वैश्वीकरण के एक प्रतीक रूप में देखा जाता है. 

अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) के महासचिव हाओलिन झाओ ने अपने संदेश में कहा, “जनसमूहों के लिए मनोरंजन का नायाब ज़रिया होने के अलावा विश्व को सूचना और ज्ञान से जोड़ने में टेलीविज़न की अहम भूमिका है.”

“विश्व टीवी दिवस, ब्रॉडकास्टिंग और इंटरनेट सेवाओं में मानक स्थापित करने में आईटीयू के अनुकरणीय काम की ओर ध्यान आकृष्ट करता है जिससे भावी रुझानों को आगे बढ़ाया जा रहा है.”

उन्होंने कहा कि इससे विश्व भर में दर्शक टीवी देखते समय तन्मयता का अनुभव कर पाएंगे.

अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ सूचना और संचार मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेषीकृत एजेंसी है.

इसकी स्थापना लगभग 150 वर्ष पहले हुई थी और आरंभ में एजेंसी की ज़िम्मेदारी अतंरराष्ट्रीय टेलीग्राफ़ नेटवर्क के बीच सहयोग को बढ़ावा देना था.

नवंबर 2019 में दूरसंचार संघ 5जी सेवाओं से होने वाले फ़ायदों पर विचार विमर्श का नेतृत्व कर रहा है जिसमें ब्रॉडकास्टिंग और नॉन-ब्रॉडकास्टिंग प्लैटफ़ॉर्म के सहारे ज़्यादा से ज़्यादा मीडिया सामग्री उपलब्ध कराने का मुद्दा छाया है.

यूएन एजेंसी के साझेदार संगठन योरोपीय ब्रॉडकास्टिंग यूनियन के डेविड वुड ने बताया, “टेलीविज़न का भविष्य असल में सहयोगी तकनीकों से ही बना है.”

“सूचना प्रौद्योगिकी और उच्च गुणवत्ता तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए एक बेहतर अनुभव प्रदान करना. यह अब भी एक कहानी बताना ही है, यह अब भी वैसे ही चीज़ है लेकिन इसमें दर्शक की पहले से कहीं ज़्यादा भागीदारी है – विशेषकर इंटरएक्टिविटी जैसे मामलों में.”

आईटीयू के अनुसार मौजूदा दौर में टीवी आधुनिक जीवन का एक अटूट अंग बन गया है और उपभोक्ता आधारित इंटरनेट ट्रैफ़िक में 80 फ़ीसदी योगदान टीवी का ही है.

यूएन एजेंसी ने टेलीविज़न के लिए पहली बार तकनीकी मानक वर्ष 1949 में जारी किए थे. उसके बाद से वैश्विक स्तर पर प्रणालियों व मानकों में एकरूपता लगाने के प्रयास किए गए हैं जिससे टेलीविज़न देखने का अनुभव पहले से कहीं बेहतर हुआ है.

उदाहरण के तौर पर, आईटीयू ने डिजिटल टीवी प्रसारण और हाई डैफ़िनीशन टैलीविज़न (HDTV) की मज़बूती से हिमायत की जिससे तस्वीरों की गुणवत्ता बेहतर बनाने, कवरेज सुधारने और अन्य सेवाएँ उपलब्ध कराने में मदद मिली है.