मध्य पूर्व को परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र बनाने के लिए बैठक

मध्य पूर्व क्षेत्र के प्रतिनिधि इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मिल रहे हैं जहां उनका प्रयास एक ऐसी संधि पर सहमति बनाना है जोकि क़ानूनी रूप से बाध्यकारी हो और जिससे मध्य पूर्व को परमाणु हथियारों व सामूहिक जनसंहार के अन्य हथियारों से मुक्त बनाने में मदद मिल सके.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि परमाणु हथियार मुक्त मध्य पूर्व के इस क्षेत्र से इतर भी मायने हैं.
“इसलिए मैं आशा करता हूं कि यह सम्मेलन एक समावेशी प्रक्रिया की शुरुआत करेगा जिसमें क्षेत्र के सभी देशों की हिस्सेदारी हो.”
मौजूदा दौर में दुनिया में पांच परमाणु मुक्त ज़ोन हैं: लातिन अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्र, अफ़्रीका, मध्य एशिया, दक्षिणपूर्वी एशिया, और दक्षिण प्रशांत.
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि परमाणु मुक्त होने से इन क्षेत्रों में परमाणु संघर्ष का ख़तरा नहीं है और इससे देशों को आपस में मिलकर साझा क्षेत्रीय सुरक्षा पर काम करने का अवसर मिलता है.
The first conference on the establishment of a Middle East zone free of #nuclearweapons & other #WMD begins today. “I hope this serves as the start of an inclusive process in which all the States in the region can participate”@antonioguterres said. Read : https://t.co/XadniNlDAV pic.twitter.com/fn6HiyxhW6
UN_Disarmament
उनके मुताबिक़ इन परमाणु मुक्त क्षेत्रों की वजह से देशों को ठोस सुरक्षा लाभ भी मिलते हैं और परमाणु हथियारों को इस्तेमाल की धमकी देने या इस्तेमाल करने का ख़तरा भी नहीं होता.
“ये ज़ोन विश्व समुदाय को इन क्षेत्रों में स्थित देशों की शांतिपूर्ण नीयत का भरोसा दिला सकते हैं.”
यूएन प्रमुख ने कहा कि मध्य पूर्व के लिए ये मंशा बेहद अहम है जहां स्थिति पूरी दुनिया के लिए गंभीर चिंता का सबब बनी हुई है.
उन्होंने कहा कि जटिल गृहयुद्ध बदस्तूर जारी हैं जिनमें हथियारबंद और आतंकवादी गुटों के अलावा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सैन्य शक्तियां भी शामिल हैं. इसकी एक बहुत बड़ी क़ीमत आम नागरिकों को चुकानी पड़ रही हैं.
“इस बीच परमाणु कार्यक्रमों पर चिंताएं बनी हुई हैं जिनसे तनाव को हवा मिलना जारी है.”
“अभी रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल पर हमें अर्थपूर्ण जवाबदेही देखने को नहीं मिली है. ऐसे संकेत मिले हैं कि सक्रिय रूप से हथियारों की प्रतिस्पर्धा हो रही है जिनमें नई हथियार तकनीकें और ख़रीद शामिल है.”
मध्य पूर्व पर केंद्रित यह बैठक शुक्रवार तक चलेगी और यह इसका पहला सत्र है जिसे हर साल तब तक आयोजित किया जाएगा जब तक प्रस्तावित ज़ोन के लिए क़ानूनी रूप से बाध्यकारी संधि पर सहमति ना बन जाए.
यूएन प्रमुख ने उम्मीद जताई कि निरस्त्रीकरण एजेंडा को लागू करने के प्रयासों में लातिन अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्र के अनुभव से सीख ली जाएगी.
क्यूबा मिसाइल संकट के बाद लातिन अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्र को परमाणु मुक्त बनाने का प्रस्ताव रखा गया. प्रथम समिति में रखा गया प्रस्ताव क्यूबा संकट के कुछ ही दिन बाद रखा गया और यह सफल रहा.
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि शीत युद्ध के तनाव और राजनीति के बावजूद, क्षेत्र के देशों ने इस ज़ोन को बनाए रखा और फिर 1967 में एक लचीला और टिकाऊ इंतज़ाम किया जिसने उसके बाद आने वाले अन्य क्षेत्रों के लिए एक मॉडल का काम किया है.
इतिहास में जापानी शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर ही परमाणु हथियार गिराए गए हैं लेकिन उनसे हुई तबाही की व्यापकता उसके ख़तरों के प्रति आगाह भी करती है.
परमाणु हथियार विश्व में सबसे ख़तरनाक माने जाते हैं जो पूरे शहर को तबाह करने, लाखों लोगों की जान लेने और भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को ख़तरे में डाल सकते हैं.
दूसरे विश्व युद्ध के बाद ही संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई जिसका एक प्रमुख लक्ष्य परमाणु हथियारों का अंत करना रहा है.
इसके तहत परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के साथ-साथ व्यापक परमाणु-परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) और परमाणु हथियार निषेध संधि (TPNW) मौजूद हैं लेकिन वे अभी लागू नहीं हो पाई हैं.