युद्धापराध के मामलों में हथियारबंद गुट के नेता को 30 साल की क़ैद

अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने कॉंगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआर कॉंगो) में लड़ाका संगठन के एक प्रमुख नेता बोस्को टगांडा को सामूहिक हत्याओं, बलात्कार और अन्य अत्याचारों के मामलों में दोषी घोषित करते हुए 30 वर्ष जेल की सज़ा सुनाई है. नीदरलैंड्स के हेग शहर में स्थित अपराध न्यायालय ने युद्धापराध और मानवता के विरुद्ध अपराधों के मामलों में पहली बार किसी अपराधी को इतनी लंबी सज़ा का ऐलान किया है.
बोस्को टगांडा को ‘द टर्मिनेटर’ के नाम से भी जाना जाता था और उन पर युद्धापराध और मानवता के विरुद्ध अपराध के मामलों में बिना किसी संदेह के आरोप साबित हुए हैं.
🎥 Bosco #Ntaganda’s trial in numbers For more on the case ➡https://t.co/BIINhx3bnj #ICC pic.twitter.com/sbKB7mmPX3
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ये घटनाएं वर्ष 2002 और 2003 में कॉंगो लोकतांत्रिक गणराज्य के इतुरी प्रांत के गांवों में हुईं थी.
बोस्को टगांडा पर एफ़पीएलसी मिलिशिया गुट के उपप्रमुख और सैन्य अभियानों के कमांडर के तौर पर हत्या, बलात्कार, यौन दासता और लेंडु समुदाय को जबरन विस्थापन के लिए मजबूर करने का आरोप था.
इसके अलावा, बोस्को टगांडा को 15 साल से कम उम्र के बच्चों की सैनिकों के रूप में भर्ती करने के लिए दोषी पाया गया है. इन बाल सैनिकों का इस्तेमाल रवांडा और युगांडा के सीमावर्ती इलाक़ों में लड़ाई के दौरान किया गया.
टगांडा पर इनमें से कुछ बाल सैनिकों के साथ बलात्कार और उत्पीड़न करने और उन्हें यौन दासता का शिकार बनाने का आरोप भी साबित हुआ है.
कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि टगांडा की मंशा स्पष्ट थी: आम लोगों पर हमले कर उन्हें मार दिया जाए, उनकी संपत्ति को ज़ब्त या नष्ट कर दिया जाए, आम नागरिकों के साथ बलात्कार किया जाए और यौन दासता का शिकार बनाया जाए, लोगों को जबरन विस्थापित होने के लिए मजबूर किया जाए, संरक्षित प्रतिष्ठानों पर जानबूझकर हमले किए जाएं और इन सब कृत्यों में लेंडु समुदाय को विशेष रूप से निशाना बनाया जाए.
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने अपने फ़ैसले में इस अपराध में अन्य सह-अपराधकर्ताओं की भूमिका को रेखांकित किया है जिनमें यूपीसी/एफ़पीलीसी सैनिकों और हेमा समुदाय के आम नागरिक शामिल हैं.
जजों ने कहा, “चैंबर ने टगांडा को कम से कम 74 लोगों की हत्या का दोषी पाया है और उन पर पांच अन्य लोगों की हत्या की कोशिश का आरोप साबित हुआ है.”
इनके अलावा बड़े पैमाने पर ऐसे लोगों की हत्याएं हुई जिनकी सही संख्या का पता नहीं चल पाया है.
पूर्व मिलिशिया नेता पर युद्धापराध और मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों के 18 मामलों में जुलाई 2019 में दोष साबित हुआ था.
इन अपराधों के लिए आम तौर पर आठ से 30 वर्ष की सज़ा सुनाए जाने का प्रावधान है और आईसीसी के रोम अधिनियम के अनुसार अपराधी को अधिकतम 30 वर्ष की सज़ा सुनाई जा सकती है.
टगांडा ने अब तक छह वर्ष हिरासत में बिताए हैं जिन्हें उनकी सज़ा से कम कर दिया जाएगा.