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कमज़ोर महिलाओं की आवाज़ में दम भरने वाली महिला पुलिस अधिकारी को सम्मान

बाएँ से, यूएन के शांति रक्षा अभियानों के अवर महासचिव ज्याँ पियर लैकरोइक्स, यूएन के वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला पुलिस अधिकारी का पुरस्कार प्राप्त मेजर सेयनाबोऊ दियोऊफ़ और काँगो में संयुक्त राष्ट्र के स्थिरता मिशन में पुलिस आयुक्त अवाले अब्दोनासिर (5 नवंबर)
UN Photo/Douglas Coffman
बाएँ से, यूएन के शांति रक्षा अभियानों के अवर महासचिव ज्याँ पियर लैकरोइक्स, यूएन के वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला पुलिस अधिकारी का पुरस्कार प्राप्त मेजर सेयनाबोऊ दियोऊफ़ और काँगो में संयुक्त राष्ट्र के स्थिरता मिशन में पुलिस आयुक्त अवाले अब्दोनासिर (5 नवंबर)

कमज़ोर महिलाओं की आवाज़ में दम भरने वाली महिला पुलिस अधिकारी को सम्मान

शान्ति और सुरक्षा

शांतिरक्षा की ज़िम्मेदारी निभाने की बुनियाद में निहित होता है मिलजुलकर काम करने का असीम जज़्बा. ये कहना है कि संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षा अभियानों के प्रमुख ज्याँ पियर लाकोआ का जिन्होंने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र वर्ष 2019 का सर्वश्रेष्ठ महिला पुलिस अधिकारी का सम्मान सेनेगल मूल की पुलिस अधिकारी मेजर सिनाबिओ डिऔफ़ को प्रदान करते हुए ये शब्द कहे.

मेजर सिनाबिओ डिऔफ़ के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने नाज़ुक और कमज़ोर लोगों की आवाज़ बनने के लिए असाधारण साहस दिखाया है और महिला पुलिस अधिकारियों का नैटवर्क बनाकर उन्हें आपस में जोड़ने में भी सराहनीय काम किया है.

संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षा अभियानों के प्रमुख ज्याँ पियर लाकोआ ने इस मौक़े पर कहा, “पुलिस मेजर सिनाबिओ डिऔफ़ ने महिलाओं को सशक्त बनाने, लोगों का आचरण में बेहतरी लाने, संरक्षा और सुरक्षा बढ़ाने, कार्य-प्रदर्शन बेहतर करने और इन सभी के ज़रिए अंततः टिकाऊ शांति क़ायम करने के क्षेत्रों में मिशन के भीतर और बाहर के सहयोगियों के साथ मिलकर असाधारण व अथक काम किया है.”

यूएन पुलिस प्रमुख और 14 शांतिरक्षा अभियानों से आए विभिन्न विशेषज्ञों ने भी संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित इस पुरस्कार वितरण समारोह में शिरकत की.

मेजर सिनाबिओ डिऔफ़ उन 1400 महिला पुलिस अधिकारियों में से एक हैं जो इस समय दुनिया भर में अनेक अभियानों में संयुक्त राष्ट्र के झंडे तले काम कर रहे हैं. ये महिला पुलिस अधिकारी अनेक तरह की भूमिकाओं में काम कर रही हैं जिनमें क्षमताएँ बढ़ाने और उन्हें बेहतर बनाने से लेकर सामुदायिक प्रयासों पर आधारित पुलिसिंग, आम लोगों की संरक्षा व सुरक्षा और यौन हिंसा व लिंग आधारित हिंसा की रोकथाम जैसे काम शामिल हैं.

यूएन शांतिरक्षा अभियानों के प्रमुख का कहना था, “ये लिस्ट असाधारण छाप छोड़ने वाली है मगर ये महिला अधिकारी लैंगिग नज़रिए का महत्वपूर्ण पहली भी जोड़ती हैं. साथ ही ये मेज़बान देशों के सरकारी संस्थानों और स्थानीय समुदायों के साथ हर स्तर पर होने वाले संपर्क में भी मुख्य धारा में रहते हुए हर चरण में अहम भूमिका निभाती हैं.”

उन्होंने इस मौक़े पर दक्षिण सूडान का उदाहरण दिया जहाँ संयुक्त राष्ट्र की महिला पुलिस देश के भीतर ही विस्थापित लोगों के लिए बनाए गए शिविरों के भीतर और बाहर महिलाओं और युवाओं को रहन-सहन के बेहतर तरीक़े सीखने में मदद कर रही हैं; काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में भी यूएन की महिला पुलिस अधिकारी आंतरिक सुरक्षा बलों में क्षमता विकसित करने और जवाबदेही निर्धारित करने में मदद कर रही हैं; माली में पुनर्संगठित आंतरिक रक्षा और सुरक्षा बलों व  आम नागरिकों के बीच भरोसा क़ायम करने वाले उपायों को बढ़ावा देने में मदद कर रही हैं.

संयुक्त राष्ट्र की सर्वश्रेष्ठ महिला पुलिस अधिकारी का पुरस्कार पाते हुए मेजर सिनाबिओ डिऔफ़ पुरस्कार प्रदान किया संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षा अभियानों के अवर महासचिव ज्या पियर लैकरोइक्स ने. बीच में हैं पुलिस आयुक्त लुइ कैर्रिल्हो. (5 नवंबर 2019)
UN Photo/Douglas Coffman
संयुक्त राष्ट्र की सर्वश्रेष्ठ महिला पुलिस अधिकारी का पुरस्कार पाते हुए मेजर सिनाबिओ डिऔफ़ पुरस्कार प्रदान किया संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षा अभियानों के अवर महासचिव ज्या पियर लैकरोइक्स ने. बीच में हैं पुलिस आयुक्त लुइ कैर्रिल्हो. (5 नवंबर 2019)

“हमारी महिला पुलिस अधिकारी ईबोला वायर से प्रभावित इलाक़ों में भी सक्रिय हैं और राहत व मानवीय सहायता अभियानों के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा रही हैं.”

साथ ही महिला पुलिस अधिकारी संयुक्त राष्ट्र के तमाम मिशनों में यौन शोषण व दुर्व्यहार क्षेत्र में ट्रेनिंग देने और इस मुद्दे पर संवेदनशीलता बढ़ाने जैसे अहम मुद्दों में भी अहम योगदान कर रही हैं.

ज्याँ पियर लाकोआ का कहना था, “मेजर सिनाबिओ डिऔफ़ द्वारा चलाए जा रहे महिला पुलिस अधिकारी नैटवर्क और इसी तरह के अन्य नैटवर्कों के ज़रिए ये महिला पुलिस अधिकारी यौन शोषण व दुर्व्यवहार (एसईए) के मामलों को होने से रोकने, होने जाने पर पीड़ितों की सहायता करने और मामलों की जाँच-पड़ताल करने में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं जिससे यौन हिंसा के मामलों को क़तई बर्दाश्त नहीं करने की संयुक्त राष्ट्र की नीति मज़बूत होती है.”

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र व काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य के लोगों की असाधारण सेवा करने के लिए मेजर सेयनबोऊ डिऔफ़ को बधाई देते हुए कहा कि विश्व संगठन के आदर्श मूल्यों को वास्तविक रूप देने के उनके प्रयासों के ज़रिए एक मिसाल क़ायम करने पर “मिशनों और मुख्यालय में ड्यूटी पर तैनात तमाम यूएन पुलिस अधिकारी प्रेरित महसूस कर रहे हैं.”

ज्याँ पियर लाकोआ ने इस असाधारण कार्य में मेजर सिनाबिओ डिऔफ़ की मदद व समर्थन करने के लिए उनके परिवार का भी शुक्रिया अदा किया. उन्होंने ये भी ध्यान दिलाया कि मेजर सिनाबिओ डिऔफ़ को अपनी आधिकारिक तैनातियों के दौरान बहुत से बलिदान भी करने पड़े होंगे.

“शांतिरक्षा अभियानों में जितनी ज़्यादा संख्या में महिलाएँ तैनात होंगी, हम सभी उतने ही ज़्यादा असरदार साबित होंगे.”

अथक प्रयास

यूएन पुलिस आयुक्त लुइस कैर्रिल्हो ने भी मेजर मेजर सिनाबिओ डिऔफ़ के अनुभवों के बारे में बात करते हुए बताया कि अपने देश सेनेगल में भी गार्डियन डी ला पायक्स पुरस्कार हासिल करने वाली पहली महिला बनीं, जबकि उनसे पहले तक ये पुरस्कार सिर्फ़ पुरुषों को ही मिला था.

“अपने करियर के शुरूआती समय से ही उन्होंने बेहतरी लाने और अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए अथक काम करने का अपना पक्का इरादा दिखाया है. गोमा में यौन हिंसा व दुर्व्यवहार टास्क फ़ोर्स की टीम लीडर और यूएनपोल महिला नैटवर्क की अध्यक्ष के रूप में उन्होंने महिलाओं की आवाज़ को वज़न दिए जने और यौन शोषण व दुर्व्यवहार की रोकथाम करने में भी अपना संकल्प दिखाया है.”

“मेजर सिनाबिओ डिऔफ़ के प्रयासों की बदौलत मिशन को 2018 में यौन शोषण व दुर्व्यवहार एक भी मामला नहीं होने का दर्जा हासिल हुआ. जबकि 2016 और 2017 में यौन शोषण व दुर्व्यवहार के 140 मामले दर्ज हुए थे.”

यूएन पुलिस सलाहकार ने मेजर सिनाबिओ डिऔफ़ को यौन शोषण व दुर्व्यवहार को जड़ से ख़त्म करने और यूएन कर्मचारियों के हर जगह उच्च मानकों और बर्ताव के साथ काम करने के प्रयासों में एक असाधारण व सकारात्मक बल क़रार दिया है.