अमरीका ने दी सूचना, पेरिस जलवायु समझौते से नवंबर 2020 में हो जाएगा बाहर

अमरीका ने सोमवार, 4 नवंबर 2019 को घोषणा की है कि वो पेरिस जलवायु समझौते से बाहर होने की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर रहा है. पेरिस जलवायु समझौते पर 2015 में 193 देशों ने हस्ताक्षर किए थे और अमरीका भी उनमें शामिल था.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता कार्यालय ने अमरीका द्वारा ये वापसी नौटिस दिए जाने के बाद संवाददाताओं के नाम एक वक्तव्य जारी किया है जिसमें पुष्टि की गई है कि ये वापसी नोटिस अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पेओ ने महासचिव को संबोधित किया है.
इस वापसी नोटिस में लिखा है: इस पत्र में पेरिस समझौते से अमरीका की वापसी की सूचना दी जाती है. पेरिस समझौते के पैराग्राफ़ 2 के अनुच्छेद 28 के अनुसार, पेरिस समझौते से अमरीका के बाहर होने की प्रक्रिया आपको ये सूचना-पत्र प्राप्त होने के ठीक एक साल बाद प्रभावी हो जाएगी.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता ने कहा है कि पेरिस समझौते से अमरीका की वापसी 4 नवंवर 2020 को प्रभावी होगी.
अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पेरिस जलवायु समझौते से देश को बाहर करने का मुद्दा अपने चुनावी अभियान में प्रमुखता से उठाया था. अलबत्ता अमरीका ने अप्रैल 2016 में इस समझौते पर दस्तख़त किए थे और सितंबर 2016 में ही ये मंशा भी ज़ाहिर की थी कि अमरीका इस समझौते में शामिल रहना चाहता है.
अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पेओ की तरफ़ से सोमवार को जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि जून 2017 में राष्ट्रपति ट्रंप ने पेरिस जलवायु समझौते से बाहर होने का फ़ैसला कर लिया था.
इसके लिए आधार दिया गया था कि इस समझौते के तहत अमरीकी कामगारों, कारोबारों, और करदाताओं पर कथित भेदभावपूर्ण आर्थिक बोझ डाला गया था.
अमरीका पेरिस जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर करने वालों में से एक मात्र ऐसा देश है जिसने इस समझौते से बाहर होने की घोषणा की है.
पेरिस जलवायु समझौते में पृथ्वी की तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही रखने का लक्ष्य रखा गया है.