काँगो गणराज्य में जटिल हालात में ईबोला से 1000 जीवित बचने पर बड़ी तसल्ली

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक हज़ार लोग ईबोला के चंगुल से जीवित बचने में कामयाब हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने इस कामयाबी का श्रेय कोंगो के स्वास्थ्य अधिकारियों के नेतृत्व और हज़ारों स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों और साझीदारों की कड़ी मेहनत को दिया है.
काँगो गणराज्य में ईबोला का प्रकोप अगस्त 2018 में शुरू हुआ था.
इस दौरान ईबोला के संक्रमण के लगभग 3000 मामले सामने आए जिनमें से 2137 लोगों की मौत हो गई.
काँगो गणराज्य का ईबोला से निपटने का यह सबसे बड़ा और लंबा अनुभव रहा है.
विश्व स्वास्थ्य ने शुक्रवार को ताज़ा आँकड़े जारी किए हैं.
1 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह में उत्तरी कीवू और ईतूरी प्रांतों में ईबोला के 20 नए मामले दर्ज किए गए थे.
जबकि उससे पहले के सप्ताह में 29 मामले सामने आए थे.
स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि ईबोला संक्रमण के मामलों में आई इस कमी को सावधानी से देखना चाहिए, क्योंकि कुछ इलाक़ों में अनेक कारणों से अब भी ईबोला के संक्रमण को सही समय पर पकड़ पाना बहुत मुश्किल है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ईबोला के संक्रमण के घनी आबादी वाले प्रभावित इलाक़ों से इसका प्रकोप ग्रामीण इलाक़ों की तरफ़ बढ़ा हुआ देखा गया जहाँ आबादी की घनिष्ठता कुछ कम थी.
अलबत्ता नए उपकरण और स्वास्थ्य चौकसी से इस जानलेवा वायरस का मुक़ाबला करने में ठोस मदद मिली है और लोगों की ज़िंदगियाँ बचाई जा सकी हैं.
अभी तक लगभग सवा दो लाख लोगों की हिफ़ाज़त की जा सकी है.
ईबोला संक्रमण की एक मरीज़ कवीरा का कहना था कि उसने जीवित बच जाने की कभी नहीं की थी, लेकिन इलाज से उसकी ज़िंदगी बच सकी है.
उसने सभी लोगों का आहवान किया कि अगर संक्रमण हो जाए तो तुरंत इलाज कराएँ और उनकी ज़िंदगी बच सकती है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने हाल ही में काँगो गणराज्य की यात्रा के दौरान कवीरा को ईबोला से जीवित बच जाने का प्रमाण-पत्र जारी किया है.