वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

अफ़ग़ानिस्तान: राष्ट्रपति चुनाव में नागरिकों की भूमिका की सराहना

वर्ष 2001 के बाद यह चौथी बार है जब राष्ट्रपति चुनाव हुए हैं.
UNAMA/Fardin Waezi
वर्ष 2001 के बाद यह चौथी बार है जब राष्ट्रपति चुनाव हुए हैं.

अफ़ग़ानिस्तान: राष्ट्रपति चुनाव में नागरिकों की भूमिका की सराहना

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अफ़ग़ानिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 28 सितंबर को हुए मतदान के सफलतापूर्वक संपन्न होने का स्वागत किया है. यूएन प्रमुख ने तालेबान चरमपंथियों द्वारा हमलों की धमकियों और सुरक्षा हालात पर चिंताओं के बीच मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए अफ़ग़ान नागरिकों की प्रशंसा की है.

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मत-पत्र के ज़रिए अपने नेताओं का चुनाव करने के प्रति अफ़ग़ान नागरिकों के संकल्प की वह सराहना करते हैं. 

यूएन प्रमुख ने मतदान और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी हिस्सेदारों से अपील की है कि चुनाव संस्थाओं को उनकी ज़िम्मेदारियाँ पूरी तरह से निभाने में मदद दी जानी चाहिए. मतदान से जुड़ी शिकायतें भी उपयुक्त प्रक्रियाओं के ज़रिए सुलझाने का अनुरोध किया गया है. 

अफग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMA) ने सभी पक्षों से ज़िम्मेदारी का निर्वहन करने और चुनाव आयोग की ओर से जारी आधिकारिक आकंड़ों का सम्मान करने की अहमियत पर बल दिया है.

यूएन मिशन ने मतदान के आंकड़ों पर क़यासबाज़ी से दूर रहने और इस संबंध में चुनाव आयोग की ओर से घोषणा का इंतज़ार करने की बात कही है.

अफ़ग़ानिस्तान में यूएन मिशन के प्रमुख तादामिची यामामोतो ने कहा, “मैं अफ़ग़ानिस्तान के उन सभी पुरुषों व महिलाओं की सराहना करता हूं जो विपरीत परिस्थितियों में पारदर्शी और विश्वसनीय चुनाव संपन्न कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं. अपने संकल्प और लोकतंत्र के प्रति समर्थन के लिए मतदाता भी बधाई के पात्र हैं.”

मिशन का कहना है कि मतदान के बाद अब संयम बरते जाने की आवश्यकता है और चुनाव संस्थाओं को वोट गिनने, शिकायतों की समीक्षा करने और नतीजे घोषित करने के लिए समय दिया जाना चाहिए ताकि स्थिरता बनाए रखने में मदद मिल सके.

यूएन मिशन ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए सभी वोटरों की प्रशंसा की है और डराने-धमकाने व लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश करने वालों की निंदा की है.  

वर्ष 2001 के बाद राष्ट्रपति चुनाव चौथी बार हुए हैं जिनके ज़रिए देश में लोकतांत्रिक प्रणाली को मज़बूत बनाने की दिशा में क़दम आगे बढ़ाया जा रहा है.

मतदान से पहले अफ़ग़ानिस्तान में सुरक्षा हालात, मतदाताओं की भागीदारी और संभावित धांधली व अनियमितताओं की आशंका गंभीर चिंता का कारण बनी हुई थी.