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खाड़ी क्षेत्र को बिखरने से बचाने के लिए 'आशाओं के गठबंधन' की पुकार

ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी यूएन महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए.
UN Photo/Cia Pak
ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी यूएन महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए.

खाड़ी क्षेत्र को बिखरने से बचाने के लिए 'आशाओं के गठबंधन' की पुकार

यूएन मामले

ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा है कि खाड़ी क्षेत्र में लगातार बढ़ते तनाव से वह बिखरने के कगार पर पहुंच गया है. क्षेत्र में उपजे नाज़ुक हालात का ज़िक्र करते हुए राष्ट्रपति रोहानी ने कहा कि ज़रा सी भूल एक बड़ी आग को हवा दे सकती है. 

अपने भाषण में उन्होंने कहा, “अमेरिका और यहूदी राष्ट्र के समर्थकों ने डील ऑफ़ द सेंचुरी जैसी योजनाएँ थोपी हैं, और बेत-अल-मुक़द्दस को यहूदी राष्ट्र की राजधानी बनाने और सीरिया में गोलान पहाड़ियों को अपने क़ब्ज़े में लेने वाली योजनाएं अभिशप्त हैं.”

उन्होंने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि जब तक ईरान पर प्रतिबंध जारी रहते हैं, वो परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर बातचीत नहीं करेगा.

उन्होंने कहा कि विदेशियों द्वारा भड़काऊ हस्तक्षेप को ईरान सहन नहीं करेगा और किसी भी रूप में सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के उल्लंघन का मज़बूती और निर्णायक ढंग से जवाब देगा.

“ईरान के लिए वैकल्पिक और उचित समाधान यही है कि फ़ारस की खाड़ी और होरमुज़ क्षेत्र में साझा हितों वाले सभी राष्ट्रों के साथ एकजुटता बढ़ाई जाए.”

ईरान की ओर से संदेश जारी करते हुए उन्होंने कहा कि युद्ध और हिंसा के बजाय बेहतर भविष्य को दर्शाती आशाओं में निवेश होना चाहिए. “आइए हम न्याय, शांति, क़ानून, संकल्प, वादे और वार्ता की मेज़ पर लौटें.”

ईरान का सुरक्षा डॉक्ट्रिन फ़ारसी की खाड़ी में शांति और स्थिरता को बरक़रार रखना है. साथ ही स्ट्रेट ऑफ होरमुज़ में बेरोकटोक और सुरक्षित आवाजाही सुनश्चित किया जाएगा. हाल ही मे इन जल मार्गों पर हुई घटनाओं से क्षेत्रीय सुरक्षा को धक्का पहुंचा है.

आशाओं का गठबंधन

राष्ट्रपति रोहानी ने उन सभी देशों को ‘कोअलीशन ऑफ़ होप’ यानी आशाओं के गठबंधन में शामिल होने का निमंत्रण दिया जो फ़ारस की खाड़ी और होरमुज़ स्ट्रेट में हुई घटनाओं से प्रभावित हुए हैं.

इस गठबंधन का लक्ष्य क्षेत्र के सभी नागरिकों के लिए शांति, स्थिरता, प्रगति और कल्याण को बढ़ावा देना और उनमें आपसी समझ व मित्रतापूर्ण रिश्तों को बढ़ावा देना है.

बताया गया है कि इस पहल में सहयोग के लिए कई क्षेत्र चुने गए हैं जिनमें ऊर्जा सुरक्षा की सामूहिक आपूर्ति, आवाजाही की स्वतंत्रता और स्ट्रेट ऑफ़ होरमुज़ से तेल और अन्य संसाधनों का निशुल्क हस्तांतरण शामिल है.

ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था क़ायम हो जाएगी. “अमेरिकी हथियारों और हस्तक्षेप के ज़रिए सुरक्षा की आपूर्ति नहीं होनी चाहिए.”

राष्ट्रपति रोहानी ने ज़ोर देकर कहा कि 18 वर्ष बाद भी अमेरिका आतंकवाद की क़ीमत को कम नहीं कर पाया है लेकिन ईरान पड़ोसी देशों और सरकारों के साथ मिलकर दाएश के अभिशाप को ख़त्म करने में जुटा है.

उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व क्षेत्र में स्थिरता की दरकार है और ये स्थिरता क़ायम करने की कोशिश उसी क्षेत्र के भीतर होनी चाहिए ना कि उससे बाहर.