वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

यूएन मुख्यालय में युवा कार्यकर्ताओं द्वारा साहसिक जलवायु कार्रवाई की माँग

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (मध्य) और युवा जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (दाईं ओर से दूसरी), यूएन युवा जलवायु सम्मेलन के दौरान. (21 सितंबर 2019)
UN Photo/Kim Haughton
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (मध्य) और युवा जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (दाईं ओर से दूसरी), यूएन युवा जलवायु सम्मेलन के दौरान. (21 सितंबर 2019)

यूएन मुख्यालय में युवा कार्यकर्ताओं द्वारा साहसिक जलवायु कार्रवाई की माँग

जलवायु और पर्यावरण

शनिवार को छात्रों और युवा कार्यकर्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अगले सप्ताह महासभा की चर्चा में शिरकत करने के लिए आने वाले विश्व नेताओं के सामने ये ज़ोरदार माँग रखी कि वो समय बर्बाद करना बंद करें और कार्बन उत्सर्जन की रोकथाम के लिए ठोस क़दम उठाएं, नहीं तो उन्हें मतदान के ज़रिए हरा दिया जाएगा. 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष युवा दूत जयथमा विक्रमानायके ने स्कूली छात्रों और युवा कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए कहा, "हम आप सभी का इंतज़ार कर रहे थे. इन कार्यकर्ताओं ने दिन भर चलने वाले इस सम्मेलन के शुरू में ही ये ज़ाहिर कर दिया था कि विश्व के राजनैतिक नेताओं को नोटिस जारी किया जा चुका है: उन्हें विश्व को जीवाश्म ईंधन से हटाने, नवीनीकृत ऊर्जा के इस्तेमाल की तरफ़  ले जाने, हमार समुद्रों का संरक्षण करने और उपभोग की टिकाऊ आदतें विकसित करने के लिए क्रांतिकारी बदलाव लाने ही होंगे.

ये युवा जलवायु सम्मेलन अपनी तरह का पहला कार्यक्रम था. इससे पहले शुक्रवार को वैश्विक स्तर पर जलवायु हड़ताल हुई थी जिसमें दुनिया भर में लाखों युवाओं ने स्कूलों से बाहर आकर शिरकत की और अनेक प्रमुख शहरों में रास्ते जाम किए; न्यूयॉर्क से लेकर नई दिल्ली और सैंटियागो से लेकर सैन फ्रांसिस्को.

इस हड़ताल के दौरान युवा कार्यकर्ताओं ने नारे लिखी अनेक तख़्तियाँ पकड़ रखी थीं, मसलन: हर एक आपदा मूवी वैज्ञानिकों की अनदेखी करने के साथ शुरू होती है; और "मैं स्कूल को इसलिए धोखा दिया है क्योंकि आप पृथ्वी ग्रह को धोखा दे रहे हैं. "

आख़िरकार, जलवायु कार्रवाई मेज़ पर एक सीट

विशेष युवा दूत जयथमा विक्रमानायके ने शनिवार को कहा, "जलवायु परिवर्तन हमारे दौर का बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है. पूरी दुनिया में लाखों-करोड़ों युवा इससे पहले ही प्रभावित हो रहे हैं. अगर हम अभी कार्रवाई नहीं करते हैं तो इसका प्रभाव बहुत भीषण होगा."

जयथमा ने जलवायु हड़ताल आंदोलन की प्रशंसा करते हुए कहा, "हम देख चुके हैं कि आप लोग समुदायों को कैसे संगठित करते हैं... आपके साथी और यहाँ तक कि आपके अभिभावक और माता-पिता. "

और कई वर्षों तक ये माँग करने के बाद कि जलवायु मुद्दे पर उनकी आवाज़ सुनी जाए: देखिए आपने आंदोलन की क्या ताक़त बनाकर दिखा दी है! नेता लोग भी अब आपकी मेज़ के पास बैठने के लिए जगह की माँग कर रहे हैं."

स्वीडन मूल की एक किशोरी जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (मध्य), 30 अगस्त 2019 को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर स्कूली युवाओं की एक हड़ताल या प्रदर्शन में शिरकत करते हुए.

ये युवा जलवायु सम्मेलन परंपरागत रूप से होने वाले किसी ऐसे सम्मेलन से भिन्न था जिसमें एक-एक करके वक्ता अपनी बात कहते हैं.

इसमें बहुत ऊर्जावान बहस हुई और सवाल-जवाब का सिलसिला भी चला. इसमें संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों के बजाय स्कूली छात्रों और युवाओं ने ही सक्रिय हिस्सा लिया. 

यहाँ तक संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने भी युवा वक्ताओं के एक पैनल में सक्रिय श्रोता की भूमिका अदा की.

इन  युवा वक्ताओं ने ना सिर्फ़ जलवायु आपदा मुद्दा उठाया बल्कि इस चुनौती के अभिनव समाधान भी सुझाए.

इस युवा जलवायु सम्मेलन में लगभग 600 प्रतिभागी शामिल हुए जिनमें 100 ग्रीन टिकट विजेता भी शामिल थे जो दुनिया भर में जलवायु क्षेत्र में असाधारण काम करने के लिए चुने गए हैं.  

स्वीडन मूल की 16 वर्षीय  युवा जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने इस मौक़े पर कहा, "कल दुनिया भर में लाखों लोगों ने मार्च करके ठोस जलवायु कार्रवाई की माँग की." ग्रेटा ने जलवायु आंदोलन को दुनिया भर में सक्रिय कर दिया है. 

साथी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए ग्रेटा थनबर्ग ने कहा, "हमने दिखा दिया है कि हम एकजुट हैं. और हम युवाओं का रास्ता रोका नहीं जा सकता."

ग्रेटा थनबर्ग सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा बुलाई गई जलवायु कार्रवाई सम्मेलन में विश्व नेताओं को संबोधित करेंगी. 

हद हो चुकी: जीवाश्म ईंधन अब और नहीं

फिजी की एक जलवायु कार्रवाई पैरोकार कोमल कुमार ने ज़मीन पर घटी घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि उनके देश में जलवायु आपदा का गंभीर असर पहले ही देखने को मिल रहा है. जबकि जलवायु आपदा में में फिजी को बहुत ही कम योगदान है. दुनिया भर में उनकी पीढ़ी के लोग  लगातार डर और चिंता के माहौल में जी रहे हैं... उन्हें भविष्य की चिंता सता रही है."

हमारे सामने चीज़ें बहुत साफ़ नज़र आ रही हैं, हम कोई जीवन बीमा योजनाएँ नहीं हैं, हम जीते-जागते इंसान हैं, हम समुदाय हैं. क्या आप सब से अपने कहे पर अमल करने के लिए कहना कुछ ज़्यादा माँगना है. क्या हम सचमुच किसी झूठी उम्मीद का दामन थामे हुए हैं."

कोमल कुमार ने कहा, "हम कार्रवाई की माँग करते हैं. छोटे-छोटे फ़ायदों के लिए टिकाऊ भविष्य के रास्ते में बाधाएँ खड़ी करना बंद करें. बेहतर नीतियाँ बनाने और अपनाने में युवाओं को  ज़्यादा से ज़्यादा शामिल करें. "

उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज़ में ये भी कहा कि हम आप सभी को ज़िम्मेदार ठहराएंगे. और अगर आप सबको याद नहीं रहा तो हम मतदान के ज़रिए आपको सत्ता से बाहर कर देंगे.

वन्जूही न्योरोगे एक कीनियाई कार्यकर्ता हैं. उन्होंने देश में वन क्षेत्र बढ़ाने के प्रयासों में हुई प्रगति की तरफ़ ध्यान दिलाते हुए कहा कि कुल मिलाकर युवाओं के नेतृत्व वाली जलवायु परिवर्तन पहल एक आंदोलन का रूप लेंगी. इसके ज़रिए हमें जलवायु संबंधी फ़ैसलों पर प्रभाव डालने का मौक़ा मिलना चाहिए. सदस्य देशों को अभिव्यक्ति की हमारी स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए जिसमें ऑनलाइन भी शामिल है.  

ये सही मौक़ा है कि हम सभी एकजुट होकर काम करें. हम एक मानव श्रंखला बनाएँ जो जंगलों की आग को शांत कर दे, जबकि हर किसी ने कहा था कि ये असंभव है.

'हमारी पीढ़ी पर भारी ज़िम्मेदारी'

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने युवा कार्यकर्ताओं से सहमति जताते हुए कहा कि विश्व नेताओं की एक समस्या ये है कि वो बातें तो बहुत करते हैं लेकिन सुनते बहुत कम हैं.असल में ध्यान से सुनने के ज़रिए ही हम ज़्यादा सीखते हैं.

"आज के समय में विश्व की नुमाइंदगी करने वाले लोगों की आवाज़ों को नीति निर्माण और अहम फ़ैसलों में प्रमुखता से जगह देने से ही आगे का सही रास्ता निकलेगा."

महासचिव ने जलवायु आपदा की काफ़ी ख़तरनाक तस्वीर पेश करते हुए कहा कि अफ्रीका में सूखा पड़ने से लेकर अन्य स्थानों पर गर्म हवाएँ चलने तक उन्होंने सोमवार को होने वाले जलवायु कार्रवाई सम्मेलन से पहले माहौल गतिमान होते देखा है. इसमें ग्रेटा थनबर्ग और अन्य ज़मीन से जुड़े कार्यकर्ताओं और गाँवों के स्तर पर पहल करने वालों का योगदान शामिल है.

महासचिव ने युवा कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा में शिरकत करते हुए कहा, "मैं आप सभी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहता हूँ. आगे बढ़ने की अपनी गति बनाए रखने और उससे भी ज़्यादा के लिए और मेरी पीढ़ी को ज़िम्मेदारी ठहराने के लिए."

"मेरी पीढ़ी अभी तक तो विश्व में न्याय क़ायम रखने और पृथ्वी की हिफ़ाज़त करने में नाकाम रही है. मेरी पीढ़ी पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है. ये आपकी पीढ़ी है जिसे हमारी पीढ़ी की की जवाबदेही निर्धीरित करनी होगी कि हम भविष्य की मानवता के साथ धोखा ना करें."