संयुक्त राष्ट्र महासभा का 74वाँ वार्षिक सत्र शुरू

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि महासभा के 74वें सत्र के लिए अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद-बांडे के पास वर्षों तक यूएन के साथ काम करने का अनुभव है. यूएन महासभा के नए अध्यक्ष ने ग़रीबी उन्मूलन, जलवायु कार्रवाई, गुणवत्तापरक शिक्षा और समावेशन को अपनी प्राथमिकताओं में शुमार करते हुए मंगलवार को परंपरा के अनुरूप हथौड़े की चोट के ज़रिए अपना एक वर्ष का कार्यकाल शुरू किया है.
महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “शांति व सुरक्षा, मानवाधिकार, टिकाऊ विकास से जुड़ी चुनौतियों, हिंसक चरमपंथ से लेकर वैश्विक जलवायु संकट से जुड़े बेहद अहम मुद्दों पर उनके पास मूल्यवान पारखी नज़र है.”
तिजानी मोहम्मद-बांडे संयुक्त राष्ट्र में नाइजीरिया के स्थाई प्रतिनिधि के रूप में काम कर चुके हैं.
उन्होंने अपना कार्यकाल शुरू करते हुए शांति व सुरक्षा, ग़रीबी उन्मूलन, गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने, जलवायु कार्रवाई और समावेशन जैसे मुद्दों को अपनी प्राथमिकता क़रार दिया है जिसके लिए यूएन महासचिव ने उनकी प्रशंसा की है.
यूएन प्रमुख ने कहा है कि ये सभी मुद्दे टिकाऊ विकास एजेंडा के केंद्र में हैं. “मानवाधिकारों और लैंगिक बराबरी को भी आप महत्व दे रहे हैं जिसकी मैं सराहना करता हूं.”
Congratulations @BandeTijjani of Nigeria for assuming the Presidency of the 74th #UNGA session.I look forward to working with you on your priority issues as @UN_PGA, including poverty eradication, quality education, and #ClimateAction.https://t.co/t3CtArlmbc pic.twitter.com/2sORDKwo5M
antonioguterres
महासभा के सत्र के दौरान अगले सप्ताह पांच महत्वपूर्ण बैठकें होनी हैं: जलवायु कार्रवाई पर सम्मेलन, टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर सम्मेलन, विकास के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने पर सम्मेलन, सार्वजनिक स्वास्थ्य कवरेज पर सम्मेलन, और लघु द्वीपीय विकासशील देशों पर बैठक.
यूएन प्रमुख का कहना है कि इन बैठकों में बहुपक्षीय हिस्सेदारी सुनिश्चित करना ज़रूरी होगा.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि तेज़ी से बदलती दुनिया में चुनौतियां वैश्विक हैं और आपस में जुड़ी हुई हैं. कुछ ही समय बाद संयुक्त राष्ट्र अपनी स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा और लोगों को संयुक्त राष्ट्र से व्यापक उम्मीदें हैं.
लेकिन उन्होंने चिंता भी जताई कि देशों के बीच आपसी विश्वास का अभाव है और साथ ही लोगों में भरोसा क़ायम करना होगा कि संयुक्त राष्ट्र सभी के लिए प्रासंगिक है; और बहुपक्षवाद से वैश्विक चुनौतियों का वास्तविक समाधान ढूंढा जा सकता है. “पारदर्शिता, संवाद और ज़्यादा समझदारी से अविश्वास को दूर किया जा सकता है.”
अपने संबोधन के अंत में उन्होंने उम्मीद जताई कि शांति, समृद्धि व सभी के लिए स्वस्थ पृथ्वी के निर्माण के लक्ष्य की ओर क़दम आगे बढ़ाए जाएंगे.
तिजानी मोहम्मद-बांडे ने यूएन महासभा अध्यक्ष के तौर पर पहली बार महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह सुरक्षा परिषद के साथ सहयोग और समन्वयन के साथ काम करेंगे.
साथ ही उनका प्रयास सचिवालय के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हिंसक संघर्ष के पूरी तरह भड़कने से पहले ही उसकी रोकथाम हो सके.
इसके अलावा ग़रीबी, समावेशन ना होने और असाक्षरता के पीछे छिपे मूल कारणों को दूर करने के लिए भी वह सहयोग प्रोत्साहन देंगे.
गुणवत्तापरक शिक्षा की अहमयित पर बल देते हुए उन्होंने ध्यान दिलाया कि अपनी शिक्षा क्षमता से आगे जाकर कोई देश विकास नहीं कर सकता इसलिए यह ज़रूरी होगा कि सदस्य देश अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग प्रदान करें और प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाए.
जलवायु परिवर्तन को उन्होंने विकास प्रक्रिया में एक अहम मुद्दा बताया है जिसके कारणों और दुष्परिणामों से निपटना ज़रूरी होगा.
“बहामास, मोज़ाम्बीक़ और साहेल क्षेत्र में हाल के दिनों में देखी गई आपात स्थिति हमें ध्यान दिलाती है कि जलवायु परिवर्तन के मुक़ाबले के लिए तत्काल मज़बूत कार्रवाई की आवश्यकता है.”
नए महासभा अध्यक्ष ने समावेशन पर ज़ोर देते हुए कहा कि युवाओं महिलाओं और विकलांगों के अधिकारों को सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी है और उन्हें सशक्त बनाना होगा.