अफग़ानिस्तान में शांति का रास्ता 'सीधी वार्ता' से ही संभव
अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि तादामिची यामामोतो ने कहा है कि देश में वर्षों से चले आ रहे हिंसक संघर्ष को विभिन्न अफग़ान समुदायों के बीच सीधी वार्ता के ज़रिए ही सुलझाया जा सकता है. उन्होंने 28 सितंबर को राष्ट्रपति चुनाव से पहले पारदर्शी व निष्पक्ष चुनावों के लिए सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत बनाने और हिंसा रोके जाने की अपील भी जारी की है.
यूएन मिशन प्रमुख यामामोता ने सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि शांति प्रयासों के फलस्वरूप हिंसा में कमी आनी चाहिए लेकिन इसके बावजूद हाल के दिनों में हिंसा में तेज़ी आई है और कुंदूज़, बाग़लान, फ़ाराह व काबुल में हमले होना गंभीर चिंता का विषय है.
हिंसक घटनाओं में आम नागरिकों के हताहत होने से यूएन मिशन प्रमुख चिंतित हैं और उन्होंने इसे युद्धापराध क़रार दिया है.
“बातचीत में अपनी स्थिति को मज़बूत बनाना हिंसा में तेज़ी आने के पीछे एक वजह हो सकती है. शांति वार्ता के लिए अपनी गंभीरता दर्शाने के लिए हिंसक संघर्ष में शामिल पक्षों को हिंसा में कमी लानी होगी और आम नागरिकों को निशाना बनाने से बचना होगा.”
The conflict can only be resolved by direct intra-Afghan talks, Yamamoto, UN envoy in #Afghanistan, tells Security Coun. It is imperative for direct Afghanistan govt & Taliban talks to commence. UN ready to support an intra-Afghan process. Read more https://t.co/H0piMphBkb pic.twitter.com/oOH6yq9T7p
UNAMAnews
उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में शांति के लिए अवसर पैदा हुए हैं और वर्षों से चले आ रहे हिंसक संघर्ष को अफ़ग़ान नागरिकों के बीच सीधी वार्ता से ही सुलझाया जा सकता है. लेकिन इस वार्ता का समावेशी होना आवश्यक है जिसमें अफ़ग़ान समाज के हर समुदाय की भागीदारी हो.
यूएन मिशन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि तालेबान के साथ सीधी बातचीत जल्द से जल्द शुरू होनी चाहिए और इस दिशा में प्रयास भी किए जा रहे हैं. “मैं पक्षों से अपील करता हूं कि वे सीधी वार्ता के अवसर का लाभ उठाना जारी रखें ताकि एक शांतिपूर्ण भविष्य का निर्माण हो सके.”
अफग़ान नागरिकों की आशंकाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने माना कि हिंसा समाप्त होने की उम्मीदों के बावजूद बहुत से लोगों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं, को डर है कि भविष्य में उनकी आज़ादी और अधिकारों व राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन पर असर पड़ेगा.
इस दृष्टि से किसी भी राजनैतिक समझौते में मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति व मीडिया की स्वतंत्रता जैसे बुनियादी अधिकारों को सुनिश्चित करना ज़रूरी बताया गया है.
साथ ही राज्यसत्ता की संस्थागत क्षमताओं को क़ायम रखना भी अहम होगा जिससे आम लोगों की सुरक्षा व उन्हें दैनिक जीवन की ज़रूरी सेवाएँ मुहैया कराई जा सकें.
हाल ही में मॉस्को और दोहा में अफ़ग़ान समाज के प्रतिनिधियों और तालेबान के बीच अनौपचारिक वार्ता में शांति स्थापना के लिए आवश्यक मुद्दों पर विमर्श हुआ. उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस प्रक्रिया को मज़बूती से आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र तैयार है और हरसंभव मदद मुहैया कराएगा.
विशेष प्रतनिधि ने स्पष्ट किया कि शांति स्थापना के ज़रिए हिंसक घटनाओं में कमी लाने और फिर पूर्ण युद्धविराम लागू करने में मदद मिलेगी. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए क्षेत्रीय और अन्य देशों का सहयोग महत्वपूर्ण बताया गया है.
चुनावों के लिए सुरक्षा एक चिंता
अफ़ग़ानिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 28 सितंबर को मतदान होना है. वर्ष 2001 के बाद यह चौथी बार है जब राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं जिसके ज़रिए देश में लोकतांत्रिक प्रणाली को मज़बूत बनाने की दिशा में क़दम आगे बढ़ाया जा रहा है.
देश में निष्पक्ष, समावेशी और पारदर्शी चुनाव संपन्न कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र स्वतंत्र चुनाव आयोग, निर्वाचन शिकायत आयोग, सुरक्षा संस्थाओं, नागरिक समाज संगठनों, उम्मीदवारों और अन्य को सहायता प्रदान कर रहा है.
लेकिन अफ़ग़ानिस्तान में सुरक्षा हालात, मतदाताओं की भागीदारी और संभावित धांधली व अनियमितताओं की आशंका गंभीर चिंता का कारण बनी हुई हैं.
अफग़ानिस्तान में सुरक्षा संगठन नागरिकों के लिए सुरक्षा व्यवस्था पुख़्ता करने के प्रयासों में जुटे हैं लेकिन तालेबान ने चुनाव प्रक्रिया को अस्थिर बनाने और आम लोगों को निशाबना बनाने की धमकी दी है जिससे भय का माहौल है.
यूएन मिशन प्रमुख ने तालिबान से हिंसा की धमकी वापस लेने का आग्रह किया है और सरकारों से अनुरोध किया है कि चुनाव प्रक्रिया को शांतिपूर्ण बनाने के लिए पर्याप्त इंतज़ाम किए जाने चाहिए.
चुनावी तैयारियों के तहत मतदान स्टाफ़ को ट्रेनिंग भी मुहैया कराई जा रही हैं.
अफ़ग़ानिस्तान में यूएन एजेंसियां और ग़ैर-सरकारी संगठन देश के 400 में से 331 ज़िलों में सक्रिय हैं और कृषि, शिक्षा व स्वास्थ्य से जुड़े क्षेत्रों में बेहतरी लाने का प्रयास कर रहे हैं.