राजनीति के बजाय बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की अपील

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भूमध्य सागर में दो जहाज़ों पर सवार 130 बच्चों के भविष्य को राजनैतिक फ़ायदे के लिए जोखिम में नहीं डाला जाना चाहिए. यूएन की ओर से यह बयान गुरूवार को ऐसे समय में आया जब इन जहाज़ों को इटली में प्रवेश करने की अनुमति मिलने पर अनिश्चितितता बनी हुई थी.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने योरोपीय सरकारो से अपनी अपील में कहा है कि योरोपीय संघ के देशों में प्रवेश का प्रयास कर रहे प्रवासियों और शरणार्थियों को समुद्र में असहाय होकर फंसने से बचाया जाना चाहिए.
We're calling for a port of safety where children stranded on the Mediterranean can safely disembark.Children have the right to be safe and to be protected. #AChildIsAChild @AfshanKhan_https://t.co/P57faTfy7E
UNICEF
इटली में हाल ही में एक सरकारी आदेश जारी किया गया जिसके तहत मानवीय मदद पहुंचाने वाले जहाज़ों को देश में दाख़िल होने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
पिछले हफ़्ते ही इटली ने एक बिल पारित किया जिसमें प्रवासियों एवं शरणार्थियों के लिए खोज एवं बचाव अभियान चलाने वाले जहाज़ों और संगठनों पर इटली की सीमा में दाख़िल होने पर दस लाख यूरो जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा ऐसे जहाज़ों को ज़ब्त किए जाने की बात कही गई है.
यूनीसेफ़ के मुताबिक़ एक सुरक्षित बंदरगाह तत्काल उपलब्ध कराया जाना चाहिए ताकि दोनों जहाज़ों पर सवार बच्चे व अन्य लोग उतर सकें.
यूनीसेफ़ से ध्यान दिलाया कि कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को बचाना अपराध नहीं होना चाहिए.
2019 में अब तक 4 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने उत्तर अफ़्रीका से योरोप तक पहुंचने के लिए मध्य भूमध्य सागर मार्ग का सहारा लिया है और यह एक बेहद ख़तरनाक सफ़र माना जाता है.
2018 के पहले सात महीनों में यह सफ़र तय करने वाले लोगों की तुलना में यह संख्या 80 फ़ीसदी कम है.
रविवार को 400 से ज़्यादा लोगों को लीबियाई तट पर दो जहाज़ों की मदद से बचाया गया.
इनमें से एक जहाज़ ने इटली के लैम्पेडूसा द्वीप पर लंगर डाला हुआ है जबकि दूसरे जहाज़ पर 103 बच्चे सवार हैं लेकिन उनमें से सिर्फ़ 11 ही अपने अभिभावकों के साथ हैं.
शरणार्थियों और प्रवासियों के लिए यूनीसेफ़ की विशेष समन्वयक अफ़शां ख़ान ने एक बयान जारी करके कहा है कि कई युवा ग़रीबी, हिंसक संघर्ष और अकल्पनीय अत्याचारों को पीछे छोड़ कर आए हैं और उनके पास सुरक्षित रहने का अधिकार है.
कुछ रिपोर्टों के अनुसार स्पेन सरकार पिछले सप्ताहांत बचाए गए लोगों से कुछ लोगों को शरण देने के लिए राज़ी हो गई थी. इनमें से अधिकांश लोग सूडान से हैं.
यूनीसेफ़ समन्वयक का कहना है कि आपसी एकजुटता बढ़ाने और यूरोपीय सरकारों के बीच ज़िम्मेदारी साझा करने की योजना की दिशा में प्रगति हुई है और वो इसका स्वागत करती हैं.