तंबाकू सेवन को बढ़ावा देने के तरीक़ों पर रोक की पुकार

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तमाम सरकारों का आहवान किया है कि उन्हें तंबाकू सेवन के विज्ञापन, उन्हें बढ़ावा देने और उन्हें प्रायोजित करने पर पाबंदियों को सख़्ती से लागू करना चाहिए. विश्व स्वास्थ्य संगठन के तंबाकू नियंत्रण के लिए बने फ्रेमवर्क कन्वेंशन के अनुच्छेद 13 में ये व्यवस्था की गई है.
इस अनुच्छेद में ये भी व्यवस्था है कि सरकारों को विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों और सम्मेलनों में भी तंबाकू उत्पादों के विज्ञापनों पर पाबंदी लगानी चाहिए.
साथ ही ये भी कहा गया है कि सरकारों की ये ज़िम्मेदारी है कि उनके तमाम आयोजन, कार्यक्रम और सम्मेलन वग़ैरा तंबाकू से मुक्त हों और उनकी गतिविधियाँ व उनमें हिस्सा लेने वाले तंबाकू कंपनियों से प्रायोजित ना हों.
संगठन ने कहा है कि तंबाकू कंपनियों द्वारा अपने उत्पाद बेचने के लिए अपनाए जा रहे आक्रामक तरीक़ों के ख़िलाफ़ दुनिया को एकजुट होना होगा. ध्यान रहे कि तंबाकू सेवन की लत लगने से हर वर्ष बड़ी संख्या में लोगों को भारी तकलीफ़ होती है और लाखों लोगों की मौत हो जाती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का ये ताज़ा आहवान इन ख़बरों के बीच आया है कि कुछ तंबाकू कंपनियाँ अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में कुछ देशों की गतिविधियों या पवेलियनों को प्रायोजित करने की कोशिश कर रही हैं.
वो भी एक ऐसे देश में करने की कोशिश ही रही है जो तंबाकू नियंत्रण के लिए फ्रेमवर्क कन्वेंशन (FCTC) को पहले ही मंज़ूरी दे चुका है.
फ़िलिप मॉरिस इंटरनेशनल (पीएमआई) ने हाल ही में घोषणा की थी कि वो दुबई विश्व ऐक्सपो 2020 में स्विस पवेलियन को प्रायोजित करने के लिए स्विटज़रलैंड सरकार के साथ एक समझौता किया था.
स्विटज़रलैंड सरकार ने उस समझौते पर पुनर्विचार किया और फ़िलिप मॉरिस अंतरराष्ट्रीय की इस पेशकश को ठुकराते हुए उससे कोई वित्तीय सहायता नहीं लेने का फ़ैसला किया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्विटज़रलैंड सरकार के इस फ़ैसले का स्वागत किया है.
साथ ही इस मौके पर तमाम देशों की सरकारों का आहवान किया है कि वो तंबाकू नियंत्रण फ्रेमवर्क कन्वेंशन को मंज़ूरी दें.
स्विटज़रलैंड भी उन गिने चुने देशों में बचा है जिन्होंने अभी इस संधि को मंज़ूरी नहीं दी है.
इस फ्रेमवर्क के अनुच्छेद 5.3 में सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली नीतियों के लिए प्रतिबद्धता दिखाने का प्रावधान है.
इसके लिए तंबाकू नियंत्रण वाली नीतियों को तंबाकू उद्योग के व्यावसायिक हितों और नीहित स्वार्थ वाले पक्षों से प्रभावित होने से बचाना भी शामिल है.
वर्ष 2011 में विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी ब्यूरो (बीआईई) के बीच एक समझौता हुआ था जिसमें अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में तंबाकू कंपनियों, उनके एजेंटों या उनकी सहायक कंपनियों की वित्तीय सहायता व प्रायोजित करने पर पाबंदी लगाने का प्रावधान है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि सिगरेट व तंबाकू के अन्य उत्पादों को दुबई अंतरराष्ट्रीय एक्सपो 2020 में दिखाना उस प्रदर्शनी के मूल सिद्धांत - Connecting Minds, Creating the Future के ख़िलाफ़ है.
संगठन ने गुरूवार को एक वक्तव्य जारी करके कहा कि तमाम देशों की सरकारों की ये ज़िम्मेदारी है कि वो ऐसे लोगों की संख्या कम करने की कोशिश करें जो या तो धूम्रपान शुरू करने वाले हैं या पहले से ही धूम्रपान करते हैं.
लोगों का स्वास्थ्य बेहतर बनाने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए बेहतर हालात पैदा करने के लिए ये प्रतिबद्धता बहुत ज़रूरी है.
ग़ौरतलब है कि तंबाकू सेवन से जितनी संख्या में लोगों की मौत होती है उनमें सबसे ज़्यादा हिस्सा सिगरेट का है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस फ्रेमवर्क के अनुच्छेद 8 के प्रावधानों के अनुसार तमाम अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों और सम्मेलनों के आयोजकों से पूर्ण रूप से तंबाकू मुक्त नीतियाँ अपनाने का आहवान किया है.
इन प्रयासों के तहत कामकाज के अंदरूनी स्थानों, सार्वजनिक परिवहन के साधनों, ऐसे सार्वजनिक स्थानों जहाँ पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं और अन्य स्थानों पर लोगों को धूम्रपान से महफ़ूज़ माहौल कराना ज़रूरी है.
लोगों को धूम्रपान की सुविधा देने वाले स्थान खुले वातावरण में होने चाहिए और उनमें भी लोगों को धूम्रपान रोकने के लिए प्रोत्साहित करने का माहौल होना चाहिए.
साथ ही लोगों धूम्रपान की चपेट में आकर उसके परोक्ष असर से बचाने के लिए भी प्रयास करने का प्रावधान है.
साथ ही तमाम सरकारों को ये क़दम भी उठाने चाहिए...