जम्मू-कश्मीर में हालात पर यूएन महासचिव चिंतित
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश जम्मू और कश्मीर में हालात पर चिंताजनक नज़र रखे हुए हैं और उन्होंने अधिकतम संयम बरते जाने की अपील की है. यूएन महासचिव ने सभी पक्षों से ऐसे क़दम ना उठाने का आग्रह किया है जिनसे जम्मू और कश्मीर का दर्जा प्रभावित होता हो.
महासचिव गुटेरेश के प्रवक्ता स्टीफ़ान दुजारिक ने गुरूवार को एक वक्तव्य पढ़कर सुनाया जिसमें यूएन प्रमुख ने स्पष्ट किया है कि इस क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र का रुख़ 'यूनाइटेड नेशंस चार्टर' और इस मुद्दे से संबंधित सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों पर आधारित है.
प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर 1972 में हुए 'शिमला समझौते' का भी ध्यान दिलाया है.
इस समझौते में कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर के दर्जे पर अंतिम निर्णय संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप शांतिपूर्ण ढंग से लिया जाएगा.
महासचिव ने भारतीय हिस्से वाले कश्मीर पर लगाई गई पाबंदियों पर चिंता जताई है और कहा है कि इससे क्षेत्र में मानवाधिकारों की स्थिति और बिगड़ सकती है.
यूएन महासचिव ने सभी पक्षों से ऐसे क़दम ना उठाने का आग्रह किया है जिससे जम्मू और कश्मीर का दर्जा प्रभावित होता हो.
इससे पहले मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने कहा था कि भारत प्रशासित कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संवैधानिक प्रावधान, अनुच्छेद 370, को ख़त्म किए जाने से वहां लोगों की बुनियादी लोकतांत्रिक आज़ादी पर जोखिम और ज़्यादा बढ़ जाएगा.
भारत सरकार द्वारा सोमवार, 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की घोषणा के बाद कश्मीर में हालात तनावपूर्ण हो गए और पाकिस्तान के साथ सीमा पर भी हलचल बढ़ी हुई देखी गई है.
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत भारत प्रशासित कश्मीर को व्यापक स्वायत्तता दी गई थी जिससे उसका विशेष दर्जा परिभाषित होता था.