नाव डूबने से 150 प्रवासियों के डूबने की आशंका

भूमध्य सागर में एक नाव डूबने से कम से कम 150 लोगों की मौत हो जाने की आशंका जताई गई है. इनमें ज़्यादातर वो लोग थे जो शांति, सुरक्षा और बेहतर भविष्य की तलाश में भूमध्य सागर के रास्ते जोखिम भरी यात्रा पर निकले थे. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने इस भयावह घटना पर गहरा शोक प्रकट किया है. इसे वर्ष 2019 में भूमध्य सागर में सबसे बड़ी त्रासदी के रूप में देखा जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने भूमध्य सागर में ख़तरनाक यात्राएं करने वाले लोगों की जान बचाने के लिए फिर से अभियान शुरू करने की पुकार लगाई है.
This shipwreck is the deadliest tragedy to hit the Mediterranean this year. And we can do something about it. UNHCR spokesperson @yaxle on the largest shipwreck of 2019. #Libya pic.twitter.com/GZrTFFeiJJ
Refugees
लीबिया में अंतरराष्ट्रीय प्रवासन एजेंसी के कार्यालय के अनुसार जिस समय नाव का इंजन ख़राब हो जाने से यह दुर्घटना हुई उस समय उसमें 250 से ज़्यादा लोग सवार थे.
इनमें अधिकतर एरिट्रीया और सूडान से थे और उनमें से 100 से ज़्यादा लोग वापिस सुरक्षित लीबियाई तट पर पहुंच गए हैं.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने एक ट्विट संदेश कहा कि इस भयावह ख़बर से वह स्तब्ध हैं. साथ ही उन्होंने प्रवासियों और शरणार्थियों की यात्राओं के लिए सुरक्षित और क़ानूनी रास्ता तैयार करने की अपील की है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के प्रमुख फ़िलिपो ग्रान्डी और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की प्रमुख हेनरीएटा फ़ोर ने लीबिया में प्रवासियों और शरणार्थियों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने पर रोक लगाने की अपील की है.
यूएन शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में बताया कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान जाना रेखांकित करता है कि समुद्री रास्तों पर ख़तरनाक यात्राएं कर रहे लोगों को तत्काल बचाना कितना आवश्यक है.
यूएन एजेंसी इसी विषय में पहले भी सदस्य देशों से अपील कर चुकी है ताकि लीबिया में हिंसा का दंश झेल रहे हज़ारों प्रवासियों और शरणार्थियों की पीड़ा को विराम लग सके.
एजेंसी के प्रवक्ता ने दोहराते हुए कहा कि पीड़ितों के पुनर्वास के लिए और संवेदनशील परिस्थितियों में फंसे लोगों को लीबिया से बाहर निकालने के लिए ज़्यादा सहायता की ज़रूरत है.
साथ ही मानव तस्करी के काम में जुटे लोगों की गिरफ़्तारी और उन्हें सज़ा दिलाने के लिए और ज़्यादा क़दम उठाए जाने होंगे.
तीन दिन पहले ही पेरिस में हुए एक सम्मेलन में लीबिया और भूमध्य सागर में स्थिति पर विचार-विमर्श हुआ था जिसमें संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी और प्रवासन एजेंसियों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया था.
सम्मेलन के दौरान दोनों अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा था कि समुद्री रास्तों पर लोगों की जान बचाना अपराध नहीं होना चाहिए और जिन लोगों को बचाया जाता है उन्हें वापिस लीबिया नहीं भेजा जाना चाहिए.