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नवप्रवर्तन में स्विट्ज़रलैंड सबसे आगे, भारत की रैंकिंग में सुधार

रिपोर्ट में 80 सूचकांकों के आधार पर 129 देशों को स्थान दिया गया है.
WIPO/Hemant Chawla
रिपोर्ट में 80 सूचकांकों के आधार पर 129 देशों को स्थान दिया गया है.

नवप्रवर्तन में स्विट्ज़रलैंड सबसे आगे, भारत की रैंकिंग में सुधार

आर्थिक विकास

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) की नई रिपोर्ट ‘ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2019’ के अनुसार नवप्रवर्तन (इनोवेशन) के क्षेत्र में स्विटज़रलैंड विश्व में पहले स्थान पर है और उसके बाद अमेरिका, नीदरलैंड्स और ब्रिटेन का नंबर आता है. रिपोर्ट दर्शाती है कि भारत ने  अपनी रैंकिंग में सुधार जारी रखते हुए 2019 में इस सूची में 52वां स्थान हासिल किया है जबकि 2015 में उसका नंबर 81वां था. 

‘ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स’ एक ऐसा वैश्विक मानदंड है जिससे नीति-निर्धारकों को यह समझने में मदद मिलती है कि आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए ज़रूरी नवप्रवर्तन प्रक्रिया को किस तरह परखा और प्रोत्साहित किया जा सकता है.

2019 में इनोवेशन इंडेक्स की रैंकिंग के शीर्ष 20 देशों में 12 यूरोपीय देश हैं. स्विट़जरलैंड ने वर्ष 2018 में भी इस सूची में पहला स्थान प्राप्त किया था जबकि उसी साल अमेरिका छठे नंबर पर था. 

इस साल स्थिति सुधारते हुए अमेरिका ने तीसरा स्थान हासिल किया है. चीन इस वर्ष 14वें स्थान पर है जबकि पिछले साल उसका 17वां स्थान था. ब्राज़ील, भारत, ईरान, रुस और तुर्की भी शीर्ष 100 देशों में शामिल हैं.

यूएन एजेंसी के महानिदेशक फ़्रांसिस गरी ने कहा कि “ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स हमें दिखाता है कि जो देश अपनी नीतियों में नवप्रवर्तन को प्राथमिकता दे रहे हैं उनकी रैंकिंग में बढ़ोत्तरी हुई है."

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"इस इंडेक्स में भारत और चीन जैसी आर्थिक शक्तियों के उभरने से नवप्रवर्तन का भूगोल रूपांतरित हो रहा है और यह नवप्रवर्तन को बढ़ावा देने के लिए सुनियोजित नीतिगत कार्रवाई को दर्शाता है.”

भारत की रैंकिंग बेहतर हुई

इस रिपोर्ट के 12वें अंक को बुधवार को दिल्ली में जारी किया गया और इसमें 80 सूचकांकों – मसलन शोध, विकास के लिए निवेश, अंतरराष्ट्रीय पेटेंट और ट्रेडमार्क आवेदन, मोबाइल फ़ोन एप्स - के आधार पर 129 देशों को सूची में शामिल किया गया है.

भारत ने मध्य और दक्षिणी एशिया में अपने पहले स्थान को बरक़रार रखा है और इस साल उसे रैंकिंग में 52वां स्थान मिला है – 2015 में उसका स्थान 81वां था.

रिपोर्ट के अनुसार पिछले चार सालों में भारत ने 29 स्थानों की छलांग लगाई है जो किसी अन्य अर्थव्यवस्था की तुलना में सबसे अधिक है.

भारत ने उत्पादकता में बढ़ोत्तरी और सूचना और संचार तकनीक सेवाओं के निर्यात जैसे सूचकांकों में अच्छा प्रदर्शन किया है.

रिपोर्ट बताती है कि आर्थिक वृद्धि की दर धीमी होने के बावजूद नवप्रवर्तन की प्रक्रिया में निखार आ रहा है, विशेषकर एशिया में.

हालांकि व्यापार के क्षेत्र में आ रहे व्यवधानों और संरक्षणवाद की वजह से दबाव भी मंडरा रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक़ नवप्रवर्तन में सफलता के लिए सरकार का योजनाबद्ध ढंग से काम करना आवश्यक है.

रिपोर्ट की मुख्य बातें:

  • विज्ञान और तकनीक के मामले में अधिकांश शीर्ष इलाक़े अमेरिका, चीन और जर्मनी में स्थित हैं – प्रमुख पांच इलाक़े इस प्रकार हैं: टोकियो-योकोहामा (जापान); शेनज़ेन-हॉंगकॉंग (चीन); सियोल (कोरिया गणराज्य); बीजिंग (चीन); सैन खोसे–सैन फ़्रांसिस्को (अमेरिका)
  • विज्ञान, नवप्रवर्तन (इनोवेशन) और तकनीक के क्षेत्र में हाल के दशकों में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं. मध्य-आय वाली अर्थव्यवस्थाएं, विशेषकर एशिया में, लगातार आगे बढ़कर वैश्विक शोध एवं विकास (रिसर्च एंड डवेलेपमेंट) और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट में योगदान कर रही हैं
  • रिसर्च एंड डवेलेपमेंट में सार्वजनिक क्षेत्र की पहले से ही अहम भूमिका रही है लेकिन शोध एवं विकास के मामले में सार्वजनिक ख़र्च में बढ़ोत्तरी – विशेषकर उच्च-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में – या तो बहुत धीरे हो रही है या फिर पुराने स्तर पर ही बनी हुई है. इस वजह से चिंताएं बढ़ रही हैं
  • बढ़ते संरक्षणवाद से जोखिम पैदा हो रहे हैं. अगर इस पर क़ाबू नहीं पाया गया तो इससे नवप्रवर्तन की उत्पादकता और विश्व में उसके प्रसार पर असर पड़ेगा