वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

सोमालीलैंड में यूनीसेफ़ का सघन स्कूली शिक्षा कार्यक्रम

सोमालीलैंड में बेतहाशा बेरोज़गारी की वजह से हज़ारों युवा हर महीने देश छोड़कर जाने को मजबूर हो रहे हैं.
IRIN/Mohamed Amin Jibril
सोमालीलैंड में बेतहाशा बेरोज़गारी की वजह से हज़ारों युवा हर महीने देश छोड़कर जाने को मजबूर हो रहे हैं.

सोमालीलैंड में यूनीसेफ़ का सघन स्कूली शिक्षा कार्यक्रम

संस्कृति और शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) ने कहा है कि सोमालीलैंड में लगातार जारी संकट की वजह से शिक्षा की उपलब्धता बहुत सीमित हो गई है और 50 प्रतिशत से भी ज़्यादा बच्चे स्कूलों से बाहर हैं. यूनीसेफ़ ने बच्चों के लिए शिक्षा आसान बनाने के वास्ते सरकार और वैश्विक कोष – Education Cannot Wait के साथ मिलकर व्यापक कार्यक्रम शुरू किया है.

सोमालीलैंड में लगातार जारी सूखा, खाद्य असुरक्षा, ग़रीबी और असमानता जैसी समस्याओं की वजह से बच्चों और युवाओं को स्कूली शिक्षा मुहैया कराना मुश्किल साबित हो रहा है.

विशेषरूप में ग्रामीण इलाक़ों और आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के परिवारों में बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा की संभावनाएँ धूमिल नज़र आ रही हैं.

"वैश्विक लक्ष्यों को हासिल करने के प्रयासों में ये क़तई स्वीकार नहीं किया जा सकता की सोमालीलैंड में हर दो में से एक बच्चा यानी लगभग पचास फ़ीसदी बच्चे शिक्षा हासिल करने के अवसरों से वंचित रहें", Education Cannot Wait की निदेशक यासमीन शेरिफ़

ग्रामीण इलाक़ों में सिर्फ़ 26 फ़ीसदी बच्चे और आंतरिक रूप से विस्थापित परिवारों के 16 प्रतिशत बच्चे ही प्राईमरी स्कूलों में जा पा रहे हैं.

सोमालीलैंड सरकार के सहयोग से चलाया जाने वाला ये कार्यक्रम तीन साल तक चलेगा जिसके लिए लगभग छह करोड़ 40 लाख डॉलर का बजट रखा गया है.

लगभग 67 लाख डॉलर की आरंभिक राशि Education Cannot Wait नामक संगठन ख़र्च करेगा.

बाक़ी लगभग पाँच करोड़ 73 लाख डॉलर की रक़म अन्य दानदाताओं से जुटाने की कोशिश की जा रही है.

इस शिक्षा योजना के तहत 54 हज़ार से ज़्यादा बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है

यूनीसेफ़ ने शनिवार को जारी एक वक्तव्य में बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आपदाओं से प्रभावित स्कूली शिक्षा की उम्र वाले बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा अवसर मुहैया कराना है.

इसके लिए गुणवत्ता वाली, समावेशी, लड़कियों और लड़कों के बीच भेदभाव से रहित, बालमन के अनुकूल और टिकाऊ शिक्षा की व्यवस्था करने के प्रयास किए जाएंगे.
Education Cannot Wait की निदेशक यासमीन शेरिफ़ का कहना था, “वैश्विक लक्ष्यों को हासिल करने के प्रयासों में ये क़तई स्वीकार नहीं किया जा सकता की सोमालीलैंड में हर दो में से एक बच्चा यानी लगभग पचास फ़ीसदी बच्चे शिक्षा हासिल करने के अवसरों से वंचित रहें.”

“इस कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए हम उन बच्चों और युवाओँ के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं, हम सरकार के साथ और हमारे सभी शिक्षा सहयोगियों व साझीदारों के साथ भी खड़े हैं.”

यूनीसेफ़ के वक्तव्य में कहा गया है कि शिक्षा - सोमालीलैंड सरकार द्वारा चलाए जा रही सामाजिक-आर्थिक प्रगति संबंधी योजनाओं और दीर्घकालीन स्थायित्व के लिए एक मज़बूत बुनियाद है.

“इन योजनाओं में कहा गया है कि देश की आर्थिक प्रगति इस तथ्य से संबंधित है कि कितने लोगों को शिक्षा पाने की सुविधाएँ हासिल हैं.”

Education Cannot Wait एक वैश्विक कोष है जो यूनीसेफ़ की देखरेख और नियम-क़ानूनों के तहत काम करता है.

इस वैश्विक कोष का मक़सद ऐसे देशों या स्थानों में शिक्षा ढाँचा व सुविधाएँ मुहैया कराना है जहां किन्हीं कारणों से लंबे समय से संकट के हालात रहे हैं.