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मामूली अपराधियों का आतंकवाद की ओर रुख़ पैदा कर रहा है ख़तरा

मादक पदार्थों और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय के कार्यकारी निदेशक यूरी फ़ेदोतॉफ़ सुरक्षा परिषद के सत्र को संबोधित करते हुए (9 जुलाई 2019)
UN Photo/Mark Garten
मादक पदार्थों और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय के कार्यकारी निदेशक यूरी फ़ेदोतॉफ़ सुरक्षा परिषद के सत्र को संबोधित करते हुए (9 जुलाई 2019)

मामूली अपराधियों का आतंकवाद की ओर रुख़ पैदा कर रहा है ख़तरा

क़ानून और अपराध रोकथाम

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बहस के दौरान ये जानकारी सामने आई है कि छोटे-छोटे अपराधी अवसर का लाभ उठाने के लिए आतंकवाद को अपना रहे हैं, जोकि चिंता का विषय है. संयुक्त राष्ट्र अंतरक्षेत्रीय अपराध और न्याय अनुसंधान संस्थान (यूएनआईसीआरआई) के साथ काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय सलाहकार तमारा मकरेंको ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के ख़तरों पर खुली बहस के दौरान इस संबंध में जानकारी को साझा किया.

संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच गठजोड़ पर लंबे समय से विशेषज्ञ रहे तमारा मकरेंको ने कहा कि अपराध और आतंकवाद की दुनिया बुनियादी स्तर पर लेनदेन और रणनीति के तहत एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं. फिर एक समय आता है जब आतंकवादी और अपराधी, दोनों के काम परस्पर जुड़ जाते हैं.

उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठन अपने अभियानों के लिए धन जमा करने के लिए अपराध करते हैं. उदाहरण के लिए आईएसआईएल या दाएश आतंकवादी संगठनों ने शुरू से ही तस्करी और अवैध वस्तुओं का व्यापार करके धन इकट्ठा किया.

उन्होंने बताया कि छोटे आतंकवादी सेल तो जेलों में बंद अपराधियों को भर्ती करने में लगे हैं जिससे ये कड़ी चलती रहे और जेलें अपराध की दुनिया की जानकारी के आदान-प्रदान की आसान जगह बन जाएँ. 

उन्होंने कहा कि आतंकवादी बने छोटे अपराधियों के अधिक फैले होने और अनिश्चितता के कारण स्थानीय अपराध भी गंभीर और वैश्विक ख़तरे का रूप लेने लगे हैं.

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इस बढ़ते गठजोड़ से आतंकवाद से लड़ने के रास्ते में बाधा आ सकती है और हम आपराधिक संगठनों के समक्ष ज़्यादा कमज़ोर पड़ सकते हैं.

अपराध और आतंकवाद से लड़ने में एक साथ निवेश करें: फ़ेदोतॉफ़

मादक पदार्थ और अपराध संबंधी संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओडीसी) के कार्यकारी निदेशक, यूरी फेदोतॉफ़ ने कहा कि अपराधी और आतंकवादी छुपकर काम करते हैं और विभिन्न देशों और क्षेत्रों के बीच अलग-अलग न्याय प्रतिक्रियाओं का फ़ायदा उठाने की कोशिश करते हैं.

उन्होंने सुरक्षा परिषद के सदस्यों से कहा कि यौन शोषण, बाल सैनिकों और जबरन मज़दूरी के लिए मानव तस्करी का इस्तेमाल न केवल धन के लिए किया जा सकता है बल्कि डर पैदा करने और नए लड़ाकों की भर्ती करने के लिए भी संभव है.

उदाहरण के लिए, दाएश संगठन ने तेल के अवैध व्यापार,  सीरिया में पलमाइरा और इराक के मोसुल जैसे स्थानों से लूटी हुई सांस्कृतिक धरोहरों की तस्करी,  या फिरौती के लिए अपहरण – इन सबसे बहुत धन इकट्ठा किया.  

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "हमने समुद्री डकैती और संगठित अपराध को भी पनपते देखा है जिन्हें किसी एक देश के क़ानून के अंतर्गत न आने के कारण और कई देशों की नियंत्रण क्षमता से बाहर होने की वजह से रोकना मुश्किल हो जाता है.”

उन्होंने कहा कि सोमालिया में अल-शबाब उग्रवादियों ने समुद्री तस्करी और ओमान की खाड़ी में लकड़ी के कोयले के व्यापार के ज़रिए अपने अभियानों के लिए धन जमा किया था.

वहीं अल-क़ायदा संगठन भी अरब प्रायद्वीप के आसपास अपने लड़ाकों के लिए समुद्र के रास्ते ही सप्लाई भेजते थे.

उन्होंने विशेष तकनीकी क्षमताएँ विकसित करने के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने का आह्वान किया.

इसमें क़ानून प्रवर्तन, तटरक्षक, सीमा और हवाई अड्डों के अधिकारियों, अभियोजकों, न्यायाधीशों, जेल के अधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण शामिल है.

उन्होंने कहा, "हमें सूचना और ख़ुफ़िया जानकारी साझा करने के लिए अंतर-एजेंसी, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के तंत्र में और अधिक निवेश करने की ज़रूरत है.”

आतंक और संगठित अपराध के बीच तालमेल

आतंकवाद-रोधी निदेशालय की कार्यकारी निदेशक मिशेल कोनिंक्स ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन इकट्ठा करने की रोकथाम के लिए परिषद की विभिन्न गतिविधियों की रूपरेखा तैयार की है.

उन्होंने कहा कि सीरिया और इराक़ के बड़े इलाकों को नियंत्रित कर रहे दाएश संगठन को कुछ साल पहले ही इन इलाक़ों से खदेड़ दिया गया था. इसके बाद उनके लिए ये ज़रूरी हो गया था कि वो मादक पदार्थों की तस्करी, हथियारों की बिक्री, अपहरण और जबरन वसूली जैसे अपराधों के ज़रिए धन इकट्ठा करें. 

उन्होंने बताया कि निरीक्षण यात्राओं के दौरान कार्यकारी निदेशालय विभिन्न देशों के अधिकारियों से बातचीत करता है कि वो आतंकवाद और संगठित अपराध के बीच संबंधों को किस तरह देखते हैं – ख़ासतौर पर उन मामलों को, जहां दोनों के बीच स्पष्ट संबंधों की पहचान हो गई हो.

उन्होंने कहा कि संगठित अपराध और आतंकवाद दोनों से निपटने के लिए संयुक्त जांच इकाइयां और अभियोजन दल बनाने जैसे कई सर्वोत्तम तरीकों की पहचान की गई है. 

उन्होंने कहा कि इसके बावजूद नीति निर्माताओं की चिंता के स्तर, आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध से निपटने के लिए क़ानूनी ढांचे, जांच के वास्तविक स्तर और इन मामलों में सज़ा होने के बीच एक अहम खाई फिर भी रह जाती है.

उन्होंने कहा कि अपराध और आतंकवाद के बीच की कड़ी पर काम करने वाली संबंधित एजेंसियाँ भी अक्सर अकेले ही काम करती नज़र आती हैं. इसलिए इन वित्तीय ख़ुफ़िया इकाइयों की भूमिका को मज़बूत किया जाना चाहिए.

उन्होंने परिषद को बताया, "स्थानीय और राष्ट्रीय प्राधिकरणों के बीच सूचना के आदान-प्रदान के लिए संस्थागत बाधाओं को दूर करना बहुत ज़रूरी हो गया है.”