बेथलहेम चर्च संकटग्रस्त विरासत स्थलों की सूची से बाहर
संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक एजेंसी ने ईसा मसीह की जन्मस्थली के रूप में मान्यता प्राप्त बेथलहम चर्च को संकटग्रस्त विरासत स्थलों की विश्व सूची से हटाने की घोषणा की है. एजेंसी ने बताया कि इसका श्रेय फिलीस्तीन के बेथलेहेम नेटिविटी चर्च को जाता है जिसने व्यापक सुधार कार्यक्रम के तहत इसकी पूरी मरम्मत कर दी है.
बाइबल के ईसा चरित में कहा गया है कि मदर मैरी और जोसेफ़ की संतान - ईसा मसीह का जन्म बेथलहेम में राजा हेरोद के शासनकाल में हुआ था. जन्म की इस कहानी के आधार पर ही ईसाइयों का त्यौहार क्रिसमस मनाया जाता है.
The 43rd session of UNESCO's #WorldHeritage Committee is currently underway in Baku 🇦🇿 until 10 July.Watch all the debates LIVE here ▶️ https://t.co/7aQpFhxD1K #43whc pic.twitter.com/2wc8LDjiXR
UNESCO
विश्व विरासत समिति ने हाल के वर्षों में चर्च की मरम्म्त के उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए ये निर्णय लिया - जिसमें चर्च की छत, बाहरी दीवारें, रंगीन पत्थरों की कारीगरी (मोज़ेक) और दरवाजों की बहाली का काम शामिल है.
विश्व विरासत समिति की अज़रबैजान के बाकू शहर में हुई बैठक में ये फ़ैसला किया गया.
समिति ने उस क़दम की भी सराहना की जिसके तहत जन्मस्थली के ठीक नीचे सुरंग खोदने की योजना स्थगित करके स्थल के संरक्षण का बंदोबस्त करने का निर्णय लिया गया.
हाल ही में ये जानकार सामने आई थी कि पुरातत्वविदों को वहां छठी या सातवीं सदी पुराना, बपतिस्मा अनुष्ठान में इस्तेमाल किए जाने वाले पवित्र जल का स्त्रोत मिला है.
येरूशलम के 10 किलोमीटर दक्षिण में स्थित ये चर्च दूसरी सदी के बाद से ही ईसा मसीह के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता रहा है.
हालांकि छठी सदी में आग की चपेट में आने के बाद 339 CE में इस चर्च की इमारत को बदल दिया गया था लेकिन मूल इमारत के मोज़ेक वाले फर्शों को पूर्ववत रखा गया.
इस आधिकारिक क्षेत्र में लैटिन, ग्रीक रूढ़िवादी, फ्रांसिस्कन और आर्मीनियाई कॉन्वेंट और चर्चों के साथ-साथ घंटी वाली मीनारों, छतों, उद्यानों और तीर्थयात्रा का एक मार्ग भी फैले हुए हैं.
2012 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किए गए नेटिविटी चर्च को, ख़राब स्थिति के कारण आगे जाकर संकटग्रस्त विश्व धरोहरों की सूची में डाल दिया गया था.
सूची में शामिल अन्य स्थानों में सीरिया के प्राचीन शहर अलेप्पो, बोसरा और दमिश्क भी हैं जिन्हें 2013 में इस सूची में डाला गया था. वहीं ब्रिटेन की "मैरीटाइम मर्केंटाइल सिटी ऑफ लिवरपूल" के 6 स्थल भी 2012 में इस सूची का हिस्सा बने थे.
कुल 54 संपत्तियों को संकटग्रस्त विरासत स्थलों की सूची में शामिल करने का उद्देश्य है - अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उन संकटों से आगाह कराना जो इन ऐतिहासिक धरोहरों की विशेषता के लिए ख़तरा बन सकते हैं - जैसे कि सशस्त्र संघर्ष, प्राकृतिक आपदाएं, अनियोजित शहरीकरण, अवैध शिकार या फिर प्रदूषण.