कॉंगो लोकतांत्रिक गणराज्य में खाद्य सहायता तीन गुना बढ़ाई गई
कॉंगो लोकतांत्रिक गणराज्य का इतुरी प्रांत व्यापक पैमाने पर भुखमरी, अंतरजातीय समूहों में हिंसा और ईबोला वायरस का सामना कर रहा है जिससे वहां चुनौतीपूर्ण हालात पैदा हो गए हैं. प्रभावित लोगों को सहारा देने के उद्देश्य से विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने भोजन सामग्री के रूप में दी जाने वाली सहायता को बढ़ाकर तीन गुना कर दिया है . यूएन एजेंसी के अनुसार यमन के बाद वहां दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा भुखमरी का संकट पैदा हो रहा है.
भुखमरी से हालात बिगड़ने के अलावा, देश के पूर्वोत्तर हिस्से में घातक ईबोला वायरस फैला हुआ है और अंतरजातीय समूहों में हिंसक झड़पें भी हुई है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) की रिपोर्ट के अनुसार 10 से 13 जून के बीच हुए हिंसा में 117 लोगों की मौत हो चुकी है.
यूएन खाद्य एजेंसी के प्रवक्ता अर्वे वेरहुज़ल ने मंगलवार को राहत अभियान का स्तर बढ़ाने की घोषणा करते हुए सचेत किया कि “भूख से लोगों की मौत हो रही है या फिर वे कुपोषण की वजह से मर रहे हैं.”
In #Ebola-afflicted Ituri province #DRC, violence is flaring. WFP intends to triple, to 300,000 the number of internally displaced people it supports with food & cash“Our hearts go out to the victims of this senseless cruelty"-@WFP Claude Jibidar. Read👉🏾 https://t.co/ZHd0yk3EHi pic.twitter.com/e7cPLUQTK6
WFP_Africa
विश्व खाद्य संगठन के अनुसार अभी इस संबंध में सटीक आंकड़ों का अभाव है कि इतुरी में भूख की वजह से कितने लोगों की जानें गई हैं.
पूरे देश में एक करोड़ से ज़्यादा लोग खाद्य असुरक्षा का शिकार हैं जिनमें बुरी तरह कुपोषण का शिकार 50 लाख बच्चे भी हैं.
इतुरी में हेमा समुदाय के चरवाहों और लेन्डु समुदाय के किसानों में झड़पों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिनके कारण लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में जाने को मजबूर हैं.
साथ ही खाने-पीने की वस्तुओं की क़ीमतें बढ़ने, कोई आय नहीं होने, पोषक और विविध आहार की कमी, कीटों की वजह से फ़सलों को नुक़सान पहुंचने और बीमारियां फैलने से स्थिति और ज़्यादा बिगड़ रही है.
हिंसक झड़पें बढ़ने की ख़बरों पर यूएन एजेंसी प्रवक्ता ने कहा, “यह निरर्थक क्रूरता - फ़सल कटाई के समय हो रही है. लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में अपने घर छोड़कर जाना पड़ा और वे अपने साथ कुछ ले जा भी नहीं सके.”
उन्होंने बताया कि “बहुत से हिंसा पीड़ित ऐसे हैं जो कुपोषित हैं और कई बार विस्थापित हो चुके हैं…वे शहरी केंद्रों में और झाड़ियों में सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहे हैं.”
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के अनुसार जातीय समुदायों के बीच हिंसा से जून महीने से अब तक तीन लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं और साढ़े सात हज़ार से ज़्यादा लोगों ने लेक एल्बर्ट के रास्ते पड़ोसी देश युगांडा में जाकर शरण ली है.
कॉंगो लोकतांत्रिक गणराज्य में इतुरी के अलावा उत्तर कीवु प्रांत में भी लोग ईबोला वायरस की चुनौती का सामना कर रहे हैं जिसे अब तक के सबसे बुरे हालात के रूप में देखा जा रहा है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम ईबोला संक्रमण से पीड़ितों और उनके परिजनों तक राहत पहुंचाने के काम में जुटा है ताकि वायरस के जोखिम का सामना कर रहे लोगों को अनावश्यक यात्राएं करने से रोका जा सके.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 1 अगस्त 2018 को ईबोला वायरस के फिर फैलने से अब तक 2,338 लोग ईबोला से संक्रमित हो चुके हैं जिनमें 2,244 मामलों में पुष्टि हो चुकी है और 94 मामले संभावित हैं.
ईबोला के कारण अब तक 1,571 लोगों की मौत हो चुकी है और 653 मरीज़ उपचार के बाद ठीक हो गए हैं.
यूएन खाद्य एजेंसी ने कहा है कि अगले छह महीनों में कॉंगो लोकतांत्रिक गणराज्य में 52 लाख लोगों की सहायता करने के लिए 15 करोड़ डॉलर से ज़्यादा धनराशि की आवश्यकता है.
इनमें साढ़े तीन करोड़ डॉलर की ज़रूरत ईबोला से निपटने के प्रयासों के तहत है.