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सीरिया: बच्चो की सैनिकों के तौर पर भर्ती रोकने पर सहमति

सीरिया में लड़ाई से बच्चे बड़ी संख्या में प्रभावित हुए हैं.
UNICEF/Khudr Al-Issa
सीरिया में लड़ाई से बच्चे बड़ी संख्या में प्रभावित हुए हैं.

सीरिया: बच्चो की सैनिकों के तौर पर भर्ती रोकने पर सहमति

शान्ति और सुरक्षा

सीरियन डेमोक्रेटिक फ़ोर्सेज़ (एसडीएफ़) ने संयुक्त राष्ट्र के साथ एक कार्ययोजना पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की सैनिकों के तौर पर भर्ती और हिंसा में उनके इस्तेमाल की रोकथाम हो सकेगी. सीरिया में लंबे समय से चले आ रही हिंसा का बच्चे बड़ी संख्या में शिकार हुए हैं.

एसडीएफ़ के फ़ोर्स कमांडर जनरल मज़लू अब्दी ने एसडीएफ़ और संयुक्त राष्ट्र की ओर से यूएन प्रमुख की विशेष प्रतिनिधि वर्जीनिया गाम्बा ने 29 जून को जिनीवा में इस कार्ययोजना पर हस्ताक्षर किए. सशस्त्र संघर्ष और बच्चों की स्थिति पर महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की विशेष प्रतिनिधि गाम्बा ने एसडीएफ़ द्वारा प्रदर्शित संकल्प का स्वागत किया है.

इस कार्ययोजना पर हस्ताक्षर के ज़रिए एसडीएफ़ ने बच्चों की सैनिकों के तौर पर भर्ती और उनका इस्तेमाल रोकने, और रैंक में लड़के और लड़कियों की पहचान कर उन्हें अलग करने का संकल्प जताया है. साथ ही बच्चों की भर्ती को बंद करने और उनके संरक्षण के लिए ज़रूरी अनुशासनात्मक कार्रवाई सहित अन्य प्रक्रियाओं का खाका तैयार करने की हामी भरी है..

“सीरिया में बच्चों के संरक्षण के लिए यह एक अहम दिन है. यह एक प्रक्रिया की शुरुआत है क्योंकि यह एसडीएफ़ द्वारा संकल्प को दिखाता है जो सुनिश्चित करेगा कि एसडीएफ़ में या उसके किसी साझेदार संगठन में किसी भी बच्चे को भर्ती न किया जाए.”

कई महीनों तक संयुक्त राष्ट्र और सीरियाई डेमोक्रेटिक फ़ोर्सेज़ में आपसी बातचीत के बाद ही कार्ययोजना पर हस्ताक्षर हुए हैं.

विशेष प्रतिनिधि गाम्बा ने ज़मीनी स्तर पर बाल संरक्षण के काम में जुटे साझेदार संगठनों की प्रशंसा की है. उन्होंने ध्यान दिलाया कि उनके एजेंडे में जितने भी देश शामिल हैं उनमें सीरिया सबसे बदहाल हालात वाले देशों में शामिल है जिसका ख़ामियाज़ा वहां के बच्चों को भुगतना पड़ रहा है.

“यह कार्ययोजना सभी पक्षों के लिए अपना रवैया और व्यवहार में बदलाव लाने का एक अवसर है ताकि बच्चों के अधिकारों का हनन रुक सके, ऐसे मामलों की रोकथाम हो सके और सशस्त्र संघर्ष से प्रभावित बच्चों का संरक्षण बेहतर ढंग से किया जा सके. महासचिव की वार्षिक रिपोर्ट में जिन भी पार्टियों का उल्लेख है उन सभी से मेरा आग्रह है कि इस अवसर का इस्तेमाल वे संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर काम करने और कार्ययोजना पर सहमत होने के लिए करें.”

सशस्त्र संघर्ष और बच्चों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि का कार्यालय जानकारी जुटाता है कि हथियारबंद संघर्षों से बच्चे कैसे और कहां प्रभावित होते हैं.

बच्चों के अधिकारों के हनन के तौर पर इन मामलों पर विशेष रूप से नज़र रखी जाती है: बच्चों की सैनिकों के तौर पर भर्ती और उनका इस्तेमाल; बच्चों को जान से मारना या उन्हें अपंग करना; बलात्कार और यौन हिंसा के अन्य रूप; बच्चों का अपहरण करना; स्कूलों और अस्पतालों पर हमले करना; मानवीय राहत पहुंचाने की मनाही.

इस कार्ययोजना पर हस्ताक्षर के बाद समयबद्ध ढंग से और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के अनुरूप बच्चों के संरक्षण को बेहतर बनाने के ठोस प्रयास किए जाएंगे.

सीरिया में गृहयुद्ध आठ साल से ज़्यादा समय से चला आ रहा है जिससे लाखों लोग विस्थापन के लिए मजबूर हुए हैं. जिन इलाक़ों में अब भी हिंसा जारी है वहां फंसे लोग विकट परिस्थितियों में रह रहे हैं और इनमें बच्चे भी शामिल हैं.

यूएन प्रमुख के विशेष प्रतिनिधि ने सभी पक्षों से एक साथ मिलकर संकट का राजनीतिक समाधान तलाशने की अपील की है.

उन्होंने कहा है कि बच्चों के अधिकारों के गंभीर हनन के मामले रोकने में सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 2254 महत्वपूर्ण है और इस प्रस्ताव के अनुरूप ही देश में टिकाऊ शांति का मार्ग प्रशस्त होगा.