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सूडान में प्रदर्शनकारियों के साथ बलात्कार की रिपोर्टों पर चिंता

खार्तूम में सड़कों पर विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी.
Ahmed Bahhar/Masarib
खार्तूम में सड़कों पर विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी.

सूडान में प्रदर्शनकारियों के साथ बलात्कार की रिपोर्टों पर चिंता

मानवाधिकार

हिंसा और संघर्ष के दौरान यौन हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि प्रमिला पैटन ने सूडान की राजधानी खार्तूम में लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों के विरुद्ध सुरक्षा बलों की कार्रवाई और बलात्कार की रिपोर्टों पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने सैन्य मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के ख़िलाफ़ हिंसा को तत्काल रोके जाने का आग्रह किया है.

विशेष प्रतिनिधि के कार्यालय के अनुसार सूडान में संचार माध्यमों पर पाबंदी लगी हुई है, इसके बावजूद इस महीने की शुरुआत से ही मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले सामने आए हैं.

विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं – स्वास्थ्यकर्मियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं - के साथ बलात्कार और सामूहिक बलात्कार किए जाने की रिपोर्टें मिली हैं. सूडान सरकार द्वारा संचालित अर्धसैनिक बल ‘रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स’ (आरएसएफ़) के सुरक्षाकर्मियों पर ऐसी घटनाओं को अंजाम देने के आरोप लगे हैं.

यूएन की विशेष प्रतिनिधि प्रमिला पैटन ने अपने बयान में कहा,कि वह “आम नागरिकों के विरूद्ध यौन हिंसा सहित हर प्रकार की हिंसा को तत्काल और पूरी तरह रोके जाने की मांग करती हैं.” उन्होंने ध्यान दिलाया कि यूएन महासचिव की वार्षिक रिपोर्ट में आरएसएफ़ बलों पर लगातार हिंसा के माहौल में यौन हिंसा को अंजाम देने के आरोप लगते रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुरूप यौन हिंसा की रोकथाम करने और दोषियों को सज़ा दिए जाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए. उन्होंने सभी आरोपों की विश्वसनीय ढंग से जांच कराने का अनुरोध करते हुए कहा है कि सूडान में मानवाधिकारों की निगरानी के लिए संयुक्त राष्ट्र टीम की तैनाती का वह मज़बूती से समर्थन करती हैं.

पूर्व राष्ट्रपति ओमर अल बशीर के तीन दशकों तक चले निरंकुश शासन के बाद इस साल अप्रैल महीने में सूडान की सेना ने सत्ता को अपने हाथों में ले लिया. लेकिन देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्थापित करने की समयसीमा तय करने के लिए अंतरिम सैन्य परिषद और प्रदर्शनकारियों के बीच वार्ता मई महीने में विफल हो गई.

तीन जून को सुरक्षा बलों और अर्धसैनिक बलों ने राजधानी खार्तूम में सैन्य मुख्यालय के बाहर लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चलाई जिसमें कई लोग मारे गए.

इसके तीन दिन बाद अफ़्रीकी संघ ने सभी गतिविधियों में सूडान की हिस्सेदारी को तब तक निलंबित कर दिया जब तक देश में आम नागरिकों के नेतृत्व में अंतरिम प्रशासन का गठन नहीं हो जाता. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र बाल कोष भी हिंसक कार्रवाई में बच्चों के मारे जाने पर चिंता जताई थी.

विशेष प्रतिनिधि ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अनुरोध किया है कि सूडानी नेतृत्व के साथ राजनयिक संपर्कों का इस्तेमाल कर देश में आम नागरिकों के हाथ में प्रशासन सौंपने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाने चाहिए.