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यूनीसेफ़ प्रमुख ने सूडान में हिंसा तत्काल रोके जाने की अपील की

खार्तूम में सैन्य मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोग.
Masarib/Ahmed Bahhar
खार्तूम में सैन्य मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोग.

यूनीसेफ़ प्रमुख ने सूडान में हिंसा तत्काल रोके जाने की अपील की

मानवाधिकार

सूडान में लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों के विरूद्ध सुरक्षा बलों की कार्रवाई की चपेट में आने से अब तक 19 बच्चों की के मारे जाने की रिपोर्टें है और 49 घायल हुए हैं. लोकतंत्र समर्थकों और अंतरिम सैन्य परिषद में बातचीत विफल होने के बाद सुरक्षा बलों ने इस महीने के शुरू में कार्रवाई शुरू की. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने देश में हिंसा के जारी रहने और उसके बच्चों और युवाओं पर पड़ रहे असर पर गहरी चिंता जताई है.

यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक हेनरिएटा फ़ोर ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि बच्चों को हिरासत में लिया जा रहा है, लड़ने के लिए उनकी भर्ती हो रही है और उनका यौन शोषण हो रहा है.

पूर्व राष्ट्रपति ओमर अल बशीर के तीन दशकों तक निरंकुश शासन करने के बाद इस साल अप्रैल महीने में सूडान की सेना ने सत्ता को अपने हाथों में ले लिया. लेकिन देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्थापित करने की समयसीमा तय करने के लिए अंतरिम सैन्य परिषद और प्रदर्शनकारियों के बीच वार्ता मई महीने में विफल हो गई.

तीन जून को सुरक्षा बलों और अर्धसैनिक बलों ने राजधानी खार्तूम में सैन्य मुख्यालय के बाहर लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चलाई जिसमें कई लोग मारे गए. स्थानीय डॉक्टरों के हवाले से कुछ समाचार रिपोर्टों में बताया गया है कि कई प्रदर्शनकारियों के साथ बलात्कार भी हुआ है और स्कूलों, अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को लूटा गया है और नुक़सान पहुंचाया गया है.

यूनीसेफ़ प्रमुख ने चिंता जताई है कि कई माता-पिता अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं जाने दे रहे हैं और वे हिंसा, उत्पीड़न और अराजकता से डरे हुए हैं.

देश भर में भोजन, पानी और दवाईयों की किल्लत की रिपोर्टें मिल रही हैं जिससे बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण को ख़तरा पैदा हो रहा है. “सूडान में बच्चे पहले से ही दशकों से चले आ रहे संघर्ष, उम्मीद से कम विकास होने और कुशासन का ख़ामियज़ा भुगत रहे हैं.” ऐसे में मौजूदा दौर में हिंसा इस मुश्किल स्थिति को और गंभीर बना रही है.

सूडान में नाज़ुक हालात के बीच यूएन एजेंसी बच्चों को वैक्सीन, साफ़ पानी, इलाज और अन्य सेवाएं मुहैया करा रही है. शरणार्थियों और विस्थापन का शिकार होने वाले बच्चों का भी ख़्याल रखा जा रहा है.

यूनीसेफ़ ने हिंसा रोकने और सभी पक्षों से बच्चों को सुरक्षित रखे जाने की अपील की है.  

“बच्चों, स्कूलों और अस्पतालों पर हमला उनके बाल अधिकारों का हनन है.” यूनीसेफ़ प्रमुख ने स्थानीय प्रशासन से अपील की है कि मानवीय संगठनों को ज़रूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने देना चाहिए.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के अनुरोध को दोहराते हुए यूनीसेफ़ प्रमुख ने कहा कि सभी पक्षों को शांतिपूर्ण ढंग से संवाद का प्रयास करना चाहिए और आम नागरिकों के नेतृत्व को सत्ता हस्तांतरित करने पर बातचीत को गे बढ़ाना चाहिए.

“सूडान के बच्चे शांति चाहते हैं. उनकी आकांक्षाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मज़बूत रुख़ अपनाने की ज़रूरत है.”