अफ़ग़ानिस्तान: रमज़ान में आम लोगों को 'जानबूझकर बनाया गया निशाना'

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र ने सभी पक्षों से आग्रह किया है कि हिंसा में आम लोगों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए और उनकी रक्षा के दायित्व को पूर्ण रूप से निभाया जाना चाहिए. रमज़ान के पवित्र महीने में चरमपंथियों के हमलों में राजधानी काबुल में ही 100 से ज़्यादा आम नागरिकों की मौत हो गई जिसकी यूएन ने निंदा की है.
अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMA) ने एक बयान जारी कर चिंता जताई है कि देश में जारी हिंसा में अब भी बड़ी संख्या में लोग मारे जा रहे हैं. यूएन मिशन को मिली जानकारी के मुताबिक़ रमज़ान के महीने में सरकार विरोधी तत्वों ने जानबूझकर आम लोगों को निशाना बनाया.
मिशन प्रमुख तादामिची यामामोतो ने कहा कि वह "जानबूझकर आम लोगों पर किए गए इन हमलों की निंदा करते हैं जो दहशत फैलाने की मंशा से किए गए. इन हमलों के बाद दोषियों ने अपने अधिकार खो दिए हैं और अब वे अफ़ग़ानिस्तान के लोगों का प्रतिनिधित्व करने का दावा नहीं कर सकते."
“There is no justification whatsoever for any party to the conflict to attack civilians; they must never be a target.” – UN envoy Yamamoto in statement on protecting civilians in #Afghanistan: https://t.co/TReqOehIPE #NotATarget pic.twitter.com/gxXQqo05O3
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यूएन मिशन की जांच में पता चला है कि रमज़ान के महीने के दौरान आम लोगों को निशाना बनाकर जो हमले किए गए उनमें: 8 मई को काबुल में एनजीओ स्टाफ़ पर हमला; 24 मई को एक उपासना स्थल पर धार्मिक नेता की हत्या; 3 जून को सरकारी अधिकारियों पर हमला; और 2 जून को शिया छात्रों पर हमला शामिल है.
"अंतरराष्ट्रीय क़ानून में आम नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाए जाने पर पाबंदी है. ऐसे हमलों को युद्धापराध की श्रेणी में रखा जाता है और इन्हें मानवता के विरूद्ध अपराध भी माना जा सकता है.
हमलों में आम लोगों को निशाना बनाए जाने को कभी भी न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता."
संयुक्त राष्ट्र ने फिर आगाह किया है कि जानबूझकर आम नागरिकों पर हमला किया जाना अंतरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के बुनियादी सिद्धांत का उल्लंघन है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी एजेंडा में आम नागरिकों की सुरक्षा का मुद्दा शामिल होने को इस वर्ष 20 साल पूरे हो रहे हैं.
यूएन ने अफ़ग़ानिस्तान में लंबे समय से चली आ रही अस्थिरता और हिंसा को समाप्त करने के लिए अफ़ग़ान नेतृत्व में शांति प्रक्रिया को हरसंभव मदद प्रदान करने का संकल्प संकल्प जताया.
यूएन मिशन ने कहा है कि सुरक्षा परिषद द्वारा प्रदत्त अधिकारों के अनुरूप निष्पक्ष ढंग से आम नागरिकों पर होने वाले हमलों की निगरानी का काम जारी रखा जाएगा. साथ ही जवाबदेही तय करने के लिए और आम लोगों पर हिंसा का प्रभाव सीमित करने के लिए जांच के नतीजों को साझा भी किया जाता रहेगा.