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महासागर संरक्षण में महिलाओं की बड़ी भूमिका

विश्व महासागर दिवस हर साल 8 जून को मनाया जाता है.
Arne Hoel/World Bank
विश्व महासागर दिवस हर साल 8 जून को मनाया जाता है.

महासागर संरक्षण में महिलाओं की बड़ी भूमिका

एसडीजी

विश्व महासागर दिवस पर जारी अपने संदेश में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की प्रमुख ऑड्री अज़ोले ने कहा है कि महासागरों के संरक्षण के लिए कार्रवाई के हर स्तर पर “हमें विविधता और लैंगिक समावेशन सुनिश्चित करना चाहिए.” इससे महासागरों को बचाने में अभिनव समाधानों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.

यूनेस्को महानिदेशक ने कहा, "समुद्र की देखभाल करने के लिए हमें हर एक नागरिक को सशक्त और सभी महिलाओं को सक्षम बनाना होगा जिससे महासागर से जुड़ी समस्याओं को समझने, उनसे निपटने और निरंतर प्रबंधन में वे परिवर्तनकारी और महत्वाकांक्षी भूमिका निभा सकें."

इस वर्ष विश्व महासागर दिवस की थीम लैंगिक समानता और महासागर संरक्षण के विषयों को जोड़ती है.

दुनिया के कई हिस्सों में महिलाओं का योगदान समुद्र आधारित आजीविका के साधनों में सीधे तौर पर नहीं दिखाई देता इसके बावजूद वे मछली पकड़ने और महासागर संरक्षण में अहम भूमिका निभाती हैं. लैंगिक असमानता समुद्र विज्ञान और समुद्री उद्योग में भी व्याप्त है.

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इन मुद्दों पर बहुत कम आंकड़े उपलब्ध हैं और शोध कार्य भी कम हुआ है. महासागर संबंधित क्षेत्रों में टिकाऊ विकास लक्ष्य-5 (एसडीजी 5) को प्राप्त करने के लिए लैंगिक समानता और महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए ठोस कार्रवाई की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए महासागर एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, लेकिन समाज में व्यापक रूप से लैंगिक समानता स्थापित होने से महिलाओं और लड़कियों को महासागर संरक्षण में सकारात्मक परिवर्तन लाने का अवसर मिलेगा.

यूनेस्को की ‘ग्लोबल ओशन साइंस’ रिपोर्ट का हवाला देते हुए महानिदेशक अज़ोले ने कहा कि सभी महासागर वैज्ञानिकों में से केवल 38 फ़ीसदी ही महिलाएं हैं. जबकि समुद्री और तटीय उद्योगों में महिलाओं की संख्या करीब 50 प्रतिशत है. "उनकी मजदूरी पुरुषों की तुलना में कम है."

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपने संदेश में कहा कि बहुत लंबे समय से महासागर से मिलने वाले वाले लाभों को महिलाएं समान रूप से साझा करने में असमर्थ हैं.

उन्हें अक्सर कम-कौशल वाले क्षेत्र में काम करना पड़ता है और उनके श्रम को पहचाना नहीं जाता. और निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी उन्हें शामिल नहीं किया जाता और ना उनकी आवाज़ को सुना जाता है.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि "महासागर से संबंधित टिकाऊ विकास लक्ष्य को पाने और टिकाऊ विकास के 2030 एजेंडा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए लैंगिक असमानता को दूर करना आवश्यक है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हमें असुरक्षित परिस्थितियों में काम करने का अंत करना चाहिए और इस बात की गारंटी देनी चाहिए कि समुद्र संबंधी गतिविधियों के प्रबंधन में महिलाओं की समान भूमिका हो.