सुरक्षित आहार है सेहमतंद जीवन का आधार
असुरक्षित भोजन हर साल चार लाख से ज़्यादा लोगों की मौत का कारण बनता है - इनमें पांच साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या सवा लाख है. इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए 7 जून को पहली बार ‘सुरक्षित आहार दिवस’ मनाया जा जा रहा है जिसके ज़रिए दूषित भोजन से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाने और उनकी रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
प्रति वर्ष, हर दस में से एक व्यक्ति - 60 करोड़ लोग - जीवाणुओं, विषाणुओं, परजीवियों और रासायनिक पदार्थों के कारण दूषित हुए भोजन से बीमार पड़ते हैं. विषाक्त भोजन हर साल 4.20 लाख लोगों की मौत का कारण बनता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा कि “इन मौतों को पूरी तरह रोका जा सकता है.”
“सुरक्षित आहार दिवस असुरक्षित भोजन के ख़तरों के प्रति जागरूकता फैलाने का एक अनूठा अवसर है – सरकारों, उत्पादकों, देखरेख के काम में जुटे लोगों और उपभोक्ताओं के साथ मिलकर. खेत से प्लेट तक, भोजन को सुरक्षित बनाने में हम सभी की भूमिका है.”
Every year 420,000 people die and 600 million people fall ill as a result of food contamination. @FAO's David Massey explains why we should all care about #foodsafety 👉https://t.co/DjXHXZzeK7#ZeroHunger #WorldFoodSafetyDay pic.twitter.com/xlQXjpZqvG
FAO
सुरक्षित आहार खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक समृद्धि, कृषि, बाज़ार सुलभता, पर्यटन और टिकाऊ विकास में व्यापक योगदान देता है.
लेकिन असुरक्षित भोजन से पैदा होनी वाली समस्याएं स्वास्थ्य प्रणालियों पर बोझ डालती हैं और अर्थव्यवस्थाओं और विकास प्रक्रिया को भी नुक़सान उठाना पड़ता है.
कई निम्न और मध्य आय वाले देशों में असुरक्षित भोजन की वजह से विकास की राह में मुश्किलें पेश आती हैं क्योंकि कामगारों को बीमारी, विकलांगता और समय से पहले मौत होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
इससे उत्पादकता में कमी आती है और अर्थव्यवस्था को करीब 95 अरब डॉलर का नुक़सान उठाना पड़ता है. खाद्य और कृषि सेक्टर में साफ़-सफ़ाई की व्यवस्था बेहतर करने से कई बीमारियों की रोकथाम हो सकती है.
'सुरक्षित आहार के बिना खाद्य सुरक्षा नहीं'
यह पहली बार है जब 7 जून को ‘सुरक्षित आहार दिवस’ मनाया जा रहा है और इसके ज़रिए संदेश दिया जा रहा है कि आहार सुरक्षित होने का लाभ सभी को मिलता है.
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक खोसे ग्रात्सियानों डे सिल्वा ने कहा है आहार की सुरक्षा का मामला सभी के हित से जुड़ा है. “आहार की सुरक्षा के बग़ैर खाद्य सुरक्षा नहीं है.”
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन साथ मिलकर खाद्य उत्पादकों, विक्रेताओं, नियामक एजेंसियों और नागरिक समाज संगठनों के साथ मिलकर सुरक्षित आहार के प्रति जागरूकता के प्रसार में जुटे हैं.
इन प्रयासों के तहत यूएन एजेंसियां सदस्य देशों को फ़ूड सप्लाई चेन या खाद्य आपूर्ति श्रृंखला के रास्ते में आने वाले जोखिमों की रोकथाम करने और ख़तरों से निपटने के लिए समुचित कदम उठाने में सहायता उपलब्ध करा रही हैं.
सभी के लिए स्वस्थ जीवन और भुखमरी का अंत – इन दो महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को टिकाऊ विकास के 2030 एजेंडा में शामिल किया गया है. और इन्हें हासिल करने के लिए पोषक, पर्याप्त और सुरक्षित आहार तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है.
पोषक तत्वों से परिपूर्ण सेहतमंद और सुरक्षित आहार के ज़रिए जीवन को स्वस्थ बनाया जा सकता है. साथ ही खाद्य उत्पादन को सुरक्षित और टिकाऊ बनाकर और बाज़ार तक पहुंच और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास और ग़रीबी उन्मूलन में सहायता मिल सकती है.