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ताजनगरी में वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए नई मुहिम

पहले भी विश्व पर्यावरण दिवस पर संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के प्रमुख एरिक सोलहीम और भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण दूत दीया मिर्ज़ा ने आगरा में ताजमहल का दौरा करके जागरूकता बढ़ाई है.
UN Environment/Ishan Tankha
पहले भी विश्व पर्यावरण दिवस पर संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के प्रमुख एरिक सोलहीम और भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण दूत दीया मिर्ज़ा ने आगरा में ताजमहल का दौरा करके जागरूकता बढ़ाई है.

ताजनगरी में वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए नई मुहिम

जलवायु और पर्यावरण

ताजमहल के लिए दुनिया भर में मशहूर भारतीय शहर आगरा में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत एक विशाल योजना तैयार की है. आगरा में ये विशाल वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना मंगलवार, तीन जून को प्रारंभ की गई. ग़ौरतलब है कि विश्व पर्यावरण दिवस पाँच जून को मनाया जाता है.

इस योजना के तहत वाहनों से निकलने वाले धुएँ को नियंत्रित करने के उपाय भी शामिल हैं. सड़कों से उठने वाली धूल को भी ठंडा किया जाएगा. इसके अलावा बॉयोमास, फ़सलों के बचे हुए ढेरों, कूड़ा-करकड, नगरपालिकाओं द्वारा ठोस कूड़े को जलाने, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले उत्सर्जन, निर्माण कार्यों और पुरानी इमारतों को ध्वस्त करने और निर्माण सामग्री को बारीक बनाने की प्रक्रिया से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना शामिल होगा. साथ ही वायु गुणवत्ता की निगरानी भी की जाएगी.

आगरा शहर और उसके आसपास के इलाक़ों में वायु प्रदूषण बढ़ने की वजह से हाल के वर्षों में वहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या पर भारी असर पड़ा है जिससे पूरा पर्यटन उद्योग प्रभावित हुआ है. वायु प्रदूषण के कारण ताजमहल के दूधिया सफ़ेद संगमरमर का रंग भी मटमैला सा नज़र आने लगा है. भारत के उच्चतम न्यायालय ने सरकार को आगरा में वायु प्रदूषण की चुनौती का सामना करने के लिए समुचित उपाय करने का निर्देश दिया है.

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की योजना लागू करने के समय मौजूद वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने देश के अन्य शहरों में भी वायु प्रदूषण पर क़ाबू पाने के सघन प्रयासों का एक ठोस रोडमैप लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया.

उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाँडेय ने इस अवसर पर कहा कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत हम सभी को स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप समाधान तलाश करने के उपाय करने होंगे. एक स्पष्ट और ठोस संगठनात्मक ढाँचा बनाकर विभिन्न स्तरों पर ज़िम्मेदारियाँ और जवाबदेही तय करना भी सफलता के लिए अहम होगा.

“वायु प्रदूषण का व्यवस्थित तरीक़े से मुक़ाबला करने की दिशा में ये योजना बहुत महत्वपूर्ण है. अहतियाती उपायों और स्थानीय स्तर पर योजना को लागू करने में ज़िम्मेदारी और जवाबदेही और स्थानीय सरकार और निजी क्षेत्र के बीच साझेदारी से इस योजना को लागू करने में ठोस सफलता मिलने में कोई संदेह नहीं है. इस अनोखे सम्मिलन से इस योजना के टिकाऊ साबित होने की पूरी उम्मीद है”, अतुल बगाई, यूएनईपी के भारत अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश सरकार के एक सलाहकार केशव वर्मा ने बढ़ते शहरीकरण के साथ-साथ बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या के बारे में बात की. उनका कहना था, “चीन ने जो नीला पानी और नीला आसमान का सिद्धांत अपनाया है वो एक बेहतरीन मिसाल है. उसी भावना और प्रेरणा के साथ इस तरह की योजना को लागू करने की हमारे पास भी पूरी क्षमता हमारे पास है.”

केशव वर्मा ने मुख्य सचिव से वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की कार्य योजना लागू करने के प्रयासों की प्रगति और रफ़्तार की निगरानी रखने के लिए एक समिति बनाने का अनुरोध किया.

वाहनों से निकलने वाले धुएँ और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली से चलने वाली 650 बसें सड़कों पर उतारने का इरादा किया है. इनमें से 100 से ज़्यादा पहले ही सड़कों पर दौड़ रही हैं. विभिन्न मोर्चों पर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयासों में निजी क्षेत्र ने भी बढ़चढ़कर समर्थन और योगदान दिया है.

आगरा में प्लास्टिक के बढ़ते कचरे से छुटकारा पाने के लिए क़रीब तीन करोड़ डॉलर की रक़म ख़र्च करने की पेशकश की गई है. इस योजना के तहत आगरा में मौजूद कुल प्लास्टिक कचरे का 90 प्रतिशत से भी ज़्यादा हिस्सा हटा दिया जाएगा.

कूड़े कचरे का प्रबंधन करने वाली कंपनी जियोसायकल ने आगरा में बहने वाली यमुना नदीं को भी साफ़ करने की एक पायलट योजना चलाने की पेशकश की है.

कनौरिया उद्योग समूह ने आगरा शहर में साफ़ सुथरा वातावरण बनाने और टिकाऊ तकनीकों को लागू करने के लिए 15 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना बनाई है.

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के भारत अध्यक्ष अतुल बगाई ने इस अवसर पर कहा, “वायु प्रदूषण का व्यवस्थित तरीक़े से मुक़ाबला करने की दिशा में ये योजना बहुत महत्वपूर्ण है. अहतियाती उपायों और स्थानीय स्तर पर योजना को लागू करने में ज़िम्मेदारी और जवाबदेही और स्थानीय सरकार और निजी क्षेत्र के बीच साझेदारी से इस योजना को लागू करने में ठोस सफलता मिलने में कोई संदेह नहीं है. इस अनोखे सम्मिलन से इस योजना के टिकाऊ साबित होने की पूरी उम्मीद है.”

भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वर्ष 2019 के आरंभ में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया. इसका लक्ष्य देश के 102 शहरों में वर्ष 2025 तक वायु गुणवत्ता के मामले में निर्धारित मानकों को पूरा करना है. आगरा भी उन शहरों की सूची में शामिल है. आगरा शहर कार्य योजना अन्य शहरों में भी वायु प्रदूषण और इससे संबंधी स्वास्थ्य ख़तरों से निपटने के प्रयासों में  एक मिसाल बनकर उभर सकता है.