सूडान में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की निंदा

सूडान की राजधानी खार्तूम में सुरक्षा बलों ने लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चलाई हैं जिसमें कई लोगों के मारे जाने और घायल होने की रिपोर्टें मिली हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गोलीबारी की कड़ी निंदा करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत को फिर से शुरू करने की अपील की है. यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने भी सुरक्षा बलों की कार्रवाई की भर्त्सना की है.
सुरक्षा बलों की कार्रवाई के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों के नेताओं को भी हिरासत में ले लिया गया है. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की है.
यूएन महासचिव के प्रवक्ता स्टेफ़ान डुजेरिक ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को तितर बितर कने के लिए गोलियां चलाए जाने और मेडिकल केंद्रों पर भी गोलीबारी का होना चिंताजनक है.
महासचिव गुटेरेश ने अंतरिम सैन्य परिषद को ध्यान दिलाया है कि सूडान के नागरिकों की सुरक्षा उसकी ज़िम्मेदारी है और सभी पक्षों से अधिकतम संयम से काम लेने का अनुरोध किया.
खार्तूम में सैन्य मुख्यालय के बाहर बैठे प्रदर्शनकारियों और अस्पतालों में इलाज करा रहे घायलों तक ज़रूरी मदद पहुंचाने के लिए उन्होंने राहतकर्मियों को निर्बाध ढंग से रास्ता दिए जाने का अनुरोध किया.
#Sudan: We deplore the use of live ammunition in protest camps, targeting #peaceful protestors who have been an inspiration over the past months. We call for a swift transition to a civilian administration, #justice & an end to impunity. 👉 https://t.co/5oMo9KZSib pic.twitter.com/uvDwLh2tYE
UNHumanRights
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशलेट ने भी प्रदर्शनकारियों के विरूद्ध हिंसा की कड़ी भर्त्सना की है.
“सूडान में हाल के महीनों में प्रदर्शनकारी एक प्रेरणा रहे हैं – शांतिपूर्ण ढंग से विरोध और अंतरिम सैन्य परिषद के बातचीत का प्रयास करने की उनकी कोशिश रही है. लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदर्शनकारियों के कैंपों पर अत्यधिक बल प्रयोग किया गया है जिसकी मैं कड़ी भर्त्सना करती हूं.”
“रिपोर्टों के अनुसार सुरक्षा बलों ने चिकित्सा केंद्रों के बाहर और अंदर भी गोलियां चलाईं जो ख़ौफ़नाक है. मैं सुरक्षा बलों से ऐसे हमलों को तत्काल रोकने और सभी के लिए सुरक्षित और बाधारहित चिकित्सा सेवा बहाल करने का अनुरोध करती हूं.”
बाशलेट ने ज़ोर देकर कहा कि जो लोग शांतिपूर्ण ढंग से एकत्र होकर अपनी अभिव्यक्ति का प्रयास कर रहे हैं उनके उस अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए, न कि उन्हें निशाना बनाना चाहिए या हिरासत में लेना चाहिए. उन्होंने ध्यान दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानूनों का यह एक बुनियादी तत्व है.
“एक बार फिर से, मैं अंतरिम प्रशासन से आम नागरिकों को प्रशासनिक ज़िम्मेदारी सोंपे जाने की दिशा में मिलकर तेज़ी से प्रयास करने की अपील करती हूं. अत्यधिक बल प्रयोग किए जाने की तत्काल स्वतंत्र रूप से जांच होनी चाहिए और दोषियों के साथ न्याय होना चाहिए.”
यूएन हाईकमिश्नर ने कहा कि सूडान में मानवाधिकार उल्लंघनों का इतिहास रहा है और पिछले छह महीनों से जारी प्रदर्शनों का कारण भी. इसे जारी नहीं रहने दिया जा सकता है, यह वास्तव में एक झटका है.
तीन दशकों से सूडान की बागडोर संभालते आ रहे राष्ट्रपति उमर अल बशीर को सेना ने इस साल अप्रैल में सत्ता से बेदख़ल कर दिया. लेकिन अंतरिम सैन्य परिषद और विरोध प्रदर्शनकारियों के नेताओं में देश में लोकतंत्र की स्थापना के मुद्दे पर मतभेद हैं जिसके चलते वहां प्रदर्शन जारी हैं.