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शहरों में ग़रीबी और असमानता दूर करने के लिए नई सोच और नई तकनीक की ज़रूरत

बांग्लादेश के ढाका शहर का एक विहंगम नज़ारा (फाइल)
UN Photo/Kibae Park
बांग्लादेश के ढाका शहर का एक विहंगम नज़ारा (फाइल)

शहरों में ग़रीबी और असमानता दूर करने के लिए नई सोच और नई तकनीक की ज़रूरत

आर्थिक विकास

अगर टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने की जद्दोजहद की जीत या हार शहरों में निर्धारित होनी है तो फिर वहाँ की आबादियों की दीर्घकालीन रूप से देखभाल सुनिश्चित करनी होगी और ये भी सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी पीछे ना छूट जाए.

शहरी टिकाऊ विकास मामलों की देखरेख करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यू एन हैबीटैट की कार्यकारी निदेशक प्रमुख मायमूना मोहम्मद शरीफ़ ने संयुक्त राष्ट्र हैबीटैट एसेंबली में ये विचार व्यक्त किए.

बुधवार 29 मई को नैरोबी में यू एन हैबीटैट की प्रथम एसेंबली के उच्चस्तरीय सत्र में मायमूना मोहम्मद शरीफ़ ने कहा कि तमाम शहरों और वहाँ रहने वाली आबादी की समस्याओं के समाधान पेश करने और उनके हालात सुधारने के लिए नए ज्ञान, नई सोच और नई तकनीक से काम लेना बहुत ज़रूरी है.

यही इस एसेंबली की मुख्य थीम रही.

उनका कहना था कि किसी भी देश के शहरी इलाक़े समृद्धि और ख़ुशहाली बढ़ाने, सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने और रोज़गार देने के मामले में राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में बड़ा योगदान देते हैं.

लेकिन अगर शहरी इलाक़ों पर समुचित ध्यान ना दिया जाए तो वहाँ ग़रीबी, सामाजिक विभाजन और पर्यावरण क्षेत्र में गिरावट के हालात भी आसानी से बन सकते हैं.

मायमूना मोहम्मद शरीफ़ का कहना था कि इसलिए भी ज़रूरी है कि शहरों को वहाँ रहने वाली पूरी आबादी की बेहतरी के लिए असाधारण सोच के आधार पर प्रयास जारी रखने होंगे, जैसाकि 2030 के टिकाऊ विकास एजेंडा में वर्णित है.

यूएन हैबीटैट की कार्यकारी निदेशक मायमूना मोहम्मद शरीफ़ (बाएँ) ने फिजी के प्रधानमंत्री जोसाइ वॉरेज (मध्य) और एसेंबली की अध्यक्ष मार्था डेलगाडो का नैरोबी पहुँचने पर का स्वागत किया.
UN-Habitat
यूएन हैबीटैट की कार्यकारी निदेशक मायमूना मोहम्मद शरीफ़ (बाएँ) ने फिजी के प्रधानमंत्री जोसाइ वॉरेज (मध्य) और एसेंबली की अध्यक्ष मार्था डेलगाडो का नैरोबी पहुँचने पर का स्वागत किया.

 

ध्यान दिला दें कि इस एजेंडा में ग़रीबी का ख़ात्मा करने, पृथ्वी की हिफ़ाज़त करने, टिकाऊ शांति स्थापित करने और सभी लोगों के लिए ख़ुशहाली सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है.

यू एन हैबीटैट की प्रमुख मायमूना मोहम्मद शरीफ़ ने एसेंबली में आए प्रतिनिधियों का आहवान करते हुए कहा कि शहरी इलाक़ों में स्मार्ट तकनीक का इस्तेमाल किया जाए जिनके ज़रिए पानी, परिवहन और पर्यावरणमुक्त ऊर्जा मुहैया कराने के प्रयास किए जाएँ जिनसे सभी लोगों को गुणवत्ता वाला जीवन जीने में आसानी हो सके.

साथ ही सभी देशों को ग़रीबी दूर करने के रचनात्मक समाधान पेश करने चाहिए और नई तकनीक और नए ज्ञान से सभी लोगों की बेहतर सेवा कैसे की जा सकती है इसके लिए सघन प्रयास करने चाहिए.

उन्होंने कहा कि यू एन हैबीटैट रचनात्कम सोच, नई तकनीक और श्रेष्ठता का केंद्र बनने के इरादे के साथ काम कर रहा है जिससे शहरी विकास का वैश्विक एजेंडा तय हो सके.

यू एन हैबीटैट ने शहरी इलाक़ों में जलवायु परिवर्तन और लगातार बढ़ती असमानता जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए अप्रैल 2019 में न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गोलमेज़ सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसका मुख्य विषय था – चलते-फिरते शहर.

संयुक्त राष्ट्र की डिपुटी महासचिव आमिना मोहम्मद ने यू एन हैबीटैट के कामकाज की सराहना करते हुए कहा था कि अब न्यूयॉर्क या नैरोबी की तर्ज़ पर शहर नहीं बनाए जा सकते.

नए शहरो का निर्माण लोगों के लिए होना चाहिए ना कि कारों के लिए. और हमें नए शहरों का निर्माण करते समय ये ध्यान में रखना होगा कि उन्हें जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामन करना पड़ेगा, जिनमें समुद्रों का बढ़ता जल स्तर भी शामिल है. चलते-फिरते शहर अब नए दौर की हक़ीक़त बन सकते हैं.

Floating Cities: the New Urban Frontier