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अफ़ग़ानिस्तान: स्कूलों पर हमलों में तीन गुना बढ़ोत्तरी बनी चिंता का कारण

तीन दशकों से चले आ रहे संघर्ष से अफ़ग़ानिस्तान की शिक्षा प्रणाली तबाह हो गई है.
UNICEF/UN0212108/Mohammadi
तीन दशकों से चले आ रहे संघर्ष से अफ़ग़ानिस्तान की शिक्षा प्रणाली तबाह हो गई है.

अफ़ग़ानिस्तान: स्कूलों पर हमलों में तीन गुना बढ़ोत्तरी बनी चिंता का कारण

संस्कृति और शिक्षा

अफ़ग़ानिस्तान में स्कूलों पर किए जाने वाले हमलों में एक साल के भीतर तीन गुना बढ़ोत्तरी देखने को मिली है जिस पर चिंता ज़ाहिर करते हुए संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया है. यूनिसेफ़ की यह अपील ऐसे समय में जारी की गई है जब स्पेन के मयोरका शहर में सुरक्षित स्कूलों पर तीसरा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हो रहा है.

अफ़ग़ानिस्तान के स्कूलों पर हुए हमलों की संख्या 2017 में 68 थी जो 2018 में बढ़कर 192 हो गई. 2015 के बाद यह पहली बार है जब स्कूलों पर हमलों की संख्या में वृद्धि देखने मिली है.

यूएन एजेंसी की कार्यकारी निदेशक हेनरिएटा फ़ोर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अफ़ग़ानिस्तान में शिक्षा हमलों की चपेट में है. “स्कूलों पर निरर्थक हमले; शिक्षकों के मारे जाने, उनके घायल होने और उन्हें अगवा किया जाने; और शिक्षा के विरूद्ध धमकियों से बच्चों की एक पूरी पीढ़ी के सपने और आशाएं तबाह हो रही हैं.”

2018 के संसदीय चुनावों में मतदाता पंजीकरण के लिए और पोलिंग केंद्रों के रूप में स्कूलों को इस्तेमाल में लाया गया था और आशंका जताई गई है कि इन्हीं वजहों से हमलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है.

यूनिसेफ़ के मुताबिक़ अफ़ग़ानिस्तान में जारी संघर्ष और तेज़ी से बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था के चलते दिसंबर 2018 तक एक हज़ार से ज़्यादा स्कूल बंद हो चुके हैं. इसके चलते पांच लाख से अधिक बच्चे शिक्षा के बुनियादी अधिकार और बेहतर भविष्य की संभावनाओं से वंचित हैं.

अनुमान है कि 7 से 17 साल की उम्र के 37 लाख बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. लड़कों की तुलना में स्कूल न जाने वाले लड़कियों की संख्या अधिक है और स्कूल न जाने वाले बच्चों का वे 60 फ़ीसदी हैं. इसके पीछे बदहाल सुरक्षा, ग़रीबी और भेदभाव को ज़िम्मेदार बताया गया है.

यूएन एजेंसी अफ़ग़ानिस्तान की सरकार और अन्य साझेदार संगठनों के साथ मिलकर अनौपचारिक और समुदाय आधारित शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयास कर रही है. इसके तहत स्थानीय समुदायों की इमारतों और घरों में शिक्षा दी जाती है. स्कूल जाते समय बच्चों को हमले की चपेट में आने से बचाने के नज़रिए से यह अहम है.

इस बीच सोमवार को स्पेन में तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत हुई जिसमें स्कूलों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने पर चर्चा होगी. ‘सेफ़ स्कूल डेक्लेरेशन’ को 87 देशों ने समर्थन दिया है जिसके तहत सशस्त्र संघर्षों में शिक्षा को जारी और सुरक्षित बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.