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सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता 'ख़ूबी है ख़तरा नहीं'

यूएन शांति के संदेश वाहक यो-यो मा के साथ महासचिव अंतोनियो गुटेरेश.
UN Vienna/Nikoleta Haffar
यूएन शांति के संदेश वाहक यो-यो मा के साथ महासचिव अंतोनियो गुटेरेश.

सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता 'ख़ूबी है ख़तरा नहीं'

प्रवासी और शरणार्थी

एक अच्छा संगीत देने वाले ऑर्केस्ट्रा की तरह, सफल और आधुनिक समाजों को भी विविधता और संस्कृति का संतुलन बनाए रखना ज़रूरी है. ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में यूएन की ओर से शांति के संदेशवाहक और मशहूर चेलो वादक यो-यो मा के साथ मिलकर महासचिव अंतोनियो गुटेरेश ने विविधतापूर्ण समाज को सुनिश्चित करने के प्रयासों पर ज़ोर देने की अपील की है. 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेश ने ये भाषण ऐसे समय में दिया है जब यूरोप में संसदीय चुनावों के नतीजे दर्शाते हैं कि मध्यमार्गी से समर्थन हटकर राष्ट्रवाती और आप्रवासन विरोधी पार्टियों की ओर जा रहा है. महासचिव गुटेरेश ने कहा कि हाल के दिनों में यूरोप में जो बहस हो रही है उस परिप्रेक्ष्य में शांति, मानव गरिमा, मानवाधिकारों और यूएन चार्टर में उल्लेखित मूल्यों के लिए सार्वभौमिक नज़रिए को अपनाना बेहद महत्वपूर्ण है. 

“आज समाज बहुजातीय, बहुधर्मी, बहुसांस्कृतिक हैं. और यह एक ख़ूबी है ख़तरा नहीं. जिस तरह एक ऑरकेस्ट्रा में दुनिया भर से आए संगीतकारों को मिलकर अच्छा संगीत देने के लिए अभ्यास की आवश्यवकता होती है, वैसा ही समाज के साथ है.”

“विविधता के लिए निवेश करना होता है. सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, धार्मिक; कई बार सामाजिक जुड़ाव के लिए भी निवेश ताकि विविधतापूर्ण समाज को सुनिश्चित किया जा सके. और हर समुदाय को महसूस हो कि उनकी पहचान को सम्मान दिया जा रहा है. जैसे अन्य वाद्य यंत्रों को बजाने वालों के साथ साथ वायलन बजाने वाले की पहचान को सम्मान देना भी ज़रूरी है.”

महासचिव गुटेरेश ने यूएन मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए संगीत को एक बुनियादी ज़रिया बताया और कहा कि प्रवासन के लिए भी निवेश किए जाने की ज़रूरत है. लोगों की आवाजाही का फ़ायदा तस्कर उठा रहे हैं और इससे निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग, में निवेश करने की आवश्यकता है ताकि प्रवासन के उचित रूपों को बढ़ावा मिल सके. 

ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर वान डेय बेलेन से मुलाक़ात के बाद महासचिव गुटेरेश ने विएना में यूएन कार्यालय के लिए पिछले 40 सालों में मिले समर्थन पर धन्यवाद दिया. विएना में कई प्रमुख यूएन एजेंसियों का कार्यालय है. उन्होंने विश्वास जताया कि विएना में हो रहे प्रयासों के ज़रिए दुनिया भर में एक कठिन समय में शांति और सुरक्षा को बनाए रखने में मदद मिलेगी. 

जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर मंगलवार को वहां एक बैठक हो रही है जिसमें हिस्सा लेने को उन्हें ज़रूरी बताया. हाल के दिनों में दक्षिण प्रशांत के देशों की यात्रा करने वाले यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि समुद्र के बढ़ते जलस्तर का सामना कर रहे तुवालु जैसे लघु द्वीपीय देशों को बचाना दुनिया को बचाने जैसा है.

“जलवायु संकट से हर कहीं हर किसी के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा. और मौजूदा रूझानों को देखें तो जलवायु परिवर्तन तेज़ रफ़्तार से हो रहा है जिसे हमें पलटना होगा. और उसके लिए यह आवश्यक है कि 2020 में देश जो संकल्प लें वे पेरिस की अपेक्षाओं से अधिक मज़बूत हों.”

यूएन प्रमुख का मानना है कि सभी देशों को जलवायु अनुकूलन, कार्बन उत्सर्जन में कटौती और वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए महत्वाकांक्षा को बढ़ाना होगा. “मैं आपको कहना चाहता हूं कि मुझे बकवास लगता है जब वेतन पर टैक्स लगाया जाता है जबकि कार्बन पर नहीं.”