काँगो में ईबोला नियंत्रण के प्रयासों के लिए समय बहुत ज़्यादा नहीं

संयुक्त राष्ट्र ने काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में ईबोला पर क़ाबू पाने के लिए अपने प्रयास और ज़्यादा तेज़ और सघन करने की घोषणा की है. काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में ईबोला की महामारी फैले हुए क़रीब दस महीने हो चुके हैं और हाल के सप्ताहों में ईबोला के संक्रमण के मामलों में भी बढ़ोत्तरी हुई है.
देश में ईबोला की वजह से 1200 से भी ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और इसका संक्रमण देश के पूर्वी इलाक़ों व पड़ोसी देशों में भी फैलने का ख़तरा पैदा हो गया है. ईबोला के संक्रमण से जो लोग बीमार हैं, उनमें क़रीब एक तिहाई संख्या बच्चों की है. इससे पहले के संक्रमण मामलों में बच्चों की इतनी बड़ी संख्या नहीं थी.
काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र के स्थिरता मिशन के प्रमुख डेविड ग्रेसली को ईबोला प्रभावित इलाक़ों के लिए आपदा राहत उपायों के लिए संयोजक नियुक्त किया गया है. ग्रेसली महासचिव के उप विशेष प्रतिनिधि भी हैं और मानवीय सहायता कार्यों व राजनैतिक और सुरक्षा मामलों में ख़ासा लम्बा अनुभव रखते हैं.
डेविड ग्रेसली का कहना था, “ईबोला पर क़ाबू पाने के प्रयास सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए पैदा हुई आपदा से निपटने की रफ़्तार के साथ संगठित तरीक़े से चलाए जा रहे हैं. असुरक्षा व राजनैतिक प्रदर्शनों की वजह से ईबोला के संक्रमण की रोकथाम और इलाज के प्रयासों में कुछ रुकावटें ज़रूर पैदा हुई हैं.”
काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य की सरकार, स्थानीय समुदायों और संयक्त राष्ट्र व ग़ैरसरकारी संगठनों के सक्रिय प्रयासों की बदौलत इतूरी और उत्तरी कीवी प्रान्तों में ईबोला पर काफ़ी हद तक नियंत्रण पा लिया गया था.
WHO and its @UN partners are taking steps to strengthen the #Ebola response and end the outbreak in #DRC https://t.co/usI2xmau7Z pic.twitter.com/TmEfPbBXg4
WHO
लेकिन लगातार असुरक्षा के हालात और समुदायों में आपसी भरोसे की कमी की वजह से ईबोला के संक्रमण की रोकथाम और इलाज के प्रयासों पर असर पड़ रहा है.
इन बाधाओं की वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य मंत्रालय को ईबोला संक्रमण के मामलों का सही समय पर पता लगाने और प्रभावित लोगों को सटीक इलाज मुहैया कराने के प्रयासो में मुश्किलें पैदा हो रही हैं. इस वजह से ईबोला का संक्रमण और ज़्यादा सघन हो गया है.
इन जटिल और चिन्ताजनक हालात को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र, उसके साझीदार संगठन और काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य की सरकार ने स्थानीय समुदायों तक अपनी पहुँच बढ़ाने के लिए राजनैतिक सरगर्मियाँ बढ़ाई हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ईबोला के संक्रमण का सही समय पर पता लगाने और संक्रमित लोगों का यथा शीघ्र और सटीक इलाज करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियाँ अपनाई हैं.
इस मुहिम के तहत ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक असरदार दवाएँ पहुँचाई जाएंगी और संक्रमित लोगों को चिकित्सा सुविधाएँ और सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं में ईबोला का संक्रमण और ना फैले, इसके लिए भी प्रयास बढ़ाए जा रहे हैं. इन प्रयासों के तहत यूनीसेफ़ भी शामिल है जो मनौवैज्ञानिक सहायता मुहैया कराने के साथ-साथ पानी, साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता सेवाओं के ज़रिए फैलने वाले संक्रमण पर क़ाबू पाने के लिए प्रयास तेज़ कर रहा है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने ईबोला के संक्रमण से ज़्यादा प्रभावित होने वाले बूटेम्बो इलाक़े में संक्रमण को रोकने और सटीक इलाज की सुविधाएँ मुहैया कराने के लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल स्थापित करने की प्रक्रिया और मज़बूत की है.
इसके अलावा ईबोला पर क़ाबू पाने के प्रयासों की रणनीति को और ज़्यादा कारगर बनाने के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधन भी लगाए जा रहे हैं ताकि ज़रूरत पड़ने पर समुचित मात्रा में धन उपलब्ध रहे है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपदा सेवाओं के लिए सहायक महानिदेशक डॉक्टर इब्राहीमा सोस फ़ॉल का कहना था कि संगठन इसी तरह के संगठित व अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की माँग कर रहा था.
हालाँकि उन्होंने ये भी कहा कि ईबोला के संक्रमण पर क़ाबू पाने के तमाम प्रयासों की अन्तिम ज़िम्मेदारी तो स्थानीय जनसंख्या पर ही होनी चाहिए.
लेकिन वो ये देखकर बहुत प्रसन्न व सन्तुष्ट हैं कि नए संगठित प्रयासों के तहत मरीज़ों और स्वास्थ्यकर्मियों को बेहतर सुरक्षा मुहैया कराना संभव हो सकेगा.
साथ ही समुचित मात्रा में दवाओं की आपूर्ति और तमाम प्रयासों में मानवीय पहलू सुनिश्चित करना भी मुमकिन हो रहा है.
डॉक्टर इब्राहीमा फ़ॉल मार्च 2019 से ही बूटेम्बो इलाक़े में मौजूद रह हैं और वहाँ विश्व स्वास्थ्य संगठन के ईबोला प्रकरण मैनेजर डॉक्टर माइकल याओ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने राजधानी किन्शासा में साझीदार एजेंसियों के साथ तालमेल बिठाने के लिए डॉक्टर पीटर ग्राफ़ को नियुक्त किया है.