वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

अफ़्रीका में शरणार्थी समस्या की बुनियादी वजहों से निपटना ज़रूरी

संघर्ष के चलते विस्थापित होने वाले नाइजीरियाई शरणार्थी कैमरून के शिविर के पास पानी की कतार में.
UN Photo/Eskinder Debebe
संघर्ष के चलते विस्थापित होने वाले नाइजीरियाई शरणार्थी कैमरून के शिविर के पास पानी की कतार में.

अफ़्रीका में शरणार्थी समस्या की बुनियादी वजहों से निपटना ज़रूरी

प्रवासी और शरणार्थी

हिंसा और यातना से बचकर सुरक्षित स्थान पर शरण लेने वाले शरणार्थियों और घरेलू विस्थापितों के लिए अफ़्रीकी देशों ने अपनी सीमाओं, दरवाज़ों और दिलों को खुला रखा है लेकिन इससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. 'अफ़्रीका संवाद  श्रृंखला' बैठक को संबोधित करते हुए यूएन महासचिव  एंतोनियो गुटेरेश ने लोगों को जबरन घर छोड़ने के लिए मजबूर करने वाले कारणों को दूर करने की अपील की है.

2017 के अंत तक अफ़्रीका में  विस्थापितों की संख्या 2.42 करोड़ हो गई जो 2016 से 46 लाख अधिक है. शरणार्थी समस्या का दायरा बढ़ने के चलते इस  साल 'फ़्रीका डायलॉग सीरिज़' या अफ़्रीका संवाद श्रृंखला के दौरान जिन मुद्दों पर चर्चा होनी है उनमें विस्थापन के लिए मजबूर होने वाले लोगों के लिए स्थायी समाधानों को तलाशा जाएगा.

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि शरणार्थियों और विस्थापितों की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि उन्हें घर छोड़ने के लिए मजबूर होने से रोका जाए. इसके लिए ग़रीबी, हिंसक संघर्ष, भेदभाव सहित अन्य मूल समस्याओं को सुलझाया जाना होगा.

इस नज़रिए से टिकाऊ विकास का 2030 एजेंडा और अफ़्रीकी संघ का एजेंडा 2063 अहम है. दोनों एजेंडा लोगों की ज़रूरतो पर आधारित हैं जिनमें पृध्वी के प्रति संवेदनशीलता बरतते हुए दुनिया की कायापलट करने पर ज़ोर दिया गया है और ग़रीबी उन्मूलन को प्राथमिकता दी गई है.

हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि इन एजेंडों को राष्ट्रीय विकास योजनाओं में शामिल किया जा सके और ग्लोबल कॉम्पैक्ट को अमल में लाया जा सके जिससे सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित ढंग से प्रवासन हो सकेगा और देशों को प्रवासन का लाभ मिलेगा और प्रवासियों के अधिकार भी सुरक्षित होंगे.”

अपने संबोधन में अफ़्रीकी देशों की उदारता का उदाहरण देते हुए यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि उन्होंने अपनी सीमाओं, दरवाज़ों और दिलों को शरणार्थियों और घरेलू विस्थापितों के लिए खुला रखा है.

यूएन शरणार्थी एजेंसी में हाई कमिश्नर के तौर पर काम करते हुए मैंने अफ़्रीकी देशों के सत्कार और एकजुटता को देखा. कई देश वैश्विक मानकों को स्थापित करने का काम जारी रखे हैं. यूगांडा, जिबूती, रवांडा और इथियोपिया अभिनव तरीक़े अपनाकर शरणार्थियों के अधिकारों को मान्यता और बढ़ावा दे रहे हैं. पिछले साल ग्लोबल कॉम्पैक्ट ऑफ़ रिफ़्यूजीज़ की मंज़ूरी में अफ़्रीकी देशों ने अहम भूमिका निभाई.”

2019 अफ़्रीकी संवाद श्रृंखला की यूएन के न्यूयॉर्क मुख्यालय में शुरुआत.
UN Photo/Eskinder Debebe
2019 अफ़्रीकी संवाद श्रृंखला की यूएन के न्यूयॉर्क मुख्यालय में शुरुआत.

वित्तीय संसाधनों को जुटाना होगा अहम

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अफ़्रीकी देशों से अल्प और दीर्घकालीन समाधानों को ढूंढने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के रास्ते तलाशने का अनुरोध किया है. उन्होंने आगाह किया कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों और एजेंडा 2063 को हासिल करने के लिए दोगुने प्रयास करने होंगे क्योंकि अगर मौजूदा रफ़्तार से काम हुआ तो फिर 2030 तक आधे रास्ते तक ही पहुंचा जा सकेगा.  

इन लक्ष्यों की प्राप्ति में उन्होंने वित्तीय संसाधनों की अहमियत को रेखांकित करते हुए भरोसा दिलाया कि धन जुटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र अफ़्रीकी देशों के प्रयासों का समर्थन करता रहेगा. साथ ही ग़ैरक़ानूनी ढंग से धन के लेनदेन और काले धन को सफ़ेद बनाने के कारोबार पर लगाम कसने की अपील की है.

"संयुक्त राष्ट्र और अफ़्रीकी संघ सभी क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को गहरा कर रहे हैं. इसी महीने अफ़्रीकी संघ और संयुक्त राष्ट्र का वार्षिक सम्मेलन हुआ जहां जलवायु कार्रवाई, टिकाऊ विकास के 2030 एजेंडा, मानवाधिकारों और मानवीय मामलों पर सहयोग को जारी रखने पर सहमति हुई."

जलवायु परिवर्तन के ख़तरों के प्रति सचेत करते हुए  महासचिव ने बताया कि इससे टिकाऊ और समावेशी विकास की योजनाएं ख़तरे में आ रही है. अफ़्रीकी देशों का जलवायु परिवर्तन में योगदान कम है लेकिन वे जलवायु संबंधी जोखिमों को झेल रहे हैं. समुद्र का बढ़ता जलस्तर, सूखा, बाढ़, चक्रवाती बीमारियों का फैलना और जैवविविधता का घटना विनाशकारी हो सकता है.

जलवायु परिवर्तन अन्य चुनौतियों और जोखिमों जैसे ग़रीबी, हिंसक संघर्ष और विस्थापन को और बढ़ा रही हैं. इससे आर्थिक वृद्धि धीमी होती है और अफ़्रीका और उससे बाहर समावेशी, टिकाऊ विकास के लिए अवसर घटते हैं.”

शांति प्रयासों में प्रगति के बावजूद सामने आ रही चुनौतियों पर महासचिव गुटेरेश ने कहा कि लीबिया और सूडान में स्थिरता और टिकाऊ शांति के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है.

मध्य अफ़्रीका गणराज्य में उन्होंने शांति समझौते का स्वागत किया और कहा कि राष्ट्रीय मेल मिलाप और शांति की नींव मज़बूत करने के उद्देश्य से साथ मिलकर काम करना होगा. दक्षिण सूडान में आम नागरिकों की रक्षा करने का काम जारी रखने और स्थायी शांति की दिशा में चलने को अहम बताया गया है.

अफ़्रीकी महाद्वीप पर शांति और सुरक्षा के लिए हमारा साझा संकल्प इस साल फ़रवरी में प्रदर्शित हुआ जब सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव 2457 को पारित किया जिसके ज़रिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी को बढ़ाकर अफ़्रीका में संघर्षों को समाप्त करने की दिशा में बढ़ा जाएगा.

संघर्ष की रोकथाम के लिए अफ़्रीका में महिला नेताओं के नेटवर्क के साथ मिलकर काम करने के अलावा बंदूकों को शांत करने के लिए एक पहलसाइलेंसिंग द गन्स इनिशिएटिवशुरू की गई है. साथ ही अफ़्रीकी संघ के नेतृत्व  में शांति अभियानों के लिए और वित्तीय मदद मुहैया कराने के लिए सुरक्षा परिषद से अपील की जाएगी.