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जलवायु परिवर्तन के विरूद्ध लड़ाई में 'अग्रिम मोर्चे पर हैं न्यूज़ीलैंड के युवा'

न्यूज़ीलैंड यात्रा के दौरान युवाओं से मुलाक़ात करते यूएन महासचिव.
UN Photo/Mark Garten
न्यूज़ीलैंड यात्रा के दौरान युवाओं से मुलाक़ात करते यूएन महासचिव.

जलवायु परिवर्तन के विरूद्ध लड़ाई में 'अग्रिम मोर्चे पर हैं न्यूज़ीलैंड के युवा'

जलवायु और पर्यावरण

न्यूज़ीलैंड में माओरी समुदाय के युवाओं और पैसिफ़िक द्वीपीय देशों के लोगों से बातचीत के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जलवायु परिवर्तन से लड़ाई में युवा नेतृत्व के प्रति आभार जताया है. जलवायु कार्रवाई के तहत उन्होंने कोयला आधारित नए बिजली संयंत्रों को रोकने, वेतन के बजाए कार्बन पर टैक्स लगाने और जीवाश्म ईंधन से सब्सिडी वापस लेने को समाधान का हिस्सा बताया है.

यूएन प्रमुख ने ‘जनरेशन ज़ीरो’ द्वारा एक अहम भूमिका निभाई जाने की प्रशंसा की. यह न्यूज़ीलैंड स्थित एक संगठन है जो कार्बन प्रदूषण में कमी लाने के लिए समाधान तलाशने पर केंद्रित है. इसके तहत परिवहन तंत्र को बेहतर बनाने, शहरों को रहने योग्य बनाने और जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को रोकने के प्रयास किए जाते हैं. 

महासचिव गुटेरेश  ने कहा कि मुख्य लक्ष्य – वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखना - को हासिल करने में युवा बड़ी मदद कर सकते हैं. यूएन प्रमुख ने विश्वास जताया कि दुनिया भर में युवा इस संबंध में सरकारों को स्पष्ट संदेश दे सकेंगे.

जलवायु परिवर्तन के विरूद्ध लड़ाई में महासचिव गुटेरेश ने इन कदमों पर ज़ोर दिया है: 

- वेतन के बजाए कार्बन पर टैक्स लगाना
- जीवाश्म ईंधनों से सब्सिडी वापस लेना
- 2020 तक कोयले से चलने वाले नए ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण को रोकना

Young people in New Zealand are on frontlines of #ClimateAction and see first-hand that we are facing a global climate emergency. I am inspired by their dynamism and determination. They must continue to hold leaders accountable. https://t.co/nfiuLozeIP pic.twitter.com/SdKgscFILY

— António Guterres (@antonioguterres) May 13, 2019

“करदाताओं के पैसों का इस्तेमाल चक्रवाती तूफ़ान को मज़बूती देने, सूखा और गर्म हवाएं फैलाने, मूंगा चट्टानों को नुक़सान पहुंचाने या हिमनद पिघलाने के लिए नहीं होना चाहिए. हम एक हरित अर्थव्यवस्था चाहते हैं, न कि अनाधिकारिक अर्थव्यवस्था. यह बेहद आवश्यक है कि आप सरकारों को कार्रवाई के लिए मनाएं क्योंकि अब भी प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है.”

यूएन प्रमुख ने याद दिलाया कि पोलैंड में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान उन्होंने इसी प्रतिरोध का सामना किया था. सरकारें अब भी आगे बढ़ने में डर महसूस करती हैं और ये भूल रही हैं कि कार्रवाई न करने की क़ीमत जलवायु कार्रवाई से कहीं बड़ी है.