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क्राइस्टचर्च हमले के बाद न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री का नेतृत्व 'सराहनीय'

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश और न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डन.
UN Photo/Mark Garten
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश और न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डन.

क्राइस्टचर्च हमले के बाद न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री का नेतृत्व 'सराहनीय'

शान्ति और सुरक्षा

न्यूज़ीलैंड की राजधानी ऑकलैंड में रविवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस साल मार्च महीने में क्राइस्टचर्च हमले में मारे गए लोगों और उनके परिजनों के प्रति एकजुटता का प्रदर्शन किया है. दो मस्जिदों में हुई गोलीबारी में 51 लोगों की मौत हुई थी. यूएन प्रमुख ने इस घटना के बाद निर्णायक नेतृत्व देने के लिए  प्रधानमंत्री जेसिन्डा अर्डन की सराहना की है. 

महासचिव गुटेरेश ने बताया कि रमज़ान के महीने के दौरान वह आमतौर पर एकजुटता यात्रा के तहत किसी मुस्लिम देश का दौरा करते हैं लेकिन इस बार उन्होंने क्राइस्टचर्च में मुस्लिम समुदाय से मिलने का निर्णय लिया ताकि वह उनसे मिलकर उनके “साहस, सहनशीलता के साथ साथ असाधारण एकता को भी श्रृद्धांजलि दे सकें.”

उन्होंने याद किया कि क्राइस्टचर्च हमले के बाद न्यूज़ीलैंड की सरकार और जनता ने एकजुटता का संदेश दिया. 

प्रधानमंत्री अर्डन ने जिस तरह से गोलीबारी की घटना के बाद अपने नेतृत्व से त्वरित और निर्णायक जवाब दिया, उसके लिए यूएन प्रमुख ने आभार जताया. क्राइस्टचर्च हमले के तुरंत बाद न्यूज़ीलैंड की सरकार ने  कदम उठाते हुए बंदूकों पर नियंत्रण के क़ानून को मज़बूत बनाया और सोशल मीडिया और इंटरनेट पर नफ़रत भरे भाषणों और संदेशों की रोकथाम की अपील की.

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने नफ़रत भरे भाषणों के विरूद्ध प्रयासों के तहत कई पहलें शुरू की हैं और इस संदर्भ में प्रधानमंत्री अर्डन का नेतृत्व बेहद अहम था.

पैसिफ़िक द्वीपीय देशों के दौरों के तहत महासचिव गुटेरेश न्यूज़ीलैंड की यात्रा कर रहे हैं. उनकी यात्रा के दौरान जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रयासों पर भी चर्चा होनी है. 

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से उपज रही आपात स्थिति से निपटने के लिए न्यूज़ीलैंड भरपूर प्रयास कर रहा है जिसके लिए वह  धन्यवाद जताते हैं.  पैसेफ़िक द्वीपीय देश जलवायु परिवर्तन का बड़ा ख़तरा झेल रहे हैं और ऐसे में न्यूज़ीलैंड की ओर से उन देशों से मदद मिलना महत्वपूर्ण है. 

“मैं फ़िजी, तुवालू और वानुआतु की भी यात्रा करूंगा और पैसेफ़िक देशों से बाक़ी दुनिया के लिए एक कड़ा संदेश दूंगा: हमें अपने प्रयासों को तेज़ करना होगा, हमें इस नाटकीय रूझान को रोकना होगा ताकि इस ख़तरनाक रूझान को पलटा जा सके. हम बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन को नहीं होने दे सकते. हमें सभी लोगो के जीवन की रक्षा करने की आवश्यकता है और हमारे ग्रह की भी.” 

न्यूज़ीलैंड में 2050 से पहले कार्बन तटस्थता हासिल करने के लिए एक नए विधेयक को लाया गया है जिसे महासचिव गुटेरेश ने अहम माना है. ऐसे प्रयास वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को इस सदी के अंत तक 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए आवश्यक हैं लेकिन यूएन प्रमुख ने कहा कि अन्य देशों में राजनीतिक इच्छाशक्ति धुंधली हो रही है. 

वैश्विक प्रयासों में नई ऊर्जा भरने के इरादे से इस साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र में जलवायु शिखर वार्ता का आयोजन किया जा रहा है.