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आतंकी लड़ाकों की यात्राओं का पता लगाने के लिए नया कार्यक्रम

इराक़ के मोसुल शहर में इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती हमले में इस परिवार का घर बर्बाद हो गया.
UNHCR/Ivor Prickett
इराक़ के मोसुल शहर में इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती हमले में इस परिवार का घर बर्बाद हो गया.

आतंकी लड़ाकों की यात्राओं का पता लगाने के लिए नया कार्यक्रम

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय (UNOCT) ने संदिग्ध आतंकवादियों की गतिविधियों पर नज़र रखने की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए एक नए कार्यक्रम की शुरुआत की है. एक अत्याधुनिक सॉफ़्टवेयर के ज़रिए यात्रा संबंधी सटीक जानकारी एकत्र कर उसका विश्लेषण करने, आतंकियों की पहचान करने और उनकी कोशिशों को विफल करने में इससे मदद मिलेगी.

‘यूनाइटेड नेशन्स काउंटरिंग टेररिस्ट ट्रैवल प्रोग्राम’ को एक ऐसे समय में शुरू किया गया है जब इराक़ और सीरिया में इस्लामिक स्टेट अपनी ज़मीन खो चुका है.

ऐसे में हज़ारों विदेशी आतंकी लड़ाके हिंसाग्रस्त इलाक़ों से वापस घर लौटने या सुरक्षित स्थानों तक जाने की कोशिशों में जुटे हैं जिससे अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को एक बड़ा ख़तरा पैदा हो गया है.

संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय ने इसे एक बेहद अहम पहल करार दिया है जिसका लक्ष्य विदेशी आतंकी लड़ाकों और गंभीर अपराधियों का पता लगाने में सदस्य देशों की मदद करना है. यात्रियों के डाटा को इकठ्ठा कर उसका विश्लेषण करने और आतंकियों की पहचान करने में इससे मदद मिलेगी.

आंतकवाद से निपटने के कार्य में जुटे संयुक्त राष्ट्र के कई विभाग और अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) इस पहल को प्रभावी ढंग से अमल में लाने के लिए मिलकर काम करेंगे. इस पहल के तहत सदस्य देशों को आधुनिक ‘गोट्रैवल’ सॉफ़्टवेयर को मुफ़्त उपलब्ध कराया गया है जिसके ज़रिए यातायात संबंधी डाटा के विश्लेषण के ज़रिए आतंकवादी गतिविधियों का पता लगाकर उन्हें नाकाम किया जा सकता है.

इस कार्यक्रम का एक दूसरा पहलू क़ानूनी और राष्ट्रीय विशेषज्ञता के विकास में संयुक्त राष्ट्र द्वारा राष्ट्रीय एजेंसियों की मदद करना है. इसे संभव बनाने और सॉफ़्टवेयर के क़ानूनी और प्रभावी इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण और प्रमाणन की व्यवस्था भी की गई है.

नीदरलैंड ने संयुक्त राष्ट्र को जो सिस्टम प्रदान दिया था, “गोट्रैवल” सॉफ़्टवेयर उसी का एक परिवर्तित रूप है.   

आतंकी हमलों से दहलती दुनिया

कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत के समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि हाल के दिनों में हुए हमले, विशेषकर केन्या, न्यूज़ीलैंड और श्रीलंका की घटनाएं, त्रासदपूर्ण ढंग से ध्यान दिलाते हैं कि आतंकवाद की विपत्ती ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है.

यूएन प्रमुख ने कहा कि पिछले सात सालों से दुनिया में संघर्षग्रस्त इलाक़ों तक आतंकवादियों की आवाजाही नाटकीय ढंग से होती रही है. 110 देशों के 40 हज़ार से ज़्यादा विदेशी लड़ाकों ने आतंकी गुटों में शामिल होने के लिए सीरिया और इराक़ की यात्राएं की.

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि इस कार्यक्रम की मदद से सदस्य देशों को यात्राओं से जुड़े डाटा को एकत्र कर उसका विश्लेषण करने और उसे सक्षम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ साझा करने में मदद मिलेगी. इसके में निजता और बुनियादी अधिकारों का भी ख़्याल रखा जाएगा.

यूएन समाचार के साथ एक इंटरव्यू में ‘काउंटरिंग टेररिस्ट ट्रैवल एंड एविएशन सिक्योरिटी’ विभाग के प्रमुख यैले पोस्टमा ने बताया कि तकनीक को विकसित करते समय उसमें डाटा और मानवाधिकार संरक्षण सुनिश्चित किए जाने का भी पूरा ध्यान रखा गया है. उन्होंने बताया कि एक निश्चित अवधि के बाद संवेदनशील डाटा, जैसे यौन उन्मुखीकरण (sexual orientation), व्यापार संघ की सदस्यता से संबंधित जानकारी अपने आप ही सिस्टम से हट जाएंगी.

निगरानी के लिए जो नए क़ानून बनाए गए हैं उनके स्वतंत्र और पारदर्शी निरीक्षण को सुनिश्चित करने के लिए संयकुत् राष्ट्र सदस्य देशों की संसदों के साथ मिलकर काम करेगा.

इस कार्यक्रम को भारत, जापान, नीदरलैंड्स, क़तर और सऊदी अरब से वित्तीय मदद प्राप्त है.