मोज़ाम्बीक में विनाशकारी तूफ़ान की फिर आशंका के मद्देनज़र राहत कार्य तेज़
संयुक्त राष्ट्र और उसकी सहभागी संस्थाओं ने मोज़ाम्बीक के उत्तरी तटवर्ती क्षेत्रों में एक और विनाशकारी तूफान की आशंका को देखते हुए गुरूवार को आपातकालीन बचाव व राहत कार्य उपाय शुरू कर दिए हैं.
कुछ सप्ताह पहले मोज़ाम्बीक के दक्षिणी इलाक़ों में चक्रवात इदई और उसके फलस्वरूप आई बाढ़ ने हजारों लोगों को चपेट में ले लिया था. विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के प्रवक्ता हार्वे वेरहूजल का कहना था कि भारी बारिश होने की आशंका है जिससे बाढ़ और भूस्खलन हो सकता है, और पूर्वोत्तर केबो देलगाडो तथा नाम्पुला प्रांत प्रभावित हो सकते हैं.
उनका कहना था, “मोज़ाम्बीक के लोगों के लिए दूसरा तूफ़ान और भी ज़्यादा ख़तरनाक होगा और इससे सभी क्षेत्रों में चल रहे राहत कार्यों पर भी बुरा असर होगा.”
वेरहूजल ने कहा कि विश्व खाद्य कार्यक्रम व अन्तरराष्ट्रीय प्रवासी संगठन (आईओएम) की साझा टीमें पूरी तरह मुस्तैद हैं. उन्होंने पुष्टि करते हुए ये भी कहा कि एजेंसी उत्तरी क्षेत्र में मौसम पर ‘बारीकी से’ नज़र रख रही है और बदतर स्थितियों से निपटने में प्रांतीय अधिकारियों की मदद कर रही.
तटीय पेम्बा शहर में विश्व खाद्य कार्यक्रम का कार्यालय है - इसी शहर में चक्रवात से भूस्खलन की आशंका जताई गई है. उसके पास पेल्मा और मोसीमबोआ द प्रेआ के उत्तर तटीय शहरों में 300 मैट्रिक टन भोजन का भंडार एकत्र किया गया है. वेरहूजल ने बताया कि मानवीय सहायता से जुड़े सहभागियों ने इन क्षेत्रों में ‘गोदाम तैयार रखने का सुझाव दिया है ताकि भोजन को सुरक्षित रखा जा सके और तूफ़ान से बचा जा सके.
इदई तूफ़ान से हुई तबाही के बाद ‘लाखों लोग’ अब भी संघर्ष कर रहे हैं. दक्षिणी क्षेत्र से हजारों किलोमीटर दूर जिन इलाक़ों में चक्रवात इदई ने छह हफ्ते पहले तबाही मचाई थी वहाँ व्यापक राहत कार्य चलाए जा रहे हैं.
वेरहूजल के अनुसार, ‘हालांकि अधिकतर क्षेत्रों में बाढ़ का पानी कम हो गया है, फिर भी ‘लाखों लोग अपने जीवन को पटरी पर लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.’
एक अन्य गंभीर व चिंताजनक घटना भी दर्ज गई है. ऐसा सुनने में आया है कि सोफाला प्रांत के हमातांदा ज़िले में चक्रवात पीड़ितों से खाद्य सामग्री के बदले सेक्स की मांग की गई है. विश्व खाद्य कार्यक्रम ने इस घटनाक्रम की कड़ी निंदा की है.
खाद्य सामग्री देने के बदले यौन शोषण और उत्पीड़न के ‘घृणास्पद’ आरोप पर विश्व खाद्य कार्यक्रम प्रवक्ता ने कहा कि इसमें ‘डब्ल्यूएफपी, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ या इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन से जुड़ी सहभागी संस्थाओं का कोई कर्मचारी शामिल नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘भोजन मुहैया कराने के बदले सैक्स की माँग करने सम्बंधी आरोप सामने आने के बाद डब्ल्यूएफपी ने तत्काल जांच शुरू कर दी है. कथित यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं से बातचीत की जा रही है.’
‘कर्मचारियों को ऐसे अनेक मामलों के बारे में पता चला है जहां खाद्य सामग्री का वितरण करने वाले सामुदायिक स्वयंसेवकों ने महिलाओं और लड़कियों से भोजन के बदले सेक्स की मांग की.’
अधिक सुरक्षात्मक उपाय
प्रवक्ता वेरहूजल ने कहा कि राहत कार्यों में यौन शोषण और उत्पीड़न को रोकने के लिए डब्ल्यूएफ़पी सरकारी प्रतिनिधियों से मुलाक़ात करके अधिक संवेदनशील लोगों की सुरक्षा के लिए ‘मजबूत’ उपाय करने की माँग करेगा.
कथित यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं और लड़कियों को संयुक्त राष्ट्र एजेसियाँ, सरकार और ग़ैर सरकारी संगठन (एनजीओ) अतिरिक्त सहायता मुहैया कराएंगे.
मोज़ाम्बीक में सहभागी संस्थाओं को राहत सामग्री वितरित करने से पहले समुदायों को जागरूक करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. ये संस्थाएँ लोगों को बताएंगी कि यौन शोषण और उत्पीड़न का शिकार होने वाली महिलाओं को सरकारी सहभागियों से मदद मांगनी चाहिए.
वेरहूजल ने कहा, ‘डब्ल्यूएफपी यौन शोषण, उत्पीड़न या दुर्व्यवहार (एसईए) को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा. अगर ऐसा उन लोगों और समुदायों के साथ किया गया है जिनके लिए हम कार्य करते हैं, तो यह और भी चौंकाने वाला है. इसके प्रति जीरो टॉलरेंस का अर्थ यह है कि यौन शोषण और उत्पीड़न करने वालों को क़तई बख़्शा नहीं किया जाएगा’