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संयुक्त राष्ट्र और अरब देशों में मज़बूत संबंधों पर बल

ट्यूनिस में अरब लीग की बैठक को संबोधित करते यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश.
Screen grab/video of the speech
ट्यूनिस में अरब लीग की बैठक को संबोधित करते यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश.

संयुक्त राष्ट्र और अरब देशों में मज़बूत संबंधों पर बल

शान्ति और सुरक्षा

ट्यूनिस में अरब लीग की शिखर वार्ता में हिस्सा ले रहे संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अंतरराष्ट्रीय पटल पर उत्तर अफ़्रीका और मध्य पूर्व क्षेत्र की अहमियत को रेखांकित किया है. अपने संबोधन में उन्होंने अरब जगत के देशों और संयुक्त राष्ट्र में आपसी सहयोग को और मज़बूत बनाए जाने की अपील की है.

अरब लीग के 22 सदस्य देशों से आए राजनीतिक नेताओं को संबोधित करते हुए यूएन प्रमुख ने कहा, “उत्तर अफ़्रीका और मध्य पूर्व अपने में ज़बरदस्त गतिशीलता और संभावनाओं को समेटे हैं. यह एक ऐसा क्षेत्र है जो लंबे समय से शांति और समृद्धि के लिए प्रयासरत है. मेरा विश्वास है कि उस नियति को पाना इस क्षेत्र के लिए बेहद अहम है.”

महासचिव गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा है कि संयुक्त राष्ट्र का एजेंडा एकजुटता और एकता की भावना के साथ इन्हीं अभिलाषाओं का समर्थन करना है.

अरब लीग की बैठक ट्यूनिशिया की राजधानी ट्यूनिस में हो रही है.

मानव इतिहास और वैश्विक सभ्यताओं में अरब जगत के योगदानों को उद्धत करते हुए उन्होंने मौजूदा समय में अरब देशों द्वारा शरणार्थियों की मदद को रेखांकित किया.  “एक ऐसे समय में जब अधिकतर सीमाएं दुर्भाग्य से बंद हो रही हैं, कई अरब देश लगातार आ रहे शरणार्थियों का उल्लेखनीय सत्कार और मदद कर रहे हैं.”

उन्होंने यमन से सीरिया तक जारी युद्धों, इस्लामिक स्टेट के उभार और पतन, फ़लस्तीनियों को आत्म-निर्णय का अधिकार न मिल पाने और इन मुद्दों से क्षेत्र में उपजती चुनौतियों का भी ज़िक्र किया. “क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए अरब जगत की एकता बुनियादी शर्त है और मैं उसी की मज़बूत अपील करता हूं. क्षेत्र में बाहरी पक्षों का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए जिससे अस्थिरता फैल सकती है.” उन्होंने एक क्षेत्रीय दूरदृष्टि विकसित करने की अपील की जिसका मूल सहयोग, सम्मान और पारस्परिक हितों में होगा.

साथ ही क्षेत्र में नौकरियों और आर्थिक अवसरों को उपलब्ध कराने की ज़रूरत पर भी बल दिया गया है ताकि सभी के लिए मानवाधिकार सुनिश्चित हो सकें, लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ा जा सके और क़ानून के राज, विविधता, मूलभूत अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रसार हो सके. 

चार प्रमुख चुनौतियां

यूएन प्रमुख ने चार मुख्य मुद्दों का उल्लेख किया जिन पर एक व्यपाक क्षेत्रीय रुख़ अपनाने से मदद मिल सकती है. इनमें पहला फ़लस्तीन और इसराइल के बीच विवाद को दो-राष्ट्र समाधान और येरुशलम को दोनों की राजधानी बनाना है. “कोई प्लान बी नहीं है. दो राष्ट्र के बग़ैर कोई समाधान संभव नहीं है.”

दूसरा मुद्दा यमन में जारी संघर्ष है जिसे सुलझाने के लिए पिछले साल दिसंबर में स्वीडन के स्टॉकहोम में कुछ हद तक सफलता मिली और दोनों पक्ष बंदरगाहर शहर हुदायदाह में लड़ाकों और सैनिकों की पुर्नतैनाती पर सहमत हुए. इसके बाद मानवीय राहत के लिए रास्तों को खोलने के प्रयास जारी हैं.

उधर लीबिया में आठ साल से चले आ रहे संघर्ष पर उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में समाधान की तलाश में प्रगति हुई है और नेशनल कांफ्रेंस के आयोजन पर राजनीतिक सहमति बनी है. उन्होंने उम्मीद जताई कि लीबियाई नागरिकों के नेतृत्व में और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन से यूएन की योजना के अनुरूप राजनीतिक प्रक्रिया में आगे बढ़ा ज सकता है.

साथ ही उन्होंने कहा कि सीरिया में लाखों लोग अब भी विस्थापित हैं, राहत की तलाश में है जबकि हज़ारों को हिरासत में लिया गया है. स्थायी शांति के लिए राजनीतिक रास्ते पर आगे बढ़ा जाना ज़रूरी है और इस प्रक्रिया में सीरिया के सभी लोगों को आवाज़ों और दुखों को सुना जाना चाहिए.