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आतंकवाद के विरूद्ध अहम प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पारित

आतंकी गतिविधियों से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को उपजते ख़तरों पर सुरक्षा परिषद में चर्चा.
UN Photo/Eskinder Debebe
आतंकी गतिविधियों से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को उपजते ख़तरों पर सुरक्षा परिषद में चर्चा.

आतंकवाद के विरूद्ध अहम प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पारित

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने दुनिया भर में आतंकवादी गतिविधियों और आतंकी गुटों की फ़ंडिंग पर लगाम कसने के उद्देश्य से एक नया प्रस्ताव पारित किया है. संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवाद के विरूद्ध लड़ाई में इस प्रस्ताव को एक महत्वपूर्ण पड़ाव करार दिया है जिससे आतंकवाद को मिलने वाले वित्तीय समर्थन को रोकने में मदद मिलेगी.

रोम से वीडियो लिंक के ज़रिए बात करते हुए संयुक्त राष्ट्र के आंतकवाद निरोधक प्रमुख व्लादीमीर वोरोनकोव ने कहा कि बेहद अहम समय में इसे पारित किया गया है. हाल के दिनों में हमले दिखाते हैं कि आतंकी गुटों को क़ानूनी और ग़ैरक़ानूनी स्रोतों से धन मिलना जारी है.

वोरोनकोव ने अपने संबोधन में आतंकवाद के लिए मुहैया कराई जाने वाली वित्तीय मदद के विरूद्ध मज़बूत सहयोग और सही दिशा में लक्षित प्रयासों की ज़रूरत को रेखांकित किया.

उन्होंने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों को मिलने वाले वित्तीय समर्थन को रोकने के लिए सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 2462 पुराने प्रस्तावों को साथ लाकर बना एक समाहित दस्तावेज़ है जिसमें कई मुख्य उभरते हुए मुद्दों को ध्यान में रखा गया है.

इस प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय (UNOCT) से आतंकी गतिविधियों को वित्तीय समर्थन रोकने के लिए रास्तों की पहचान करने में अग्रणी भूमिका निभाने की अपील की गई है. वैश्विक स्तर पर आतंकवाद विरोधी रणनीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए इस कार्यालय को 2017 में बनाया गया.

वोरोनकोव ने अपनी तीन प्राथमिकताओं का ज़िक्र किया है. पहली प्राथमिकता के तहत आतंकवाद निरोधक कार्यालय का दायरा बढ़ाकर उसमें ख़ुफिया सूचना के आदान- प्रदान, जोखिमों की समीक्षा और निजी और सावर्जनिक क्षेत्र के बीच साझेदारी को सम्मिलित किया जाएगा.

दूसरी प्राथमिकता इस समस्या से निपटने के लिए पूरी प्रणाली में व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाने और विस्तृत ढंग से एक कार्य पद्धति तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

तीसरी प्राथमिकता के तहत 'फ़ाइनेन्शियल एक्शन टास्क फ़ोर्स' के साथ नज़दीकी  तौर पर काम किया जाएगा. यह टास्क फ़ोर्स एक अंतरसरकारी संस्था है जो काले धन को वैध बनाने, आतंकी गतिविधियों को वित्तीय समर्थन को रोकने और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था की अखंडता पर मंडराने वाले ख़तरों से निपटने के लिए मानक स्थापित करती है.

टास्क फ़ोर्स के प्रमुख मार्शल बिलिन्गस्लेया और आतंकवाद विशेषज्ञ मर्सी बुकु ने भी इस विषय में सुरक्षा परिषद को जानकारी दी. बिलिन्गस्लेया ने कहा कि नया प्रस्ताव, सदस्य देशों से आतंकी गुटों को फ़िरौती की राशि की रोकथाम करने की अपील करता है. अगर इसे नही रोका गया तो आतंकी गुटों को अपहरण के ज़रिए धन जुटाने के लिए बढ़ावा मिलता रहेगा.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि दो तिहाई से ज़्यादा सदस्य देश आतंकी गतिविधियों के लिए वित्तीय समर्थन पर लगाम कसने के लिए कदम नहीं उठा रहे हैं. बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र के अलावा, निर्माण क्षेत्र, मादक पदार्थों के व्यापार और इस्तेमाल की गई गाड़ियों की ख़रीद फ़रोख़्त के ज़रिए भी आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाया जाता है.

वहीं मर्सी बुकु ने नैरोबी से जानकारी देते हुए बताया कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में यह प्रस्ताव सामयिक है. लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि इस लड़ाई से बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच आसान बनाने और वित्तीय समावेश के ज़रिए ग़रीबी और असमानता दूर करने के प्रयासों पर असर नहीं पड़ना चाहिए.